गूगल अल्फाबेट समाचार NEWS GOOGLE
11 August 2015
Add Comment
नई दिल्ली। दुनिया की दिग्गज इंटरनेट कंपनी गूगल ने अपने बिजनेस की रीस्ट्रक्चरिंग कर दी है। अब गूगल एक पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के अंडर होगी। गूगल और उससे जुड़े दूसरे वेंचर व प्रोजेक्ट अब अल्फाबेट के अंडर ही काम करेंगे। कंपनी की इस रीस्ट्रक्चरिंग की प्रमुख वजह बड़े प्रोजेक्ट और आंत्रप्रेन्योशिप पर अपना फोकस बढ़ाना है।
फ्यूचर प्रोजेक्ट्स पर फोकस
पैरेंट कंपनी अब फ्यूचर प्रोजेक्ट पर प्रमुख रूप से फोकस करेगी। इसकी जिम्मेदारी खुद गूगल के को-फोउंडर लैरी पेज के हाथों में होगी। दरअसल, गूगल इन बदलावों के जरिए अपने ड्राइवरलेस कार, एंटी एजिंग टेक्नोलॉजी और गुब्बारों से इंटरनेट एक्सेस करने वाले महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर फोकस करना चाहती है। जो ट्रेडिशनल रूप से चलने वाली कंपनी के जरिए शायद संभव नहीं थी। इसीलिए दोनों को-फाउंडर लैरी पेज और सर्जि बिन अब फैबलेट की कमान संभालेंगे। जबकि इंटरनेट बिजनेस जो कि गूगल का ट्रेडिशनल काम है, उसे गूगल की कोर टीम के मेंबर चलाएंगे।
क्यों पड़ी जरूरत
गूगल ने अपनी शुरुआत एक सर्च इंजन से की, लेकिन समय के साथ उसमें कई सारी चीजें जुड़ती चली गईं। कंपनी ने यूट्यूब, एंड्रॉयड और जीमेल जैसे कई सारे बेहद पॉपुलर इंटरनेट प्रोडक्ट्स खरीदकर दुनियाभर में अपना सिक्का जमाया। एक्सपैंशन और बढ़ती रीच की वजह से कंपनी मैनेजमेंट का मानना है कि इतने सारे प्रोजेक्ट का मैनेजमेंट किसी सिंगल कंपनी द्वारा संभव नहीं है। साफ तौर पर अलग-अलग तरह की कंपनियों के लिए अलग-अलग तरह के लीडर, कंपनियों के लिए अलग-अलग कल्चर और अलग-अलग रिसॉर्सेज की जरूरत है। अल्फाबेट इन्हीं जरूरतों से जन्मी कंपनी है। यह एक होल्डिंग कंपनी है, जो कंपनी के विभिन्न वेंचर्स की निगरानी करते हुए यह भी सुनिश्चित करेगी कि हर वेंचर को काम करने की पूरी आजादी मिले।
फ्यूचर प्रोजेक्ट्स पर फोकस
पैरेंट कंपनी अब फ्यूचर प्रोजेक्ट पर प्रमुख रूप से फोकस करेगी। इसकी जिम्मेदारी खुद गूगल के को-फोउंडर लैरी पेज के हाथों में होगी। दरअसल, गूगल इन बदलावों के जरिए अपने ड्राइवरलेस कार, एंटी एजिंग टेक्नोलॉजी और गुब्बारों से इंटरनेट एक्सेस करने वाले महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर फोकस करना चाहती है। जो ट्रेडिशनल रूप से चलने वाली कंपनी के जरिए शायद संभव नहीं थी। इसीलिए दोनों को-फाउंडर लैरी पेज और सर्जि बिन अब फैबलेट की कमान संभालेंगे। जबकि इंटरनेट बिजनेस जो कि गूगल का ट्रेडिशनल काम है, उसे गूगल की कोर टीम के मेंबर चलाएंगे।
क्यों पड़ी जरूरत
गूगल ने अपनी शुरुआत एक सर्च इंजन से की, लेकिन समय के साथ उसमें कई सारी चीजें जुड़ती चली गईं। कंपनी ने यूट्यूब, एंड्रॉयड और जीमेल जैसे कई सारे बेहद पॉपुलर इंटरनेट प्रोडक्ट्स खरीदकर दुनियाभर में अपना सिक्का जमाया। एक्सपैंशन और बढ़ती रीच की वजह से कंपनी मैनेजमेंट का मानना है कि इतने सारे प्रोजेक्ट का मैनेजमेंट किसी सिंगल कंपनी द्वारा संभव नहीं है। साफ तौर पर अलग-अलग तरह की कंपनियों के लिए अलग-अलग तरह के लीडर, कंपनियों के लिए अलग-अलग कल्चर और अलग-अलग रिसॉर्सेज की जरूरत है। अल्फाबेट इन्हीं जरूरतों से जन्मी कंपनी है। यह एक होल्डिंग कंपनी है, जो कंपनी के विभिन्न वेंचर्स की निगरानी करते हुए यह भी सुनिश्चित करेगी कि हर वेंचर को काम करने की पूरी आजादी मिले।
आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग पर फोकस
गूगल ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि अल्फाबेट गूगल और उससे जुड़ी कंपनियों का एक कलेक्शन है। कोई शक नहीं कि गूगल इस कलेक्शन की सबसे बड़ी कंपनी है। नई कंपनी अन्य कंपनियों की तुलना में अधिक प्रोग्रेसिव, ऑफबीट और आउट ऑफ बॉक्स सोचने वाली होगी। अपने ऑफिशियल ब्लॉग पोस्ट में सीईओ लैरी पेज ने लिखा है कि सर्गे और मैं सर्वश्रेष्ठ कैपिटल एलोकेशन के जरिए अल्फाबेट के अंडर हर बिजनेस का बेहतरीन परफॉर्मेंस सुनिश्चित करेंगे। वह लिखते हैं कि कंपनी सुनिश्चित करेगी कि अल्फाबेट के तहत आने वाली हर कंपनी का सीईओ सर्वश्रेष्ठ हो।
अल्फाबेट होगी मुख्य एक्वीजिशन व्हीकल
अल्फाबेट अब मुख्य एक्वीजिशन व्हीकल का भी काम करेगी। खासकर बड़ी कंपनियों के एक्वीजिशन में इसकी बड़ी भूमिका होगी। इसके अलावा, गूगल के सीईओ रहे लैरी पेज अब मैनेजमेंट की सरदर्दी से अलग हटकर पूरी तरह से आंत्रप्रेन्योरशिप पर फोकस करेंगे। इसीलिए, उन्होंने भारतीय सुंदर पिचाई को गूगल का सीईओ बनाया है।
0 Response to "गूगल अल्फाबेट समाचार NEWS GOOGLE"
Post a Comment
Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅