कितना कमाते हैं जिगोलो मर्द भी बेचते हैं अपना जिस्म kaise ban jate hai
13 February 2019
मर्द भी बेचते हैं अपना जिस्म' जिगोलो' यानी मेल एस्कॉट या कॉल ब्वॉयज। चौंकिए मत, जिस्मफरोशी का बाजार औरतों से ही नहीं मर्दों से भी चलता है।
जिस तरह से कॉल गर्ल्स (वेश्याओं) का मेट्रो सिटीज में खूब बोलबाला है ठीक वैसे ही अब पुरूषों की भी देह व्यापार की डिमांड बढ़ रही है।
विदेशों में तो मेल एस्कॉर्ट होना बहुत आम बात है, पर भारत में भी ये ट्रेंड बढ़ता जा रहा है।
हालांकि महिलाएं ऑनलाइन पुरूषों को तभी खरीदती हैं जब पुरूष उनका दिल जीतने में सक्षम हो जाते हैं।
कई वेबसाइट महिलाओं को ये मुफ्त सुविधा दे रही है कि महिलाएं अपने पसंद के 'जिगोलो' का चुनाव करें।
इस खरीद-फरोख्त को इस वेबसाइट ने ‘gigoloS’ का नाम दिया है। एक और जहां महिलाएं इस सुविधा का मुफ्त लुफ्त उठा रही हैं सेवाएं वहीं 'जिगोलो' को महिलाओं से मिलने के लिए क्रेडिट कार्ड पैकेज खरीदना पड़ता है।
जिस तरह से कॉल गर्ल्स (वेश्याओं) का मेट्रो सिटीज में खूब बोलबाला है ठीक वैसे ही अब पुरूषों की भी देह व्यापार की डिमांड बढ़ रही है।
विदेशों में तो मेल एस्कॉर्ट होना बहुत आम बात है, पर भारत में भी ये ट्रेंड बढ़ता जा रहा है।
कितना कमाते हैं जिगोलो
जिगोलो को आमतौर पर एक घंटे के लगभग पाँच हज़ार तो कुछ घंटों के 10 हज़ार, एक रात के तकरीबन 25 हज़ार रुपए तक मिल जाते हैं। अगर ये कहें कि एक मेल एस्कॉर्ट की एक महीने में तकरीबन 2 लाख के आसपास कमाई होती है तो ज्यादा नहीं होगा।
हमेशा परफेक्ट रहते हैं जिगोलो
जिगोलो को हरदम परफेक्ट रहना होता है। उन्हें अपने कपड़ों से लेकर हर चीज पर सलीके से ध्यान देना होता है।
ना सिर्फ कपड़े बल्कि पर्सनेलिटी और स्टाइल भी जिगोलो में होना जरूरी है। साथ ही ये लोग बढ़िया ब्रांड का परफ्यूम भी इस्तेमाल करते हैं ताकि इनसे सुगंध आती रहे। नहीं तो उन्हें महिला ग्राहकों को आकर्षित करना मुश्किल हो सकता है।
हमेशा परफेक्ट रहते हैं जिगोलो
जिगोलो को हरदम परफेक्ट रहना होता है। उन्हें अपने कपड़ों से लेकर हर चीज पर सलीके से ध्यान देना होता है।
ना सिर्फ कपड़े बल्कि पर्सनेलिटी और स्टाइल भी जिगोलो में होना जरूरी है। साथ ही ये लोग बढ़िया ब्रांड का परफ्यूम भी इस्तेमाल करते हैं ताकि इनसे सुगंध आती रहे। नहीं तो उन्हें महिला ग्राहकों को आकर्षित करना मुश्किल हो सकता है।
कैसे हायर होते हैं
वैसे तो इनका कोई एक ठिकाना नहीं होता लेकिन मसाज पार्लर, जिम और खासतौर पर ऐसे पार्लर जहां महिलाओं को संवारा जाता है, में 'जिगोलो' आसानी से मिल जाते है। बड़ी पार्टीज में अकसर 'जिगोलो' नए काम और नए ग्राहकों की तलाश में रहते हैं।
'जिगोलो' का रैकेट इन्हें हायर करने का सबसे बड़ा जरिया होता है। इसके अलावा पुराने ग्राहक भी इनको काम दिलाने में मदद करते हैं।
इंटरनेट भी सबसे बड़ा जरिया होता है की डिमांड को बढ़ा रहा है। फोन कॉल करने की बजाय नेट पर जिगोलो आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं।
'जिगोलो' का रैकेट इन्हें हायर करने का सबसे बड़ा जरिया होता है। इसके अलावा पुराने ग्राहक भी इनको काम दिलाने में मदद करते हैं।
इंटरनेट भी सबसे बड़ा जरिया होता है की डिमांड को बढ़ा रहा है। फोन कॉल करने की बजाय नेट पर जिगोलो आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं।
हालांकि महिलाएं ऑनलाइन पुरूषों को तभी खरीदती हैं जब पुरूष उनका दिल जीतने में सक्षम हो जाते हैं।
कई वेबसाइट महिलाओं को ये मुफ्त सुविधा दे रही है कि महिलाएं अपने पसंद के 'जिगोलो' का चुनाव करें।
इस खरीद-फरोख्त को इस वेबसाइट ने ‘gigoloS’ का नाम दिया है। एक और जहां महिलाएं इस सुविधा का मुफ्त लुफ्त उठा रही हैं सेवाएं वहीं 'जिगोलो' को महिलाओं से मिलने के लिए क्रेडिट कार्ड पैकेज खरीदना पड़ता है।
डॉक्टर नीलम सक्सेना का कहना है कि, ''जिगोलो' आमतौर पर वहीं लोग बनते हैं जिन्हें पैसा कमाना होता है या जो मॉडर्न लाइफस्टाइल को फॉलो करना चाहते हैं लेकिन ये आज के युवाओं के लिए बड़ा खतरा है।'
वे कहती हैं, ''जिगोलो' बन रहे युवाओं के मानसिक और शारीरिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे युवा ना सिर्फ समय से पहले कई सेक्सुअल बीमारियों का शिकार हो जाते हैं बल्कि वे मानसिक तनाव, अकेलापन, डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी घिर जाते हैं।'
डॉ. के मुताबिक, 'ऐसे युवाओं की अपनी निजी जिंदगी खत्म हो जाती है, वे मैरिड लाइफ को अच्छी तरह से एन्जॉय नहीं कर पाते
वे कहती हैं, ''जिगोलो' बन रहे युवाओं के मानसिक और शारीरिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे युवा ना सिर्फ समय से पहले कई सेक्सुअल बीमारियों का शिकार हो जाते हैं बल्कि वे मानसिक तनाव, अकेलापन, डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी घिर जाते हैं।'
डॉ. के मुताबिक, 'ऐसे युवाओं की अपनी निजी जिंदगी खत्म हो जाती है, वे मैरिड लाइफ को अच्छी तरह से एन्जॉय नहीं कर पाते