नपुंसकता क्या है Impotence problems and treatment hindi
13 February 2019
3 Comments
Napunsakta ka nidan napunsak meaning hindi english प्राइवेट पार्ट में पर्याप्त तनाव न आने या पर्याप्त तनाव आने के बाद भी सही तरीके से सहवास न कर पाने को नपुंसकता कहा जा सकता है
आजकल नपुंसकता या इम्पोटेंसी की बजाय इरेक्टाइल डिसफंक्शन (सही तनाव का अभाव) कहा जाता है एक पुरुष के लिंग में संभोग के लिये आवश्यक कठिनता प्राप्त नही होने को नपुंसकता कहते है.
पुरषों में शिश्न उन्नत नहीं होना या उसको उन्नत बनाए ना रख पाना. चिकित्सीय भाषा में उत्थानक्षम होने के शिश्न के सामान्य कार्य में विकार आना. संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 30 लाख लोग इस हालत से प्रभावित होते है.
शिश्न के उन्नत होने में बाधा और समयपूर्व विर्यस्खलन जो संभोग के प्रारंभ के बाद लगभग 1मिनीट में होता ये दोनो विकार एक जैसे नही है शिश्न के उन्नत होने में बाधा आने के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
मनोवैज्ञानिक कारण, जैसे अवसाद, चिंता अपराध, या डर से कभी कभी यौन समस्याएं पैदा हो सकती है. एक समय में, इन कारणो को नपुंसकता का प्रमुख कारण माना गया था. अब डॉक्टरों को पता चाला है कि इस समस्या के साथ सबसे अधिक पुरुषों में शारीरिक कारणो से नपुंसकता होती है.
हालांकि, शर्मिंदगी या "प्रदर्शन की चिंता" एक शारीरिक समस्या को बदतर बना सकती हैं. मनोवैज्ञानिक कारणों से हुवी नपुंसकता अधिकांश युवा पुरुषों में अधिक पायी जाती है.
दवाएँ
कई दवाए, यौन समस्याओं का कारण बन सकती है, उच्च रक्तचाप, अवसाद, हृदय रोग और प्रोस्टेट कैंसर के लिए दवाए शामिल है.
हार्मोन संबंधी समस्या
टेस्टोस्टेरोन, थायराइड हार्मोन और एक पीयूषिका प्रोलैक्टिन हार्मोन जैसे कुछ हार्मोनों के असामान्य स्तर, के कारण शिश्न के उन्नत होने और कामेच्छा के साथ हस्तक्षेप हो सकता हैं. ये नपुंसकता का एक असामान्य कारण है.
पुरुष के सेक्स चक्र में चार चरण होते हैं। कामेच्छा, इंद्रिय में पर्याप्त तनाव, स्त्री जननांग में प्रवेश और चरम सीमा। कई बार कामेच्छा की कमी तो कई बार नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी की वजह से उत्तेजना में कमी आ सकती है।
65-70 साल की उम्र के बाद कई बार पुरुष हॉर्मोंस की कमी से भी यह समस्या उठ खड़ी होती है। एक आदमी को एक अवस्था में पर्याप्त उत्तेजना आती है जैसे कि सुबह के वक्त, पेशाब करते समय या मास्टरबेशन के वक्त, पर उसे दूसरी अवस्था में उत्तेजना नहीं आती तो यह समस्या मानसिक मानी जाएगी, शारीरिक नहीं। विशेष रूप से डायबीटीज के मरीजों में यह समस्या अक्सर पाई जाती है।
डायबीटीज के मरीजों के सेक्स चक्र में कामेच्छा और चरम/ स्खलन अवस्था तो नॉर्मल ही बनी रहती है, पर प्राइवेट पार्ट के तनाव में अक्सर कमी आ जाती है। ऐसे मरीजों को शुगर कंट्रोल में करनी चाहिए ताकि समस्या ज्यादा न बढ़े। अगर शुगर के कंट्रोल में होने के बाद भी तनाव में हुई कमी बनी रहती है तो ऐसी अवस्था में देसी वायग्रा या वायग्रा कारगर साबित हो सकती है
यह गोली 50 या 100 मिलीग्राम की मात्रा में उपलब्ध है, जिसे सहवास से एक घंटा पहले लेना चाहिए। खाली पेट यह गोली ज्यादा कारगर साबित होती है। चौबीस घंटों में यह गोली ज्यादा-से-ज्यादा एक बार ही लेनी चाहिए। कई बार शारीरिक नपुंसकता के साथ-साथ मानसिक नपुंसकता भी जुड़ी रहती है। यह गोली दोनों अवस्थाओं में काम करती है।
नसों का सामान्य रूप से काम करना, एक आदमी के शिश्न को उन्नत बनाने और बनाए रखने के लिये बहूत जरुरी हैं. को मधुमेह, उतकोमें एकाधिक काठिन्य, प्रोस्टेट सर्जरी या रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुचने द्वारा नसें क्षतिग्रस्त हो सकती है.
शुक्राणुओं की कमी की वजह से कभी नपुंसकता नहीं आती। यहां तक कि नपुंसकता के मामले में शुक्राणुओं की जांच कराना बेकार है। नपुंसकता के शारीरिक कारण तो बहुत हैं,
जैसे नर्व्स में गड़बड़, पुरुष हॉर्मोंस की कमी या एक बार नाकाम होने के बाद दिमाग में नाकामी का डर बैठ जाना। यहां मरीजों को यह समझना जरूरी है कि नाकामी सामान्य बात है। इसका मतलब अंत नहीं है
जैसे, एक क्रिकेटर पहली पारी में डबल सेंचुरी लगाए और दूसरी पारी में जीरो पर आउट हो जाए तो इसका मतलब यह नहीं कि बाद में वह कभी सेंचुरी मार ही नहीं सकता। ऐसे मरीज अपना आत्मविश्वास बढ़ाकर समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
नोट : ऊपर बताई गई दवा का इस्तेमाल डॉक्टर से पूछकर ही करें।
Impotence problems and treatment hindi
पुरषों में शिश्न उन्नत नहीं होना या उसको उन्नत बनाए ना रख पाना. चिकित्सीय भाषा में उत्थानक्षम होने के शिश्न के सामान्य कार्य में विकार आना. संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 30 लाख लोग इस हालत से प्रभावित होते है.
शिश्न के उन्नत होने में बाधा और समयपूर्व विर्यस्खलन जो संभोग के प्रारंभ के बाद लगभग 1मिनीट में होता ये दोनो विकार एक जैसे नही है शिश्न के उन्नत होने में बाधा आने के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
मनोवैज्ञानिक कारक
मनोवैज्ञानिक कारण, जैसे अवसाद, चिंता अपराध, या डर से कभी कभी यौन समस्याएं पैदा हो सकती है. एक समय में, इन कारणो को नपुंसकता का प्रमुख कारण माना गया था. अब डॉक्टरों को पता चाला है कि इस समस्या के साथ सबसे अधिक पुरुषों में शारीरिक कारणो से नपुंसकता होती है.
हालांकि, शर्मिंदगी या "प्रदर्शन की चिंता" एक शारीरिक समस्या को बदतर बना सकती हैं. मनोवैज्ञानिक कारणों से हुवी नपुंसकता अधिकांश युवा पुरुषों में अधिक पायी जाती है.
दवाएँ
कई दवाए, यौन समस्याओं का कारण बन सकती है, उच्च रक्तचाप, अवसाद, हृदय रोग और प्रोस्टेट कैंसर के लिए दवाए शामिल है.
हार्मोन संबंधी समस्या
टेस्टोस्टेरोन, थायराइड हार्मोन और एक पीयूषिका प्रोलैक्टिन हार्मोन जैसे कुछ हार्मोनों के असामान्य स्तर, के कारण शिश्न के उन्नत होने और कामेच्छा के साथ हस्तक्षेप हो सकता हैं. ये नपुंसकता का एक असामान्य कारण है.
पुरुष के सेक्स चक्र में चार चरण होते हैं। कामेच्छा, इंद्रिय में पर्याप्त तनाव, स्त्री जननांग में प्रवेश और चरम सीमा। कई बार कामेच्छा की कमी तो कई बार नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी की वजह से उत्तेजना में कमी आ सकती है।
65-70 साल की उम्र के बाद कई बार पुरुष हॉर्मोंस की कमी से भी यह समस्या उठ खड़ी होती है। एक आदमी को एक अवस्था में पर्याप्त उत्तेजना आती है जैसे कि सुबह के वक्त, पेशाब करते समय या मास्टरबेशन के वक्त, पर उसे दूसरी अवस्था में उत्तेजना नहीं आती तो यह समस्या मानसिक मानी जाएगी, शारीरिक नहीं। विशेष रूप से डायबीटीज के मरीजों में यह समस्या अक्सर पाई जाती है।
शुगर नपुंसकता का एक बड़ा कारण
डायबीटीज के मरीजों के सेक्स चक्र में कामेच्छा और चरम/ स्खलन अवस्था तो नॉर्मल ही बनी रहती है, पर प्राइवेट पार्ट के तनाव में अक्सर कमी आ जाती है। ऐसे मरीजों को शुगर कंट्रोल में करनी चाहिए ताकि समस्या ज्यादा न बढ़े। अगर शुगर के कंट्रोल में होने के बाद भी तनाव में हुई कमी बनी रहती है तो ऐसी अवस्था में देसी वायग्रा या वायग्रा कारगर साबित हो सकती है
यह गोली 50 या 100 मिलीग्राम की मात्रा में उपलब्ध है, जिसे सहवास से एक घंटा पहले लेना चाहिए। खाली पेट यह गोली ज्यादा कारगर साबित होती है। चौबीस घंटों में यह गोली ज्यादा-से-ज्यादा एक बार ही लेनी चाहिए। कई बार शारीरिक नपुंसकता के साथ-साथ मानसिक नपुंसकता भी जुड़ी रहती है। यह गोली दोनों अवस्थाओं में काम करती है।
नाड़ी (रक्त वाहिका)
रोग जब रक्त लिंग के छड में एकत्र होता है, तब शिश्न उन्नत होता है. रक्त वाहिनी रोग से लिंग में बह रहे खून की मात्रा या लिंग के खून की मात्रा को सीमित कर सकते हैं. दोनों से शिश्न के उन्नत होने के साथ समस्या हो सकती हैं.
रक्त वाहिकाओ को धमनियां (atherosclerosis) के सख्त बनने से या आघात से क्षतिग्रस्त हो सकती है. नपुंसकता होने का सबसे आम कारण, रक्त वाहिनी के रोग माना जाता रहा है.
तंत्रिका क्षति (न्युरोपटी)
रक्त वाहिकाओ को धमनियां (atherosclerosis) के सख्त बनने से या आघात से क्षतिग्रस्त हो सकती है. नपुंसकता होने का सबसे आम कारण, रक्त वाहिनी के रोग माना जाता रहा है.
नसों का सामान्य रूप से काम करना, एक आदमी के शिश्न को उन्नत बनाने और बनाए रखने के लिये बहूत जरुरी हैं. को मधुमेह, उतकोमें एकाधिक काठिन्य, प्रोस्टेट सर्जरी या रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुचने द्वारा नसें क्षतिग्रस्त हो सकती है.
जैसे नर्व्स में गड़बड़, पुरुष हॉर्मोंस की कमी या एक बार नाकाम होने के बाद दिमाग में नाकामी का डर बैठ जाना। यहां मरीजों को यह समझना जरूरी है कि नाकामी सामान्य बात है। इसका मतलब अंत नहीं है
जैसे, एक क्रिकेटर पहली पारी में डबल सेंचुरी लगाए और दूसरी पारी में जीरो पर आउट हो जाए तो इसका मतलब यह नहीं कि बाद में वह कभी सेंचुरी मार ही नहीं सकता। ऐसे मरीज अपना आत्मविश्वास बढ़ाकर समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
नोट : ऊपर बताई गई दवा का इस्तेमाल डॉक्टर से पूछकर ही करें।
Some homemade remedies are written here to cure and prevent impotency. All these remedies are researched and collected from ancient healing Vedas such as Ashtanga Hridyam and Garud Purna for the information and suggestion to cure impotency.https://www.lifeinvedas.com/41-homemade-remedies-impotence-related-disorders/
ReplyDeleteImpotence can cause you for many reasons from old age to medications. There are lots of way to cure impotence naturally without any medication.
ReplyDeleteYou can use natural supplements like Ashwagandha and practice yoga, pranayama to get rid of impotence.
Very useful post. Get rid of erectile dysfunction naturally and safely. Use herbal treatment because of its effectiveness.
ReplyDelete