महाभियोग क्या होता है परिभाषा ओर प्रक्रिया प्रस्ताव अर्थ mahabhiyog kya hota hai meaning hindi indian president cji
21 April 2018
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mahabhiyog article in india भारत में महाभियोग नियम के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जजों के खिलाफ महाभियोग का इंक्रीमेंट प्रस्ताव लोकसभा या राज्यसभा कहीं भी पेश किया जा सकता है
यानी दोनों हाउस में यह महाभियोग प्रस्ताव पेश किया जा सकता है प्रस्ताव पेश करने के लिए लोकसभा में कम से कम 100 सांसदों और राज्यसभा में 50 सांसदों की जरूरत होती है लेकिन जज को हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव को पास कराना जरूरी होता है जो बहुत मुश्किल काम है
अगर किसी जज के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाए तो आरोपों की जांच करने के लिए 3 सदस्य वाली एक कमेटी बनाई जाती है इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जज किसी भी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मतलब CJI और एक लोकसभा के स्पीकर राज्यसभा के सभापति यह भी हो सकता है हो सकता है या कोई भी हो सकता है
प्रस्ताव को पास करने के लिए वोटिंग के दौरान सभी सांसदों का दो तिहाई बहुमत हासिल करना जरूरी है अगर संसद के दोनों सदनों में महाभियोग प्रस्ताव पास हो जाता है तो राष्ट्रपति प्रिवेंशन आर्डर के जरिए इस जज को हटा सकते हैं अब आप समझ गए होंगे कि
महाभियोग के जरिए किसी भी जज को हटाना कितना लंबा और मुश्किल काम है और इसीलिए आज तक स्वतंत्र भारत के इतिहास में कोई भी जज नहीं हटाया गया है लेकिन
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भारत के इतिहास के पहले मुख्य न्यायाधीश हैं जिनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया गया है
एक और नोट करने वाली बात यह है कि यह खास तौर पर राज्यसभा में लाया गया है लोकसभा में नहीं लाया गया क्योंकि लोकसभा में विपक्ष के पास सांसदों की संख्या नहीं है लोकसभा में सांसदों की जरूरत पड़ती है राज्यसभा सांसद राज्यसभा में congress आएगा क्योंकि विपक्ष के पास इतने नंबर कितने सांसद नहीं है कि वह दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत हासिल कर पाए और इसीलिए यह निश्चित है अगर यह मामला आगे बढ़ा दी तो भी यह प्रस्ताव गिर जाएगा और जस्टिस मिश्रा के बीच में नहीं हो पाएगा अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि जब यह संभव है ही नहीं जब महाभियोग संभव ही नहीं है तो फिर यह प्रस्ताव सिर्फ राजनीतिक दबाव डालने के लिए राजनीति करने के लिए और जस्टिस दीपक मिश्रा पर दबाव बनाने के लिए लाया गया है जुडिशरी पर दबाव डालने के लिए गया है
पर दबाव डालने के लिए लाया गया है और एक संदेश भेजने के लिए गया है ताकि दुष्प्रचार किया जा सके और और दबाव डाला जा सके ताकि आने वाले हैं बड़े-बड़े के तरीके से मैनेज किया जा सके सही कर रहे हैं और उन्हें इसी वर्ष अक्टूबर में रिटायर भी होना है कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को आशंका है कि जस्टिस दीपक मिश्रा रिटायर होने से पहले अयोध्या विवाद पर कोई फैसला सुना सकते हैं और वह फैसला ऐसा हो सकता है जिस जिस से अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा अगर राज्यसभा में महाभियोग का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है और जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ जांच के लिए कमेटी बना दी जाती है किसी भी मामले की सुनवाई नहीं कर पाएंगे क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के जजों की सुनवाई सुनवाई से दूर रहते है कि किसी भी तरीके से
दीपक मिश्रा को राम मंदिर मामले की सुनवाई से दूर रखा है निशाने पर कोई फैसला सुना दिया 2019 के लोकसभा चुनाव BJP का पूरा फायदा उठा सकती है और कोशिश करनी चाहिए किसी भी तरीके से दूर रहे बताता कि इस मामले में अगली सुनवाई 2019 के चुनावों के बाद ही की जाए इसलिए विपक्ष नहीं महादेव का यह पूरा प्लान बनाया इसके अलावा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा और भी कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर रहे हैं आधार से आम नागरिक की निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है या नहीं इस केस की सुनवाई भी जस्टिस दीपक मिश्रा ही कर रहे हैं इसके अलावा सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के अधिकार का केस और आईपीसी की धारा 377 यानी समलैंगिकता की परिभाषा में संशोधन का किस दिन दीपक मिश्रा की बेंच सुन रही है स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हिंदू से शादी के बाद पार्टी महिला का धर्म क्या होगा यह याचिका भी जस्टिस दीपक मिश्रा के पास है और इसके अलावा किस जज जस्टिस दीपक मिश्रा कल ही अपना फैसला सुना चुके हैं
आपको कमैंट्स में हमें बताये अब महाभियोग किस किस पर लगाया जाता है महाभियोग प्रस्ताव महाभियोग भारत महाभियोग परिभाषा महाभियोग न्यायाधीश महाभियोग अर्थ महाभियोग in india महाभियोग किस किस पर लगता है
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चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भारत के इतिहास के पहले मुख्य न्यायाधीश हैं जिनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया गया है
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दीपक मिश्रा को राम मंदिर मामले की सुनवाई से दूर रखा है निशाने पर कोई फैसला सुना दिया 2019 के लोकसभा चुनाव BJP का पूरा फायदा उठा सकती है और कोशिश करनी चाहिए किसी भी तरीके से दूर रहे बताता कि इस मामले में अगली सुनवाई 2019 के चुनावों के बाद ही की जाए इसलिए विपक्ष नहीं महादेव का यह पूरा प्लान बनाया इसके अलावा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा और भी कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई कर रहे हैं आधार से आम नागरिक की निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है या नहीं इस केस की सुनवाई भी जस्टिस दीपक मिश्रा ही कर रहे हैं इसके अलावा सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के अधिकार का केस और आईपीसी की धारा 377 यानी समलैंगिकता की परिभाषा में संशोधन का किस दिन दीपक मिश्रा की बेंच सुन रही है स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हिंदू से शादी के बाद पार्टी महिला का धर्म क्या होगा यह याचिका भी जस्टिस दीपक मिश्रा के पास है और इसके अलावा किस जज जस्टिस दीपक मिश्रा कल ही अपना फैसला सुना चुके हैं
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