दीपक मिश्रा के लिए कांग्रेस का महाभियोग CJI Dipak Mishra ke liye mahabhiyog supreme court details hindi jankari matlab news ram mandir
20 April 2018
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Kya hota hai mahabhiyog CJI महाभियोग संविधान के अनुछेद 121 के अंतर्गत आता है उसको पार्लियामेंट की अनुमति होने के बाद संपूर्ण कर सकते हैं और कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने आज देश के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का नोटिस राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को सौंप दिया। विपक्ष का आरोप है कि अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने संवैधानिक आदर्शों का उल्लंघन किया।
महाभियोग नोटिस पर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किया था, लेकिन उनमें से अब सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसलिए संख्या 64 रह गयी है। हालांकि राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए हस्ताक्षर करने वाले सांसदों की न्यूनतम संख्या 50 होनी चाहिए। आइए समझते हैं देश के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव से जुड़ी कुछ बड़ी बातें कि आखिर यह है क्या और कैसे पास होता है? -आज तक महाभियोग से कोई न्यायाधीश हटाया नहीं गया। -महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा में लाने के लिए 100 और राज्यसभा में लाने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर जरूरी हैं।
-महाभियोग प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति करते हैं स्वीकार या अस्वीकार करने का फैसला। -यदि प्रस्ताव स्वीकार होता है तो तीन सदस्यों की कमेटी बनाई जाती है। -इस कमेटी में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश होते हैं। -यह कमेटी न्यायाधीश पर लगाये गये आरोपों की जाँच करती है। -यदि जाँच कमेटी को आरोपों में दम लगता है तभी महाभियोग प्रस्ताव पर संसद में बहस हो सकती है। -संसद के दोनों सदनों में इस प्रस्ताव का दो तिहाई बहुमत से पारित होना जरूरी है। -संसद में महाभियोग प्रस्ताव यदि पारित हो जाता है तो फिर हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाता है। कपिल सिब्बल ने कहा
1 cji ने अपने पद का दरुपयोग किआ
2 खराब व्यवहार की वजय से हटाया जाए
3 लोकतंत्र में स्वतंत्र न्याय पालिका जरूरी
4 लोया मामले को नही सुना
5 देश के न्याय कि रक्षा होगी
आदी बाते कही sc cji दीपक मिश्रा जस्टिस लोया मामले को भी जिक्र किया गया था पर अब महाभियोग पीछे दोनों शब्दों में पारित होना नामुमकिन है
पर महाभियोग लाना आसान नही कांग्रेस जानती है कि दो तिहाई बहुमत मिला तो इसको लेकर आसान नहीं होगा उसके लिए और 7 विपक्षी पार्टियों को एकजुटता होना है कर्नाटक में चुनाव होने हैं
जस्टिस एके सीकरी ने सुना है जिसमें कहा गया है कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 121 के तहत यह प्रावधान है
कपिल सिब्बल ने कहा है 5 बाते जिनकी बजय से चीफ जस्टिस को हटाने के लिए कहा गया है ये कहा कपिल सिब्बल ने
Very special place Independence is a constitutional imperative which democracy was found it must Garden protect itself from external interference and must be above suspicion this is why judges must hold the highest standards of integrity you must also be tested by the same standards in the scheme of things within the judicial state are the office of the chief justice is is exalted position
Antique I'm certain administrative decisions internal rumblings resulting in open this Court judges in the supreme court is manifested itself when for senior most judge
This is a democracy will not survive in this country when expressed satisfaction at the manner in which place was being get with at the time we were hoping that The Invisible as reflected in the statements to the address by the Chief Justice chief justice in his house
Judges of the supreme court themselves believe that the Judiciary is independence is under threat and democracy in Delhi alluding to the functioning of the office of the Chief Justice of India should the nation stands still and do nothing show the people of this country allow the institution to diminish and not protected Forbidden and
महाभियोग नोटिस पर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किया था, लेकिन उनमें से अब सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसलिए संख्या 64 रह गयी है। हालांकि राज्यसभा में महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए हस्ताक्षर करने वाले सांसदों की न्यूनतम संख्या 50 होनी चाहिए। आइए समझते हैं देश के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव से जुड़ी कुछ बड़ी बातें कि आखिर यह है क्या और कैसे पास होता है? -आज तक महाभियोग से कोई न्यायाधीश हटाया नहीं गया। -महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा में लाने के लिए 100 और राज्यसभा में लाने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर जरूरी हैं।
-महाभियोग प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति करते हैं स्वीकार या अस्वीकार करने का फैसला। -यदि प्रस्ताव स्वीकार होता है तो तीन सदस्यों की कमेटी बनाई जाती है। -इस कमेटी में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश होते हैं। -यह कमेटी न्यायाधीश पर लगाये गये आरोपों की जाँच करती है। -यदि जाँच कमेटी को आरोपों में दम लगता है तभी महाभियोग प्रस्ताव पर संसद में बहस हो सकती है। -संसद के दोनों सदनों में इस प्रस्ताव का दो तिहाई बहुमत से पारित होना जरूरी है। -संसद में महाभियोग प्रस्ताव यदि पारित हो जाता है तो फिर हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाता है। कपिल सिब्बल ने कहा
1 cji ने अपने पद का दरुपयोग किआ
2 खराब व्यवहार की वजय से हटाया जाए
3 लोकतंत्र में स्वतंत्र न्याय पालिका जरूरी
4 लोया मामले को नही सुना
5 देश के न्याय कि रक्षा होगी
आदी बाते कही sc cji दीपक मिश्रा जस्टिस लोया मामले को भी जिक्र किया गया था पर अब महाभियोग पीछे दोनों शब्दों में पारित होना नामुमकिन है
पर महाभियोग लाना आसान नही कांग्रेस जानती है कि दो तिहाई बहुमत मिला तो इसको लेकर आसान नहीं होगा उसके लिए और 7 विपक्षी पार्टियों को एकजुटता होना है कर्नाटक में चुनाव होने हैं
जस्टिस एके सीकरी ने सुना है जिसमें कहा गया है कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 121 के तहत यह प्रावधान है
कपिल सिब्बल ने कहा है 5 बाते जिनकी बजय से चीफ जस्टिस को हटाने के लिए कहा गया है ये कहा कपिल सिब्बल ने
Very special place Independence is a constitutional imperative which democracy was found it must Garden protect itself from external interference and must be above suspicion this is why judges must hold the highest standards of integrity you must also be tested by the same standards in the scheme of things within the judicial state are the office of the chief justice is is exalted position
Antique I'm certain administrative decisions internal rumblings resulting in open this Court judges in the supreme court is manifested itself when for senior most judge
This is a democracy will not survive in this country when expressed satisfaction at the manner in which place was being get with at the time we were hoping that The Invisible as reflected in the statements to the address by the Chief Justice chief justice in his house
Judges of the supreme court themselves believe that the Judiciary is independence is under threat and democracy in Delhi alluding to the functioning of the office of the Chief Justice of India should the nation stands still and do nothing show the people of this country allow the institution to diminish and not protected Forbidden and
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