गाय पाले या कुत्ते आचरण ही हमारी श्रेष्ठता का प्रतिक है



गौ ज्ञान 

।। जय गौ माता।।

श्रीकृष्ण भगवान की कृपा प्राप्त करने का सुगम उपाय "गौ-सेवा" है। कामधेनु समुद्र मंथन से मिला देव-मनुष्यों को वरदान है। गो- दुग्ध से ही छीर-सागर बना। गौ के शरीर में समस्त देवताओं का वास है।

ऋग्वेदमें गाय को ‘अधंया’

यजुर्वेदमें ‘अनुपमेय’,

अथर्ववेद में ‘संपत्तियों का घर’ कहा गया है।

● गौ के मुख में 6 दर्शन व षडंग तथा चारों पैरों में वेद रहते हैं। "श्रीकृष्ण" गो-सेवा से जितने शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उतने अन्य किसी उपाय से नहीं।

भगवान राम् के पूर्वज महाराज-दिलीप नन्दिनी की पूजा करते थे। उन्हीं की कृपा से उनका वंश उन्नति को प्राप्त हुआ।

● महर्षि-वशिष्ट के आश्रम में #कामधेनु उनकी समस्त आवश्यकताओं को पूर्ण करती थीं। #विश्वामित्र इसी कामधेनु को प्राप्त करने के लिये वशिष्ठ पर #नारायणस्त्र, ब्रह्मास्त्र व पाशुपतास्त्र का संधान किया था परंतु कामधेनु के आशीष से सभी अस्त्र-शस्त्र निर्मूल सिद्ध हुए थे।

● भगवान-शिव का वाहन नंदी दक्षिणी-भारत के ओंगलें नामक नस्ल का सांड है।

● भगवान-ऋषभदेव का चिन्ह बैल था।

● तुलसीदासजी के अनुसार धर्म-अर्थ, काम व मोक्ष चारों फल गाय के चार थन रूप हैं।

● हिन्दू-शास्त्रों में व जैन आगमों में कामधेनु को स्वर्ग की गाय कहा है। गाय को ‘अवध्या’ माना है।

● संत-महावीर के अनुसार ‘गौ रक्षा’ बिना मानव रक्षा संभव नहीं है। !

● हजरत मोहम्मद" ने कहा है की ‘गाय का दूध रसायन, घी अमृत व मांस बीमारी है। तथा गाय दौलत की रानी है।

● ईसा-मसीह ने कहा है कि एक बैल को मारना एक मनुष्य को मारने के समान है।

---मित्रों/‘एक गाय अपने जीवन काल में 4,10,440 लाख मनुष्यों हेतु एक समय का भोजन जुटाती है। जबकि उसके मांस से 80 मांसाहारी केवल एक समय अपना पेट भर सकते हैं।

● "लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक" ने कहा था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कलम की नोक से #गोहत्यापूर्ण बंद कर दी जाएगी।

● प्रथम राष्ट्रपति"डॉ. राजेन्द्र प्रसाद" ने कहा था भारत में गोपालन सनातन-धर्म है।

● पूज्य देवराहा बाबा के अनुसार जब तक *गौमाता* का खून इस भूमि पर गिरता रहेगा, तब तक कोई भी धार्मिक व सामाजिक अनुष्ठान पूर्ण नहीं होगा।

● "स्व. जयप्रकाश नारायण" ने कहा था, हमारे लिये गोहत्या-बंदी अनिवार्य है। गाय के वैज्ञानिक महत्व को प्रतिपादित करने वाले अनेक शोध निष्कर्ष विज्ञान की कसौटी पर खरे उतरे हैं।

● रूसी वैज्ञानिक शिरोविच के अनुसार गाय के दूध में रेडिया विकिरण से रक्षा करने की सर्वाधिक शक्ति होती है एवं जिन घरों में गाय के गोबर से लिपाई पुताई होती है, वे घर रेडियों-विकिरण से सुरक्षित रहते हैं। गाय का दूध ह्दय रोग से बचाता है। गाय का दूध स्फर्तिदायक, आलस्यहीनता व स्मरण शक्ति बढ़ाता है। गाय व उसकी संतान के रंभने से मनुष्य की अनेक मानसिक विकृतियां व रोग स्वत: ही दूर होते हैं।

●मद्रास के डॉ.किंग के अनुसंधान के अनुसार गाय के गोबर में "हैजे" के कीटाणुओं को नष्ट करने की शक्ति होती है। टी.वी. रोगियों को गाय के बाड़े या गौशाला में रखने से, गोबर व

●गोमूत्र की गंध से क्षय रोग (टीवी) के कीटाणु मर जाते हैं। एक तोला गाय के घी से "यज्ञ" करने पर एक टन आक्सीजन (प्राणवायु) बनती है। रूस में प्रकाशित शोध जानकारी के अनुसार कत्लखानों से भूंकप की संभावनाएं बढ़ती हैं। शारीरिक रूप से गाय की रीड़ में सूर्यकेतुनाड़ी होती हैं जो सूर्य के प्रकाश में जाग्रत होकर पीले रंग का केरोटिन_तत्वछो ड़ती है। यह तत्व मिला दूध सर्व रोग नाशक, सर्व विष नाशक होता है।

गाय के घी को चावल से साथ मिलाकर जलाने से अत्यंत महत्वपूर्ण गैस जैसे इथीलीन आक्साइड गैस जीवाणु रोधक होने के कारण आप्रेशन थियेटर से लेकर जीवन रक्षक औषधि बनाने के काम आती है। वैज्ञानिक प्रोपलीन आक्साइड गैस कृत्रिम वर्षा का आधार मानते हैं। इसलिये यज्ञ पूर्ण वैज्ञानिक होते हैं।

●भारतीय_गौवंश के मूत्र व गोबर से तैयार लगभग 32 औषधियों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र व राजस्थान आदि सरकारों से मान्यता प्राप्त हैं। गाय के गोमूत्र में #तांबा होता है। जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर स्वर्ण में परिवर्तन हो जाता है। व स्वर्ण में सर्वरोगनाशक शक्ति होती है। गोमूत्र में अनेक रसायन होते हैं। जैसे नाइट्रोजन कार्बोलिक एस टी गाय के मूत्र में लैक्टोज सल्फर, अमोनिया गैस, कापर, पौटेशियम, यूरिया, साल्ट तथा अन्य कई क्षार व आरोग्यकारी अमल होते हैं।

गाय के गोबर में 16 प्रकार के उपयोगी खनिज पाये जातें हैं।

गोमूत्र में आक, नीम व तुलसी आदि उबालकर, कई गुना पानी में मिलाकर बढ़िया कीट नियंत्रण बनते हैं। गोबर की खाद प्राकृतिक है इससे धरती की उर्वरा शक्ति बनी रहती है। जबकि रसायनिक खाद व कीटनाशकों से धरती बंजर हो जाती है।

भूकंप, अकाल, खेती में नुकसान, असंपन्नता, विभिन्न प्रकार की बिमारियां एवम् पर्यावरण संकट यह सारी आपदा गौहत्या से संबंधित है?

गौ अर्थात्पॄथ्वि, और पॄथ्वि के सामान्य संतुलन का हेतु है,

गौगुण- ये आपके गुणों पर निर्भर करता है कि आप गाय पाले या कुत्ते……आचरण ही हमारी श्रेष्ठता का प्रतिक है!

post by http://gauparivar.com/blog_details.php?bid=24
feeding cows in hinduism why are cows sacred in hinduism why are cows holy in hinduism why do hindus worship cows indian cow why do indian people worship cows why are cows sacred to hindus why do hindus revere cows

0 Response to "गाय पाले या कुत्ते आचरण ही हमारी श्रेष्ठता का प्रतिक है"

Post a Comment

Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 1

Iklan Tengah Artikel 2

Iklan Bawah Artikel