प्रसिद्ध और लोकप्रिय कथा कहानियाँ Hindi kahaniya moral


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अभिमन्यु चक्रव्यूह में कैसे फंस गया?

अभिमन्यु चक्रव्यूह में कैसे फंस गया?
महाभारत युद्ध में अभिमन्यु के चक्र में फंसने की कथा बहुत प्रसिद्ध और लोकप्रिय है। अभिमन्यु अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा का पुत्र था। जब उसने युद्ध का समाचार सुना तो किशोरवस्था मे ही वह भी अपने पिता व चाचाओं की सहायता के लिए कुरुक्षेत्र आ पहुंचा। युद्धकाल में एक दिन काैरवों के सेनापित द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह रचा। चक्रव्यूह को भेदने की कला पांडव पक्ष में श्रीकृष्ण के अलावा केवल अर्जुन ही जानता था। अर्जुन न केवल व्यूह में प्रवेश जानता था, बल्कि वह उसे नष्ट करना आैर बाहर निकलना भी जानता था। अभिमन्यु को केवल प्रवेश की विद्या ही पता थी, जो उसने गर्भ में रहते हुए अपने पिता से सुनी थी। व्यूह को तोड़ना अनिवार्य था और अर्जुन युद्ध भूमि के दूसरे छोर पर था।इसलिए अभिमन्यु को ही व्यूह तोड़ने के लिए भेजा गया। युधिष्ठिर की योजना थी कि जैसे ही अभिमन्यु व्यूह का पहला द्वार तोड़ेगा। शेष सभी पांडव उसकी सहायता के लिए व्यूह में प्रवेश कर जाएंगे, लेकिन जयद्रथ के कारण शेष चारों पांडव व्यूह में प्रवेश नहीं कर सके।परिणामस्वरूप व्यूह में घिरे अभिमन्यु को कौरव योद्धाओं ने नि:शस्त्र कर घेर कर मार डाला। जयद्रथ को वरदान था कि वह युद्ध भूमि मे एक दिन अर्जुन को छोड़कर शेष चारों भाईयों पर भारी पड़ेगा, इसलिए पांडव अभिमन्यु की सहायता के लिए चक्रव्यूह में प्रवेश नहीं कर सके अौर अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंस गया।

जो होता है, अच्छे के लिए होता है – Moral Story 2
हमने यह बात कई बार सुनी होगी कि “हमारे साथ जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है – Whatever happens, happens for the Best|” लेकिन हम में से ज्यादात्तर लोग ऐसी बातों को सुन तो लेते है पर उन पर विश्वास (Believe) नहीं करते|

हम में से ज्यादात्तर लोगों की समस्या यह नहीं है कि उन्हें अच्छी बातों (Good Thoughts) का ज्ञान नहीं है बल्कि समस्या यह है की उनको अच्छी बातों (Good Thoughts) का ज्ञान होने पर वह उन बातों पर विश्वास नहीं करते|

जो होता है, अच्छे के लिए होता है – Moral Story

अकबर बीरबल – Akbar Birbal

एक बार शहंशाह अकबर (Akbar) एंव बीरबल (Birbal) शिकार पर गए और वहां पर शिकार करते समय अकबर की अंगुली कट गयी| अकबर को बहुत दर्द हो रहा था| पास में खड़े बीरबल( Birbal ) ने कहा – “कोई बात नहीं शहंशाह, जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है|” अकबर( Akbar ) को बीरबल की इस बात पर क्रोध आ गया और उसने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि बीरबल को महल ले जा कर कारागाह में डाल दिया जाये| सैनिकों ने बीरबल को बंधी बना कर कारागाह में डाल दिया एंव अकबर अकेले ही शिकार पर आगे निकल गए|

रास्ते में आदिवासियों ने जाल बिछा कर शहंशाह अकबर को बंधी बना लिया और अकबर की बली देने के लिए अपने मुखिया के पास ले गए|

जैसे ही मुखिया अकबर की बली चढाने के लिए आगे बढे तो किसी ने देखा कि अकबर की तो अंगुली कटी हुई है अर्थात् वह खंडित है इसलिए उसकी बली नहीं दी जा सकती और उन्होंने अकबर को मुक्त कर दिया| अकबर को अपनी गलती का अहसास हुआ एंव वह तुरंत बीरबल के पास पहुँचा| अकबर (Akbar) ने बीरबल को कारागाह से मुक्त किया एंव उसने बीरबल से माफ़ी मांगी कि उससे बहुत बड़ी भूल हो गयी जो उसने बीरबल (Birbal) जैसे ज्ञानी एंव दूरदृष्टि मित्र को बंधी बनाया| बीरबल ने फिर कहा – जो भी होता है अच्छे के लिए होता है| तो अकबर ने पूछा कि मेरे द्वारा तुमको बंधी बनाने में क्या अच्छा हुआ है?

बीरबल ने कहा, शहंशाह अगर आप मुझे बंधी न बनाते तो में आपके साथ शिकार पर चलता और आदिवासी मेरी बली दे देते| इस तरह बीरबल की यह बात सच हुई की जो भी होता है उसका अंतिम परिणाम अच्छा ही होता है|
दोस्त्तों यह कहानी (Moral Story) साबित करती है कि जो होता है, वह अच्छे के लिए ही होता है (Whatever happens, happens for good)| अच्छे का अर्थ उचित एंव न्यायपूर्ण परिणाम से है| दोस्तों अगर आपको ऐसे व्यक्ति के सम्बन्ध में न्याय करने के लिए बुलाया जाये जिसने कोई बुरा कार्य किया है तो आप क्या करेंगे? आप जरूर उसे ऐसी सजा देंगे या ऐसा कार्य करने को बोलेंगे जिससे कि उसको अपनी गलती का अहसास हो जाये और ऐसा करना ही सबसे न्यायपूर्ण एंव उचित होगा| दोस्तों अब प्रश्न उठता है कि सजा देने में उस व्यक्ति का क्या अच्छा हुआ जिसने कोई बुरा कार्य किया था? सजा देने में उस व्यक्ति का अच्छा ही हुआ है क्योंकि अगर उस व्यक्ति को इस बात का अहसास न हो कि उसने कुछ गलत किया है तो शायद वह व्यक्ति अपना सारा जीवन ऐसे ही बुरे कार्यो में व्यर्थ गँवा दे और जब उसके बाल सफ़ेद हो एंव दांत गिरने लगे तो इस बात पर पछताए की काश किसी ने उस वक्त सही रास्ता दिखा दिया होता तो यह जीवन (Life) व्यर्थ न जाता|

“शायद ही इस संसार में कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो मुसीबतों, कठिनाइयों, पराजय, मेहनत एंव गलतियों के बिना सफल हुआ हो| इसलिए हो सकता है कि आपकी मुसीबतें, कठिनाईयां, पराजय एंव गलतियाँ इस बात का सूचक है की आप जल्द ही सफल (Successful) होने वाले है|”

दोस्तों हमारे साथ भी हमेशा अच्छा ही होता है फर्क सिर्फ इस बात का है कि कुछ लोग इस बात पर विश्वास (Believe) करते है एंव हिम्मत नहीं हारते और यहीं दृढ़ निश्चय एंव विश्वास उनको सफलता (success) तक ले जाता है| वहीँ दूसरी ओर कुछ लोग ऐसी बातों पर विश्वास (Believe) नहीं करते एंव जल्द ही निराश (Disappointed) हो जाते है और यही निराशा उनको सफल (successful) होने से रोकती है|

निराशा की नींद से जागिये,

स्वंय से बात कीजिये – Talk To Yourself

कल कभी नहीं आएगा – Tomorrow Never Comes

आगे बढिये, आज आपका है – Go Ahead, Today is Yours

आपको, आप स्वंय के अलावा दूसरा कोई नहीं रोक सकता – No One Can Stop You except Yourself

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