कृष्ण जन्माष्टमी कब है | Krishna janmashtami 2021 usa


dahi handi images , janmashtami essay in gujarati, shree krishna janmashtami 2019 हिन्दू धर्म का खास पर्व कृष्ण जन्माष्टमी इस दिन कृष्ण भगबान ने जन्म लिया था तभी से इस दिन को कृष्ण जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है  कृष्ण जन्माष्टमी 2019 यानी जन्माष्टमी तारीख इस साल 23 अगस्त है. यानी इस बार जन्माष्टमी शनिवार के दिन होगी.

कृष्ण के नाम 


श्रीकृष्ण भक्तों ने जन्माष्टमी की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. पूरे भारत के साथ साथ विदेशों में भी जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाया जाता है. श्रीकृष्ण की जन्मभूमि वृन्दावन में तो इस पर्व की एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है.

कृष्णा के कई नाम है. कृष्ण प्रेमी उन्हें कन्हैया, गोविंद, गोपाल, नंदलाल, ब्रिजेश, मनमोहन, बालगोपाल, मुरली मनोहर भगवान श्रीकृष्ण को उनके भक्त अनेक नामों से बुलाते हैं. बाल कृष्ण की शररातों से जुड़ी ढेरों कहानी हैं, जिन्हें आज भी सुनाया जाता है. श्रीकृष्ण को सफेद मक्खन बेहद ही पंसद था जिस कारण उन्हें 'माखन चोर' नाम से भी जाना जाता है.

श्री कृष्ण का जीवन 


 श्री कृष्ण के जीवन में कर्म की निरंतरता और कभी भी निष्क्रिय नहीं रहना उनकी अवतारी को सिद्ध करती हैं। श्री कृष्ण भगवान का रूप था ये एहसास उन्होनें अपने जन्म और बालपन की घटनाओं से ही दिला दिया था।



जिस तरह अत्याचारी मामा कंस से बचकर उनका कारागृह में जन्म हुआ फिर उसके बाद राजा कंस के सख्त पहर में वासुदेव जी का यमुना पार कर गोकुल तक श्री कृष्ण को ले जाना फिर दूध पीते वक्त पूतना का वध, बक, कालिय और अघ का दमन उन्होनें अपने बचपन में ही कर दिया, बालपन से ही कान्हा जी की बुराई को खत्म कर जिसे अपनी दिव्य शक्ति का प्रदर्शन कर दिया था जिस पर किसी तरह का शक नहीं था।

यहीं नहीं जब ये नटखट कान्हा बड़े हुए तब गोपियों संग उनकी मित्रता और इसके बाद अत्याचारी मामा कंस का वध किया। अर्थात जब से वे पैदा हुए ऐसी कोई घटना नहीं है जहां वे मौजूद नहीं हो, महाभारत की लड़ाई में धनुर्धारी अर्जुन के सारथी बने। इस तरह भगवान श्री कृष्ण की सक्रियता हमेशा ही बनी रही।

भगवान श्री कृष्ण को भगवान का पूर्ण अवतार कहा गया है। श्री कृष्ण का बहु आयामी व्यक्तित्व दिखाई देता है। वे परम योद्धा थे, लेकिन वे अपनी वीरता का इस्तेमाल साधुओं के परित्राण के लिए करते थे। इसके साथ ही वे एक महान राजनीतिज्ञ भी थे लेकिन उन्होंने इस राजनैतिक कुशलता का इस्तेमाल धर्म की स्थापना के लिए किया था।

वे परम ज्ञानी थे। इसलिए उन्होनें अपने ज्ञान का इस्तेमाल लोगों को धर्म के सरल और सुगम रूप को सिखाने में किया था , वे योगीराज थे। उन्होंने योगबल और सिद्धि की सार्थकता लोग मंगल के काम को करने में बताया और उसका इस्तेमाल किसी अन्य स्वार्थसिद्धि के किया जाना चाहिए। वे योग के सबसे बड़े ज्ञाता, व्याख्याता और प्रतिपालक थे।

जन्माष्टमी के शुभ मुहूर्त

निशिथ पूजा– 00:01 से 00:45
पारण– 05:59, 24 अगस्त, सूर्योदय के बाद
रोहिणी समाप्त- सूर्योदय से पहले
अष्टमी तिथि प्रारंभ– 08:08, 23 अगस्त
अष्टमी तिथि समाप्त – 08:31, 24 अगस्त

जन्माष्टमी पर बनने वाले पकवान

जन्‍माष्‍टमी (Krishna Janmashtami 2019) पर लोग श्रीकृष्ण के जन्मदिन को मनाते हैं. जन्माष्टमी के दि‍न कृष्ण भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लि‍ए उनके मनपसंद खाद्य पदार्थ बनाते हैं. कृष्ण को माखन चोर (Makhan Chor Krishna) कहा जाता है.

उन्हें भोग लगाने के लिए यकीनन आप उनके पसंदीदा चीजें बनाने की तैयारी में होंगे (Janmashtami recipes). जन्माष्टमी के दि‍न नंद के लाल, बाल गोपाल श्री कृष्ण (Nand lal, Baal Gopal, Shree Krishna) को छप्पन भोग लगाए जाते हैं. क्या आप जानते हैं इस छप्पन भोग के बारे में.

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