विवेक तिवारी हत्याकांड के सहारे UP Govt गिरने की साजिश lucknow murder case prashant chaudhary
5 October 2018
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lucknow murder case prashant chaudhary एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। प्रदेश का राजनीतिक पारा भी ऊपर चढ़ा हुआ है। वहीं इस हत्याकांड के बाद कई सवाल ऐसे भी सामने आए, जो किसी साजिश की तरफ साफ इशारा कर रहे हैं।
सबसे बड़ा सवाल जो उठ रहा है उसके मुताबिक इस हत्याकांड के पीछे यूपी पुलिस की योगी सरकार को बदनाम करने की साज़िश तो नही हैं। जिस सिपाही प्रशांत चौधरी ने विवेक को गोली मारी उसके हाथ में 9 MM की पिस्तौल आई कहां से
यह सवाल और भी अहम हो जाता है। हत्याकांड से जुड़े इस पहलू की भी गहनता से जांच होनी चाहिये।
शैडो ट्रेनिंग के बाद ही मिलती है पिस्तौल - आपको बता दें कि सिपाही प्रशांत चौधरी साल 2016 में यूपी पुलिस में भर्ती हुआ। इस हिसाब से तो उसे पिस्तौल आवंटित नहीं की जा सकती, क्योंकि किसी भी सिपाही को पिस्तौल तभी दी जा सकती है जब वह शैडो की ट्रेनिंग पूरी कर ले।
शैडो की ट्रेनिंग के बाद ही कोई कॉन्स्टेबल अपने पास पिस्तौल लगाकर चल सकता है। इसलिए सबसे पहले इसकी जांच होनी चाहिये कि सिपाही प्रशांत चौधरी को पिस्तौल यूपी पुलिस के किस अधिकारी के निर्देश पर दी गई, या कहीं ऐसा तो नही कि वह विभाग के किसी दूसरे अधिकारी की पिस्तौल अपने पास लगाकर घूम रहा था और साजिशन इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया।
अभी कई राज खुलने बाकी
हालांकि विवेक तिवारी को गोली मारने के आरोपी पुलिस कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी और उसके साथी संदीप के खिलाफ मर्डर का मुकदमा दर्ज कर लिया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही दोनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त भी कर दिया गया है। हालांकि इनसब के बावजूद अभी भी कई राज बाहर आने बाकी हैं,
जिसके बाद ही विवेक तिवारी हत्याकांड के ऊपर से पूरी तरह पर्दा उठ सकेगा। शायद इसीलिए इस वारदात में मारे गए विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो इस पूरे मामले की सीबीआई कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
सबसे बड़ा सवाल जो उठ रहा है उसके मुताबिक इस हत्याकांड के पीछे यूपी पुलिस की योगी सरकार को बदनाम करने की साज़िश तो नही हैं। जिस सिपाही प्रशांत चौधरी ने विवेक को गोली मारी उसके हाथ में 9 MM की पिस्तौल आई कहां से
यह सवाल और भी अहम हो जाता है। हत्याकांड से जुड़े इस पहलू की भी गहनता से जांच होनी चाहिये।
lucknow murder case prashant chaudhary
शैडो ट्रेनिंग के बाद ही मिलती है पिस्तौल - आपको बता दें कि सिपाही प्रशांत चौधरी साल 2016 में यूपी पुलिस में भर्ती हुआ। इस हिसाब से तो उसे पिस्तौल आवंटित नहीं की जा सकती, क्योंकि किसी भी सिपाही को पिस्तौल तभी दी जा सकती है जब वह शैडो की ट्रेनिंग पूरी कर ले।
शैडो की ट्रेनिंग के बाद ही कोई कॉन्स्टेबल अपने पास पिस्तौल लगाकर चल सकता है। इसलिए सबसे पहले इसकी जांच होनी चाहिये कि सिपाही प्रशांत चौधरी को पिस्तौल यूपी पुलिस के किस अधिकारी के निर्देश पर दी गई, या कहीं ऐसा तो नही कि वह विभाग के किसी दूसरे अधिकारी की पिस्तौल अपने पास लगाकर घूम रहा था और साजिशन इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया।
अभी कई राज खुलने बाकी
हालांकि विवेक तिवारी को गोली मारने के आरोपी पुलिस कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी और उसके साथी संदीप के खिलाफ मर्डर का मुकदमा दर्ज कर लिया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके साथ ही दोनों पुलिसकर्मियों को बर्खास्त भी कर दिया गया है। हालांकि इनसब के बावजूद अभी भी कई राज बाहर आने बाकी हैं,
जिसके बाद ही विवेक तिवारी हत्याकांड के ऊपर से पूरी तरह पर्दा उठ सकेगा। शायद इसीलिए इस वारदात में मारे गए विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो इस पूरे मामले की सीबीआई कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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