भाजपा में जीत की ख़ुशी लेकिन अब जा सकती है मोदी की कुर्सी
17 May 2018
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modi government harne ka karan 2019 election कर्नाटक का राजनैतिक इतिहास अन्य राज्यों से हमेशा अलग रहा है। यहां की जनता ने 1977 के बाद अभी तक 5 साल से ज्यादा किसी भी सरकार को नहीं रहने दिया, हर 5 साल में सत्ता परिवर्तन होता रहा है। जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है
यहां तीन मुख्य पार्टियों का दबदबा है जिनमे
आपको बता दें कि, 1972 से 1977 तक कांग्रेस के ही डी. देवराज ऐसे मुख्यमंत्री थे, जो कि 5 साल से ज्यादा समय तक पद पर बने रहे। देवराज के बाद कोई भी मुख्यमंत्री राज्य में 5 साल तक अपने पद पर नहीं बना रहा। डी. देवराज के बाद 1996-1999 तक जनता दल के जे.एच. पटेल सबसे ज्यादा 3 साल, 129 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे।
उनके बाद 1999-2004 तक कांग्रेस के एस.एम. कृष्णा 4 साल, 230 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे। 2008-2011 तक बीजेपी के बी.एस. येदियुरप्पा 3 साल, 62 दिन तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। 13 मई 2013 से सिद्धारमैया चुनावी तारीख 12 मई 2018 तक मुख्यमंत्री पद पर 5 साल पूरे करेंगे। 1972 से 1977 तक यहां कांग्रेस की सरकार रही, इसके बाद 59 दिनों तक राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा।
हालांकि बाद में फिर से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। इसके बाद 7वीं और 8वीं विधानसभा के लिए हुए मतदान में जनता दल की सरकार बनी, लेकिन 7वीं विधानसभा लगभग 2 साल तक ही चली और 1985 में फिर से चुनाव हुए।
इसके बाद 9वीं विधानसभा में कांग्रेस की वापसी हुई तो 10वीं में जनता दल ने सरकार बनाई। इसके बाद 11वीं में फिर से कांग्रेस ने तो 12वीं में जनता दल सत्ता में आई। 2007 में पहली बार बीजेपी ने सरकार बनाई, लेकिन वो सिर्फ 7 दिन तक चली। राज्य में फिर 2008 में 13वीं विधानसभा के लिए मतदान हुए, जिसमें बीजेपी सत्ता में आई।
2013 में एक बार फिर से कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई। बता दें कि, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के शुरूआती रुझान में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिल चूका है। इससे साफ है कि, कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनेगी। रुझानों में भाजपा 111, कांग्रेस 71, जेडीएस 38 और अन्य 02 से आगे है। बता दें कि, 12 मई को राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर मतदान हुआ था।
आर आर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी के चलते मतदान स्थगित कर दिया गया था। वहीं जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन के चलते मतदान टाल दिया गया था।
यहां तीन मुख्य पार्टियों का दबदबा है जिनमे
- भाजपा,
- कांग्रेस और
- जनता दल (सेक्युलर) है
आपको बता दें कि, 1972 से 1977 तक कांग्रेस के ही डी. देवराज ऐसे मुख्यमंत्री थे, जो कि 5 साल से ज्यादा समय तक पद पर बने रहे। देवराज के बाद कोई भी मुख्यमंत्री राज्य में 5 साल तक अपने पद पर नहीं बना रहा। डी. देवराज के बाद 1996-1999 तक जनता दल के जे.एच. पटेल सबसे ज्यादा 3 साल, 129 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे।
उनके बाद 1999-2004 तक कांग्रेस के एस.एम. कृष्णा 4 साल, 230 दिनों तक मुख्यमंत्री रहे। 2008-2011 तक बीजेपी के बी.एस. येदियुरप्पा 3 साल, 62 दिन तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। 13 मई 2013 से सिद्धारमैया चुनावी तारीख 12 मई 2018 तक मुख्यमंत्री पद पर 5 साल पूरे करेंगे। 1972 से 1977 तक यहां कांग्रेस की सरकार रही, इसके बाद 59 दिनों तक राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा।
हालांकि बाद में फिर से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। इसके बाद 7वीं और 8वीं विधानसभा के लिए हुए मतदान में जनता दल की सरकार बनी, लेकिन 7वीं विधानसभा लगभग 2 साल तक ही चली और 1985 में फिर से चुनाव हुए।
इसके बाद 9वीं विधानसभा में कांग्रेस की वापसी हुई तो 10वीं में जनता दल ने सरकार बनाई। इसके बाद 11वीं में फिर से कांग्रेस ने तो 12वीं में जनता दल सत्ता में आई। 2007 में पहली बार बीजेपी ने सरकार बनाई, लेकिन वो सिर्फ 7 दिन तक चली। राज्य में फिर 2008 में 13वीं विधानसभा के लिए मतदान हुए, जिसमें बीजेपी सत्ता में आई।
2013 में एक बार फिर से कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाई। बता दें कि, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के शुरूआती रुझान में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिल चूका है। इससे साफ है कि, कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनेगी। रुझानों में भाजपा 111, कांग्रेस 71, जेडीएस 38 और अन्य 02 से आगे है। बता दें कि, 12 मई को राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर मतदान हुआ था।
आर आर नगर सीट पर चुनावी गड़बड़ी के चलते मतदान स्थगित कर दिया गया था। वहीं जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन के चलते मतदान टाल दिया गया था।
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