जिन्ना की तस्वीर का विवाद कौन है मोहम्मद अली जिन्ना जीवन परिचय


अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी AMU में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की एक तस्वीर का कुछ दिनों पहले शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन, लाठीचार्ज के बाद अब धरनों और फायरिंग तक पहुंच गया है समझे आज  Jinnah controversy india hindi AMU kahani nehru relation एएमयू तस्वीर उतारने के लिए अब भी राजी नहीं है और विवाद थम नहीं रहा। हालांकि जिन्ना के नाम पर देश में विवाद पहले भी हो चुके हैं। यहां जानिए जिन्ना के नाम से जुड़े पुराने और इस विवाद के बारे में सबकुछ एक साथ
  • सबसे पहले जिन्ना का पूरा नाम Mohammed Ali Jinnah
  • भारत को बटकर पकिस्तान बनाया फिर खुद वहा का प्रधान मंत्री बना 
  • जिन्ना की बात हो तो नेहरू का जिक्र ना हो तो बात अधूरी हो जाती है 
  • की मौत 11 September 1948, Karachi, Pakistan
  • कई लोग जिन्नः को jinnah a british agent भी कहती है 
  • तो पकिस्तान में इससे jinnah a great leader कहा जाता हे 
muhammad ali jinnah biography in hindi कराची पकिस्तान में जन्मे बॉम्बे यूनिवर्सिटी से मैट्रिक तथा लिंकन्स इन लंदन से लॉ किया ऑल-इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना की, पहले कांग्रेस में थे
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उन्होंने कांग्रेस के असहयोग आंदोलन का विरोध किया कांग्रेस से मतभेद बढ़ते चले गए। में मुस्लिमों के लिए अलग राष्ट्र की मांग रखी, ब्रिटिश अधिकारियों को राजी करने में जुट गए। को वे आजाद पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने। को 71 साल की उम्र में टीबी से उनका निधन हो गया
सात दशक पहले मोहम्मद अली जिन्ना देश को दो टुकड़ों में बांट गए थे मगर उनके नाम पर मतों का विभाजन अब भी जारी है कभी उनकी तारीफों के बहाने तो कभी तस्वीर के
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ताजा मामला तस्वीर से ही जुड़ा है जो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में लगी है भाजपा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् abvp व हिंदू संगठन इसे हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन एएमयू की मंशा कुछ और है।

वैसे इससे पहले जिन्ना के नाम पर विवाद की ये वजह भी रही हैं

मुंबई के लेमिंगटन रोड के करीब स्थित कांग्रेस भवन परिसर में कुछ साल पहले तक जिन्ना के सम्मान में एक तख्ती लगी हुई थी यहां जिन्ना के नाम पर एक हॉल भी था। इसका निर्माण 1918 में उस बड़े प्रदर्शन की याद में हुआ था, जिसका नेतृत्व जिन्ना और उनकी पत्नी ने किया था। 1980 के दशक में यह हॉल राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा। जहां इंदिरा गांधी व मोरारजी देसाई बैठकें लिया करते थे। शिवसेना के विरोध के बाद इस पर विवाद बढ़ा और तख्ती हटा दी गई। 

शिवसेना व बीजेपी मुंबई स्थित जिन्ना हाउस को गिराने का प्रयास भी कर चुके हैं विभाजन के पहले तक जिन्ना इसी घर में रहा करते थे। जिन्ना की इकलौती बेटी दीना वाडिया ने इस पर हक मांगते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अपने जीवन का अंतिम कुछ समय उन्होंने इसी घर में बिताया। नवंबर 2017 में वे चल बसीं। कानून के तहत अब यह सरकार की संपत्ति है।

   जिन्ना की तारीफों से भी देशभर में बवाल मच चुका है 

इनमें सबसे चर्चित मामला रहा लालकृष्ण आडवाणी का 2005 में पाकिस्तान के दौरे पर उन्होंने जिन्ना की तारीफ की थी उन्होंने कहा था कि जिन्ना महान शख्स थे, एक धर्मनिरपेक्ष नेता थे। इस पर उनकी देशभर में आलोचना हुई। वे भाजपा अध्यक्ष का पद गंवा बैठे और संघ से भी उनके संबंध हमेशा के लिए बिगड़ गए। इसी तरह 2009 में जसवंत सिंह को जिन्ना की तारीफ के बाद पार्टी से निकाल दिया गया था। सिंह ने कहा था कि जिन्ना विभाजन नहीं चाहते थे, उन्हें बाध्य किया गया था। वैसे तस्वीर वाले ताजा मामले में भी एक भाजपा नेता विवादों में फंसे हैं। यूपी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को महापुरुष बताया है


मोहम्मद अली की तस्वीर हटाने की मांग क्यों? आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी व पंडित नेहरू के साथ कंधे-से कंधा मिलाकर चलने वाले जिन्ना का नाम इतिहास में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के सूत्रधार के रूप में भी दर्ज है। वह बंटवारा जिसमें 5 लाख से ज्यादा लोग मौत के घाट उतार दिए गए। हजारों महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ। 1 करोड़ से ज्यादा लोग शरणार्थी बन गए। असल में मोहम्मद अली जिन्ना की नुमाइंदगी में ही मुस्लिम लीग ने बंटवारे की नींव रखी थी। इसके पीछे थी भारत की बड़ी मुस्लिम आबादी के लिए अलग देश पाकिस्तान बनाने की मंशा। इतना ही नहीं जुलाई 1946 में जिन्ना ने ऐलान किया कि 16 अगस्त 'डायरेक्ट एक्शन डे' रहेगा। ताकि ब्रिटिश सरकार को जता सकें कि भारत के 10 करोड़ मुस्लिम किसी भी कीमत पर पाकिस्तान चाहते हैं। उनके इस ऐलान से दंगे भड़के। कोलकाता में 72 घंटों के भीतर 6 हजार से अधिक लोग मारे गए। आखिर जिन्ना की इस जिद पर ही आजादी की रात देश का बंटवारा हुआ।

  फिर एएमयू में अब तक क्यों लगी है जिन्ना की तस्वीर? विवाद गहराने के बाद एएमयू के प्रवक्ता शैफी किदवई ने सफाई पेश की है। उन्होंने कहा- 'जिस पोर्ट्रेट की बात विधायक कर रहे हैं वह दशकों से संस्थान में टंगा हुआ है। यह दलील भी दी कि जिन्ना तो इस यूनिवर्सिटी के संस्थापक रहे हैं। उन्हें संस्थान के छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता भी दी गई थी। और संस्थान के सभी आजीवन सदस्यों की तस्वीरें स्टूडेंट यूनियन हॉल की दीवारों पर लगए जाने की परंपरा रही है। इसलिए जिन्ना की भी है।'

  कब से लगी है तस्वीर? एएमयूके इतिहास के प्रोफेसर मो. सज्जाद कहते हैं जिन्ना की यह तस्वीर 80 साल से यहां लगी हुई है। यानी बंटवारे से भी तकरीबन नौ साल पहले से। उस समय जिन्ना को यह आजीवन सदस्यता दी गई थी। हालांकि एएमयू के छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता पाने वाले पहले शख्स महात्मा गांधी थे। इस फेहरिस्त में डॉ. आम्बेडकर, नेहरूजी, सीवी रमन के भी नाम हैं।

  अब तक क्या-क्या हुआ?
1 मई 
अलीगढ़ से भाजपा विधायक सतीश गौतम ने एएमयू में जिन्ना की तस्वीर लगे होने पर जवाब मांगा।
2 मई 
  •  एबीवीपी तथा हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता जिन्ना की तस्वीर के विरोध में यूनिवर्सिटी पहुंचे। 
  •  गेट पर जिन्ना का पुतला जलाने का प्रयास किया गया। 
  •  एएमयू के छात्रों ने रोका, तो मारपीट तक हुई। 
  •  हिन्दू युवा वाहिनी के 6 छात्रों को पुलिस ने पकड़ा भी, लेकिन बिना कार्रवाई छोड़ दिया। 
  •  इसके विरोध में एएमयू छात्र थाने पहुंचे, विरोध किया। इसी बीच एसपी से धक्का-मुक्की हुई और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। 
  •  इसमें 15 छात्र घायल हो गए। 
3 मई 
लाठीचार्ज के विरोध में और हिन्दू युवा वाहिनी के छात्रों की गिरफ्तारी की मांग लेकर एएमयू के 4 हजार छात्र गेट पर धरना देने बैठे।

4 मई 

धरना जारी रहा। धरने पर बैठे छात्रों ने पत्रकार को पीटा। फायरिंग भी की। पुलिस ने फोर्स बढ़ाया, इंटरनेट सेवा बंद। शासन ने अब विवाद की न्यायिक जांच शुरू कर दी है। 

1 Response to

  1. शर्म की बात है कि एक मूर्ख वयकती की छोटी सी जीद के कारन इतिहास मै लाखों लोगों की मृत्यु होती है और वह जानवरों की तरह भारत को काट कर बाग़ जाता है।
    ओर कुछ महा मूर्ख लोग जो अपने आप को भारतीय कहते हैं ।।

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