भारत और फ्रांस मिलकर करेंगे कार्य isro mission to jupiter venus news 2020
15 April 2018
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ISRO और फ्रेंच नेशनल स्पेस एजेंसी सीएनईएस साथ मिलकर चंद्रमा, मंगल और अन्य ग्रहों के लिए कार्य करने पर सहमत हैं। इसी महीने चंद्रयान-2 भेजे जाने की
भारत और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल (मार्स) और शुक्र (वीनस) मिशनों पर मिलकर कार्य करने पर सहमत हैं। सहयोग के बिंदुओं पर वार्ता दोनों देशों के जारी संयुक्त बयान के एक महीने बाद हो रही है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और फ्रेंच नेशनल स्पेस एजेंसी सीएनईएस साथ मिलकर चंद्रमा, मंगल और अन्य ग्रहों के लिए कार्य करने पर सहमत हैं। इसरो फिलहाल मंगल ग्रह के मिशन पर ध्यान दे रहा है। लेकिन भविष्य में उसकी योजना शुक्र ग्रह के बारे में और जानने की है। दोनों देश इन मिशनों पर साथ काम करेंगे। भारत चंद्रमा के लिए चंद्रयान-1 और मंगल ग्रह के लिए मंगलयान मिशन में कामयाबी हासिल कर चुका है। इसी महीने चंद्रयान-2 भेजे जाने की योजना है। इसरो की निकट भविष्य में मार्स और वीनस के मिशन पर कार्य करने की योजना है।
फ्रेंच एजेंसी दोनों ग्रहों के आसपास के वातावरण के अध्ययन में इसरो के साथ मिलकर कार्य करेगी। वीनस मार्स की तरह ही पृथ्वी के सबसे नजदीकी ग्रहों में शामिल है। अमेरिका ने सबसे पहले 14 दिसंबर, 1962 वीनस में अपना स्पेस शटल भेजा था। लेकिन वह ग्रह अभी भी वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बना हुआ है। इसका धरातल घने बादलों से ढंका हुआ है जिसके कारण उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है।
अंतरिक्ष तकनीक के मामले में भारत को बहुत पहले से फ्रांस की सहायता मिलती रही है। दोनों करीब साठ साल पुराने सहयोगी हैं। भारत अपने भारी सेटेलाइट को कक्षा में स्थापित करने के लिए फ्रांसीसी तकनीक का इस्तेमाल करता रहा है। 1974 में परमाणु परीक्षण करने में भी फ्रांस ने भारत को तकनीक सहायता दी थी
भारत और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल (मार्स) और शुक्र (वीनस) मिशनों पर मिलकर कार्य करने पर सहमत हैं। सहयोग के बिंदुओं पर वार्ता दोनों देशों के जारी संयुक्त बयान के एक महीने बाद हो रही है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और फ्रेंच नेशनल स्पेस एजेंसी सीएनईएस साथ मिलकर चंद्रमा, मंगल और अन्य ग्रहों के लिए कार्य करने पर सहमत हैं। इसरो फिलहाल मंगल ग्रह के मिशन पर ध्यान दे रहा है। लेकिन भविष्य में उसकी योजना शुक्र ग्रह के बारे में और जानने की है। दोनों देश इन मिशनों पर साथ काम करेंगे। भारत चंद्रमा के लिए चंद्रयान-1 और मंगल ग्रह के लिए मंगलयान मिशन में कामयाबी हासिल कर चुका है। इसी महीने चंद्रयान-2 भेजे जाने की योजना है। इसरो की निकट भविष्य में मार्स और वीनस के मिशन पर कार्य करने की योजना है।
फ्रेंच एजेंसी दोनों ग्रहों के आसपास के वातावरण के अध्ययन में इसरो के साथ मिलकर कार्य करेगी। वीनस मार्स की तरह ही पृथ्वी के सबसे नजदीकी ग्रहों में शामिल है। अमेरिका ने सबसे पहले 14 दिसंबर, 1962 वीनस में अपना स्पेस शटल भेजा था। लेकिन वह ग्रह अभी भी वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बना हुआ है। इसका धरातल घने बादलों से ढंका हुआ है जिसके कारण उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है।
अंतरिक्ष तकनीक के मामले में भारत को बहुत पहले से फ्रांस की सहायता मिलती रही है। दोनों करीब साठ साल पुराने सहयोगी हैं। भारत अपने भारी सेटेलाइट को कक्षा में स्थापित करने के लिए फ्रांसीसी तकनीक का इस्तेमाल करता रहा है। 1974 में परमाणु परीक्षण करने में भी फ्रांस ने भारत को तकनीक सहायता दी थी
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