भाई दूज कल के दिन बहन करें ये उपाय महत्व पूजन मुहूर्त bhai duj muhrat what is celebrated
3 March 2018
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bhai duj 2018 muhrat होली के दूसरे दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा. इस बार यह 3 मार्च को है.होली के बाद पड़ने वाली द्वितीया तिथि को देशभर में ‘भाई-दूज’ का त्योहार मनाया जाता है. भाई-बहन के पारस्परिक प्रेम का प्रतीक है भाई-दूज.वैसे देशभर में इसे अलग-अलग तरह से मनाया जाता है लेकिन सब जगह एक बात समान होती है, कि बहन इस दिन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसे मिठाई खिलाती है और बदले में भाई अपनी बहन को तोहफ़े के साथ उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं.
पूजन मुहूर्त पूजन मंत्र: ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात्॥ पूजन मुहूर्त: प्रातः 11:10 से दिन 12:10 तक.
विशेष पूजन दक्षिणमुखी होकर यमराज का दशोपचार पूजन करें. सरसों के तेल का दीप करें, लोहबान की धूप करें, तेजपत्ता चढ़ाएं, सुरमा चढ़ाएं, लौंग, नारियल, काली मिर्च, बादाम चढ़ाएं तथा रेवड़ियों भोग लगाकर 108 बार विशिष्ट मंत्र जपें. इसके बाद रेवड़ियां प्रसाद स्वरूप में किसी कुंवारी को बांट दें.
भाईदूज का महत्व इस दिन भाई–बहन यमुना में स्नान करते हैं, यम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं. इस दिन बहनें अपने भाइयों का हस्त पूजन करती हैं. भाई के हाथों में चावल का घोल व सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर पानी हाथों पर छोड़ते हुए विशेष श्लोक कहती है. बहनें भाई के सिर पर तिलक लगाकर उनकी आरती करके हथेली में कलावा बांधती हैं.
इस दिन संध्या में यम व यमी यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रख जाता है व यमराज का विशेष पूजन किया जाता है.
पूजन मुहूर्त पूजन मंत्र: ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे महाकालाय धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात्॥ पूजन मुहूर्त: प्रातः 11:10 से दिन 12:10 तक.
विशेष पूजन दक्षिणमुखी होकर यमराज का दशोपचार पूजन करें. सरसों के तेल का दीप करें, लोहबान की धूप करें, तेजपत्ता चढ़ाएं, सुरमा चढ़ाएं, लौंग, नारियल, काली मिर्च, बादाम चढ़ाएं तथा रेवड़ियों भोग लगाकर 108 बार विशिष्ट मंत्र जपें. इसके बाद रेवड़ियां प्रसाद स्वरूप में किसी कुंवारी को बांट दें.
भाईदूज का महत्व इस दिन भाई–बहन यमुना में स्नान करते हैं, यम उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं. इस दिन बहनें अपने भाइयों का हस्त पूजन करती हैं. भाई के हाथों में चावल का घोल व सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर पानी हाथों पर छोड़ते हुए विशेष श्लोक कहती है. बहनें भाई के सिर पर तिलक लगाकर उनकी आरती करके हथेली में कलावा बांधती हैं.
इस दिन संध्या में यम व यमी यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रख जाता है व यमराज का विशेष पूजन किया जाता है.
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