पद्मावती विवाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा FILM padmavati Supreme Court order
20 November 2017
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film padmavati ka director Sanjay Leela Bhansali उच्चतम न्यायालय ने फिल्म ‘पद्मावती’ से कुछ कथित आपत्तिजनक दृश्य हटाने के लिये दायर याचिका सोमवार (20 नवंबर) को खारिज कर दी. Budget, ₹180–190 crore. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ को सूचित किया गया कि इस फिल्म को अभी तक केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाण पत्र नहीं मिला है. इस पर पीठ ने कहा, ‘‘इस याचिका में हमारे हस्तक्षेप का मतलब पहले ही राय बनाना होगा जो हम करने के पक्ष में नहीं है.’’
यह याचिका अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि यद्यपि सेन्सर बोर्ड ने इस फिल्म को प्रमाण पत्र नहीं दिया है लेकिन इसके गीत पहले ही जारी किये जा चुके हैं. शर्मा ने रानी पद्मावती के चरित्र का कथित हनन करने वाले सारे दृश्यों को फिल्म के प्रदर्शन से पहले हटाने का निर्देश देने अनुरोध कया था. दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर अभिनीत इस फिल्म के निर्माता वायकाम 18 ने रविवार (19 नवंबर) को कहा था कि फिल्म का प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है. फिल्म एक दिसंबर को प्रदर्शित होने वाली थी.
इससे पहले ‘पद्मावती’ फिल्म पर उठे विवादों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार (19 नवंबर) को कहा कि फिल्म से जब तक विवादित अंश नहीं हटाये जायेंगे तब तक इस फिल्म को प्रदेश में रिलीज करने की इजाजत नहीं दी जायेंगी.उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘मैं प्रदेश का मनोरंजन कर मंत्री भी हूं, हम उत्तर प्रदेश में इस फिल्म को तब तक रिलीज नही होने देंगे जब तक कि इसमें से विवादित अंश न हटा दिये जाये.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुगलों के सामने आत्मसर्मपण के बजाय अपने जीवन का बलिदान दे दिया और इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया. हमलावरों ने देश में बहुत उत्पात मचाया, लेकिन रानी ने अपने सतीत्व और आत्मसम्मान की रक्षा के लिये अपने को 'जौहर' में जिंदा जला लिया.’’
'पद्मावती' के निर्माताओं ने रविवार (19 नवंबर) को कहा कि उन्होंने संजय लीला भंसाली की इस फिल्म को रिलीज करने की प्रस्तावित तारीख टाल दी है. अपने बयान में 'वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स' के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने 'स्वेच्छा' से यह फैसला किया है. 'पद्मावती' के निर्माण में शामिल स्टूडियो 'वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स' ने स्वेच्छा से फिल्म को रिलीज करने की तारीख एक दिसंबर 2017 से आगे बढ़ा दी है.
प्रवक्ता ने कहा कि ‘वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स’ देश के कानून और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) जैसी वैधानिक संस्थाओं का पूरा सम्मान करती है. उन्होंने कहा कि एक ‘जिम्मेदार और कानून का पालन करने वाले कॉरपोरेट नागरिक’ के तौर पर वह स्थापित प्रक्रियाओं एवं परंपराओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है
यह याचिका अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि यद्यपि सेन्सर बोर्ड ने इस फिल्म को प्रमाण पत्र नहीं दिया है लेकिन इसके गीत पहले ही जारी किये जा चुके हैं. शर्मा ने रानी पद्मावती के चरित्र का कथित हनन करने वाले सारे दृश्यों को फिल्म के प्रदर्शन से पहले हटाने का निर्देश देने अनुरोध कया था. दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर अभिनीत इस फिल्म के निर्माता वायकाम 18 ने रविवार (19 नवंबर) को कहा था कि फिल्म का प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है. फिल्म एक दिसंबर को प्रदर्शित होने वाली थी.
इससे पहले ‘पद्मावती’ फिल्म पर उठे विवादों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार (19 नवंबर) को कहा कि फिल्म से जब तक विवादित अंश नहीं हटाये जायेंगे तब तक इस फिल्म को प्रदेश में रिलीज करने की इजाजत नहीं दी जायेंगी.उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘मैं प्रदेश का मनोरंजन कर मंत्री भी हूं, हम उत्तर प्रदेश में इस फिल्म को तब तक रिलीज नही होने देंगे जब तक कि इसमें से विवादित अंश न हटा दिये जाये.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुगलों के सामने आत्मसर्मपण के बजाय अपने जीवन का बलिदान दे दिया और इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया. हमलावरों ने देश में बहुत उत्पात मचाया, लेकिन रानी ने अपने सतीत्व और आत्मसम्मान की रक्षा के लिये अपने को 'जौहर' में जिंदा जला लिया.’’
'पद्मावती' के निर्माताओं ने रविवार (19 नवंबर) को कहा कि उन्होंने संजय लीला भंसाली की इस फिल्म को रिलीज करने की प्रस्तावित तारीख टाल दी है. अपने बयान में 'वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स' के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने 'स्वेच्छा' से यह फैसला किया है. 'पद्मावती' के निर्माण में शामिल स्टूडियो 'वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स' ने स्वेच्छा से फिल्म को रिलीज करने की तारीख एक दिसंबर 2017 से आगे बढ़ा दी है.
प्रवक्ता ने कहा कि ‘वायाकॉम18 मोशन पिक्चर्स’ देश के कानून और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) जैसी वैधानिक संस्थाओं का पूरा सम्मान करती है. उन्होंने कहा कि एक ‘जिम्मेदार और कानून का पालन करने वाले कॉरपोरेट नागरिक’ के तौर पर वह स्थापित प्रक्रियाओं एवं परंपराओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है
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