इस दीवाली चीनी पटाखें दे सकते हैं खतरनाक बीमारियां do not use crackers china patake
5 October 2017
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India में चीनी पटाखों की भी भरमार है हालांकि इन्हें पहचानना बेहद मुश्किल है। लेकिन आप दाम से भारतीय पटाखों और चीनी पटाखों में अंतर कर सकते हैं। अगर भारतीय ब्रांड का अनार 300 रुपए पैकेट है तो आपको मेड इन चाइना अनार लगभग आधे दाम यानि डेढ़ सौ रुपए में मिल सकता है
दुकानदार इसे लोकल माल कहकर बेच रहे हैं हालांकि कुछ पटाखों पर साफ-साफ मेड इन चाइना लिखा देखा जा सकता है एक अनुमान के मुताबिक अगर चीन से 2 हजार करोड़ के पटाखे आयात होते हैं तो सरकार को 600 करोड़ का नुकसान होता है। दक्षिण भारत के पटाखा उद्योग का दावा है कि हर साल औसतन 100 कंटेनर चीनी पटाखे खिलौनों की आड़ में मंगवाए जाते हैं। ऐसे में अब जरूरत देश में चीनी पटाखों से जुड़े कानून को सख्ती और ईमानदारी से लागू करने की है।
चीनी रॉकेट, चीनी बम, चीनी फुलझड़ियां, चीनी अनार, सब कुछ मेड इन चाइना। पटाखों की इस भीड़ में थोड़े-बहुत भारतीय ब्रांड भी दिखेंगे। चीनी पटाखों की बिक्री गैर-कानूनी होने के बावजूद इनकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। चीन में बने ये पटाखे आपकी सेहत के साथ आपकी जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
दरअसल चीनी पटाखों में खतरनाक बारूद का इस्तेमाल होता है और इनसे जहरीली गैस निकलती है इसके अलावा ये कानों को नुकसान भी पहुंचाते है। देश के लोगों की सेहत की इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पिछले साल चीन से पटाखों के आयात पर पूरी तरह रोक लगा दी थी, लेकिन ना कारोबारी इस बात की परवाह कर रहे है और न ही लोग।
जयपुर पुलिस ने चीनी पटाखों के खिलाफ अभियान चला रखा है Diwali Chinese firecrackers Dangerous Harmful For Health INDIANS patake सोमवार को पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर 7 लाख रुपए के पटाखे जब्त किए।
इन लोगों ने बताया कि आखिर कैसे रोक के बावजूद चीनी पटाखे भारत के बाजार में पहुंच रहे हैं और चीनी खिलौनों की आड़ में चीनी पटाखों का आयात किया जा रहा है और कैसे नेपाल के रास्ते भारत में चीनी पटाखों की बड़ी खेप आती है। पुलिस के मुताबिक यही वजह है कि उत्तर भारत के बाजारों में ही चीनी पटाखों की बिक्री ज्यादा हो रही है।
दुकानदार इसे लोकल माल कहकर बेच रहे हैं हालांकि कुछ पटाखों पर साफ-साफ मेड इन चाइना लिखा देखा जा सकता है एक अनुमान के मुताबिक अगर चीन से 2 हजार करोड़ के पटाखे आयात होते हैं तो सरकार को 600 करोड़ का नुकसान होता है। दक्षिण भारत के पटाखा उद्योग का दावा है कि हर साल औसतन 100 कंटेनर चीनी पटाखे खिलौनों की आड़ में मंगवाए जाते हैं। ऐसे में अब जरूरत देश में चीनी पटाखों से जुड़े कानून को सख्ती और ईमानदारी से लागू करने की है।
चीनी रॉकेट, चीनी बम, चीनी फुलझड़ियां, चीनी अनार, सब कुछ मेड इन चाइना। पटाखों की इस भीड़ में थोड़े-बहुत भारतीय ब्रांड भी दिखेंगे। चीनी पटाखों की बिक्री गैर-कानूनी होने के बावजूद इनकी बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। चीन में बने ये पटाखे आपकी सेहत के साथ आपकी जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
दरअसल चीनी पटाखों में खतरनाक बारूद का इस्तेमाल होता है और इनसे जहरीली गैस निकलती है इसके अलावा ये कानों को नुकसान भी पहुंचाते है। देश के लोगों की सेहत की इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पिछले साल चीन से पटाखों के आयात पर पूरी तरह रोक लगा दी थी, लेकिन ना कारोबारी इस बात की परवाह कर रहे है और न ही लोग।
जयपुर पुलिस ने चीनी पटाखों के खिलाफ अभियान चला रखा है Diwali Chinese firecrackers Dangerous Harmful For Health INDIANS patake सोमवार को पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर 7 लाख रुपए के पटाखे जब्त किए।
इन लोगों ने बताया कि आखिर कैसे रोक के बावजूद चीनी पटाखे भारत के बाजार में पहुंच रहे हैं और चीनी खिलौनों की आड़ में चीनी पटाखों का आयात किया जा रहा है और कैसे नेपाल के रास्ते भारत में चीनी पटाखों की बड़ी खेप आती है। पुलिस के मुताबिक यही वजह है कि उत्तर भारत के बाजारों में ही चीनी पटाखों की बिक्री ज्यादा हो रही है।
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