बाबा की साध्वियां रोज रोते हुए आती थीं गुफा से sadhvi ram rahim cbi latter photos
28 August 2017
1 Comment
चंडीगढ़/पंचकूला. साध्वियों के रेप केस में दोषी करार दिए गए राम रहीम के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए CBI 1997 से 2002 के बीच डेरा छोड़ चुकीं 24 साध्वियों में से 18 को ही ट्रेस कर पूछताछ कर पाई थी। इनमें भी सिर्फ 2 ही साध्वियां अदालत तक पहुंचीं।
जब सीबीआई ने एक आरोपी अवतार सिंह, डेरा के मैनेजर इंद्रसेन और मैनेजर कृष्ण लाल का चंडीगढ़ और दिल्ली में लाई डिटेक्टर टेस्ट किया तो पता चला कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सेक्शुअल हैरेसमेंट करता था। दो साध्वियों ने CBI को अपनी आपबीती में कहा था कि बाबा गुफा में बुलाता था और रेप करता था। जानिए साध्वी रेप केस और CBI कोर्ट के जजमेंट के बाद बदले हालात से जुड़े 10 नए खुलासे...
1) तीन लिस्ट में साध्वियों के नाम सामने आए
- दरअसल, 2002 में एक साध्वी की लिखी चिट्ठी पर संज्ञान लेते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी। सीबीआई ने डेरे के मैनेजर इंद्र सेन से 1999 से 2001 तक की साध्वियों की लिस्ट मांगी तो 2005 में उसे 3 लिस्ट मिलीं। पहली लिस्ट में 53, दूसरी में 80 और तीसरी लिस्ट में 24 साध्वियों के नाम थे।
2) पहला बयान : रोज रात बाबा हॉस्टल से लड़की को बुलाता था
- 20 साल तक सेवादार रहे रणजीत सिंह की 2002 में गुमनाम साध्वी का लेटर सामने आने के बाद हत्या कर दी गई थी। रणजीत के साले परमजीत सिंह ने सीबीआई के स्पेशल मजिस्ट्रेट में बयान दर्ज कराए थे।
- परमजीत ने बताया था कि रणजीत की बहन जुलाई 1999 में साध्वी बनी थी। रोज बाबा रात को गर्ल्स हॉस्टल से एक साध्वी को गुफा में बुलाता था। एक दिन जब वह संतरी की ड्यूटी पर थी तो उसने देखा कि दो साध्वियों को बाबा की गुफा में भेजा गया। इसके बाद इनमें से एक ने तुरंत डेरा छोड़ दिया। साध्वी भी सब देखकर डेरा छोड़ना चाहती थी, मगर उसके भाई की बेटियां डेरे में बीए कर रही थीं। इसके कारण उसे रुकना पड़ा। अप्रैल 2001 में उसने अपने भाई और उसकी दोनों बेटियों समेत डेरा छोड़ दिया।
3) दूसरा बयान- गुफा से रोते हुए आती थीं साध्वियां
- 27 जुलाई 2006 को सीबीआई ने कुरुक्षेत्र की साध्वी का बयान रिकार्ड किया। उसने बताया कि डेरामुखी ने उसके साथ रेप किया था। अपनी प्रतिष्ठा, पति के उसे तलाक देने के डर और डेरे के असर के डर से उसने मुंह नहीं खोला।
- जब सीबीआई ने डेरा मैनेजर कृष्ण लाल को अरेस्ट किया तो उसने अपने परिवार और पति को भरोसे में लिया। सच बोलने का मन बनाया। उसने बताया कि जब वह साध्वी थी तो 28-29 अगस्त 1999 की रात को 8 बजे मैनेजर ने बताया कि बाबा ने गुफा में बुलाया है। जब उसकी संतरी की ड्यूटी थी तो हॉस्टल की एक अन्य साध्वी से भी बाबा ने रेप किया। जिसके बाद उसने और उसकी बहन ने डेरा छोड़ दिया। इसी तरह दो अन्य साध्वियों को भी उसने गुफा से रोते हुए निकलते देखा, जिन्होंने बाद में डेरा छोड़ा।
- साध्वी ने बताया कि रेप होने के एक साल बाद उसे मैनेजर ने बुलाया और कहा कि बाबा ने उसे गुफा में बुलाया है। मगर पहले हुई घटना के कारण उसने इनकार कर दिया। इसके बाद मैनेजर ने उसे ऐसा करने पर भूखा रखने की धमकी दी। इससे उसे गुफा में दोबारा जाना पड़ा और बाबा ने उसके साथ फिर रेप किया।
4) तीसरा बयान- मेरे और मेरी बहन के साथ रेप हुआ था
- 4 मई 2006 को फतेहाबाद की पूर्व साध्वी का सीबीआई ने बयान दर्ज किया। उसने बताया कि 1998 में उसने डेरा में बतौर साध्वी ज्वाइन किया था। वह शाह सतनाम जी स्कूल में पढ़ाती थी। 6 महीने बाद उसकी बहन भी साध्वी बन गई। बाबा ने उसका नाम नाजम और बहन तसलीम रखा। बाबा गर्ल्स हॉस्टल के पास अपनी गुफा में रहता था और गुफा के बाहर साध्वियों को संतरी रखता था। जिनकी ड्यूटी रात 8 बजे से 12 और 12 बजे से 4 बजे दो शिफ्टों में होती थी।
- साध्वी ने अपने बयान में कहा था- एक दिन उसे रात को 10 बजे गुफा में बुलाया गया और बाबा ने उससे रेप किया। वह रोती हुई गुफा से निकली और हॉस्टल चली गई। यहां पर उसने किसी को कुछ नहीं बताया। मगर उस दिन उसकी बहन ने बताया कि बाबा उसके साथ भी रेप कर चुका है।
5) बाबा की सीक्रेट गुफा थी, बायोमीट्रिक कोड से खुलता था बेडरूम
- राम रहीम अपने डेरे में महाराजा जैसी जिंदगी जी रहा था। शीश महल में रहता था। डेरे में उसके ऐशो आराम के सभी साधन मुहैया कराए जा रहे थे। उसे राजाओं जैसी पोशाकें पहनने का शौक था और उसके लिए ऐसी कई महंगी पोशाकें रोजाना तैयार करवाई जाती थीं, जिन्हें बाबा खुद ही डिजाइन करवाता था।
- बाबा जहां रहता था, उसे कहा तो गुफा जाता था, लेकिन असल में वह जगह भी किसी राजमहल से कम नहीं थी। यहां तक कि उसने अपने लिए राजाओं की तरह हरम तक बनवा रखा था, जिसमें 200 से ज्यादा सुंदर साध्वियों को रखा गया था। उसमें बायोमीट्रिक कोड से बेडरूम खुलता था।
क्या हैं इस केस की 5 अहम कड़ियां?
- दो पूर्व साध्वियों के CBI स्पेशल मजिस्ट्रेट के सामने अलग-अलग बयान हुए। दोनों बयानों में समानता मिली।
- सेवादार रहे रणजीत के साले परमजीत के भी 164 बयान हुए, जिनमें उसने अपने जीजा की हत्या की बात बताई।
- कोर्ट के सामने डेरे से जुड़ी घटनाओं की कड़ी से कड़ी जुड़ती गई। चूंकि बाबा डेरे के कस्टोडियन थे, इसलिए जिम्मेदारी उसी की थी।
- इस मामले में मेडिकल एविडेंस नहीं थे। ‘रीलेट चेन ऑफ इवेंट्स’ ही बाबा को दोषी ठहराने का बेस बना।
- क्रॉस एग्जामीनेशन में भी बाबा की ओर से दी गई दलीलें सही नहीं पाई गईं।
6) फायर ब्रिगेड के पानी में तेल मिलाकर दंगों की थी साजिश
- बाबा को कोर्ट से दोषी करार देने पर उसके गुंडों की उसे पुलिस की गिरफ्त से भगाने की पूरी साजिश थी। इस साजिश के अब रोज नए राज सामने रहे हैं। शनिवार को जहां 7 गनमैन पकड़े गए जो बाबा को भगाने में जुटे थे। वहीं हंगामे के दौरान पकड़ी गई गाड़ियों से रविवार को जो चीजें मिली उससे पता चलता है कि बाबा को कैसे भगाना था।
- पुलिस थाने में मौजूद फायर ब्रिगेड की गाड़ी में एक 5/4 का बॉक्स मिला है। यह बॉक्स आमतौर पर किसी भी फायर टेंडर के अंदर नहीं होता है। इस बॉक्स में जांच करने के बाद सामने आया कि इसमें पेट्रोल डाला गया था। ये पेट्रोल वहीं से पानी में सप्लाई करना था और आग लगाई जानी थी। उसके बाद हंगामा होना था। दंगा होने पर सारी पुलिस का ध्यान पब्लिक की ओर हो जाना था और उसी दौरान कोर्ट के बाहर उसे डेरा प्रमुख को भगाने की साजिश थी।
7) क्या थी राम रहीम की सबसे कमजोर कड़ी?
- राम रहीम की सबसे कमजोर कड़ी उस पर दर्ज मुकदमे ही थे। बाबा किसी भी तरह इन मुकदमों से बाहर निकलना चाहता था। राजनीतिक दल और बाबा दोनों एक-दूसरे की कमजोर नसों को अच्छी तरह समझ गए थे। यही वजह थी कि प्रदेश में जब भी चुनाव आते थे तो तमाम राजनेता और राजनीतिक दल बाबा की चौखट पर जाकर माथा टेकते थे।
- हरियाणा के छह से ज्यादा जिलों में करीब 32 और पंजाब की 37 विधानसभा सीटों पर डेरा का असर था।
- गुरमीत सिंह राम रहीम ने 1996 में बीजेपी-बंसीलाल की सरकार को समर्थन दिया। इसमें भारतीय विकास पार्टी को 33 और भाजपा ने 11 सीटें जीती थीं। सरकार तीन साल ही चल पाई थी। 2000 में डेरे ने इनेलो को समर्थन दिया। इनेलो ने 47 सीटें जीतकर अपनी सरकार बनाई।
- 2005 में बाबा ने अंदरुनी तौर पर कांग्रेस का समर्थन किया। कांग्रेस ने सीटें जीतीं। 2009 में फिर कांग्रेस को समर्थन दिया। कांग्रेस ने 40 सीटें जीतीं और हजकां के 6 और एक निर्दलीय विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली।
- 2014 में भाजपा को समर्थन दिया तो 47 सीटों के साथ इनकी सरकार बनी।
8) जेल जाते वक्त लड़की को अपने साथ क्यों रखना चाहता था बाबा?
- सीबीआई कोर्ट में रेपिस्ट साबित होने के बाद जेल में भी गुरमीत राम रहीम सिंह के तेवर नहीं बदले। पुलिस उसकी कथित गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत को हेलिकॉप्टर में उसके साथ रोहतक जेल ले गई थी। क्योंकि, पंचकूला सीबीआई कोर्ट में ही राम रहीम ने एप्लीकेशन दायर कर बीमार होने की बात कही थी। हनीप्रीत ने भी वकील के जरिए कहा-वह जेल में डेरा मुखी के साथ रहना चाहती है। वह एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट है। उनकी कमर में दर्द है। माइग्रेन भी रहता है।
- फेसबुक पर खुद को राम रहीम की वारिस घोषित करने वाली हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है। फतेहाबाद की प्रियंका को 2009 में राम रहीम ने गोद लिया था। डेरे में उसका हुक्म राम रहीम के बराबर ही माना जाता था। राम रहीम की खुद की दो बेटियां अमनप्रीत और चरणप्रीत, एक बेटा जसमीत है। हनीप्रीत राम रहीम को गुरु पा आैर पापा एंजेल कहती है। राम रहीम के हर ट्वीट का जवाब हनीप्रीत देती रही है।
9) जिन्होेंने जमीन देने में आनाकानी की उनके खेतों को शौचालय बना देता था राम रहीम
राम रहीम ने डेरे के चारों ओर की जमीन हासिल करने के लिए हर हथकंडा अपनाया। उसने 1990 में गद्दीनशीं होने के बाद लोगों को डरा-धमका कर औने पौने दामों पर 700 एकड़ जमीन हासिल कर ली। इसी वजह से महज कुछ एकड़ में फैला डेरा आज बड़े शहर में तब्दील हो गया।
- गांव शाहपुर बेगू, नेजियाखेड़ा और फूलकां बाजेकां के जिन लोगों ने बाबा को जमीन देने का विराेध किया, उन्हें परेशान करने के लिए बाबा के गुंडों ने पहले धमकाया फिर समझाया और जो इसके बाद भी नहीं माना उसकी जमीन को रातों रात ओपन टॉयलेट बना दिया जाता था। डेरे पर आने वाले हजारों लोग ऐसे लोगों के खेतों और फसल की दुर्दशा कर देते थे। गंदगी की वजह से खेतों के आसपास जाना भी मुश्किल हो जाता था। परेशान होकर लोग जमीन बेचने में ही भलाई समझते थे।
10) MSG प्रोडक्ट्स का 600 करोड़ का टर्नओवर
- 600 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले एमएसजी प्रोडेक्ट्स की सेल पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। डेरा पर आर्थिक संकट भी गहरा गया है, क्योंकि सरकार और प्रशासन की अोर से डेरा के सभी बैंक अकाउंट सील कर दिए गए हैं।
- गुरमीत राम रहीम ने डेरा के कारोबार को और ज्यादा मजबूत करने के लिए पूरे हरियाणा में लगभग 600 करोड़ टर्नओवर के एमएसजी प्रोडेक्ट्स भी लॉन्च किए। करीब 150 से ज्यादा प्रोडेक्ट्स को बेचने के लिए डेरा प्रबंधन ने सबसे पहले सिरसा में पांच एमएसजी प्रोडेक्ट्स के शोरूम भी खोले।
- उन प्रोडेक्ट्स काे बनाने के लिए डेरा हेडक्वार्टर कैम्पस में ही इंडस्ट्रियल यूनिट्स बनाई गईं। इन प्रोडेक्ट्स को तैयार करने और बेचने के लिए लगभग 10 हजार लोग भी जुड़े रहे हैं।
जब सीबीआई ने एक आरोपी अवतार सिंह, डेरा के मैनेजर इंद्रसेन और मैनेजर कृष्ण लाल का चंडीगढ़ और दिल्ली में लाई डिटेक्टर टेस्ट किया तो पता चला कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सेक्शुअल हैरेसमेंट करता था। दो साध्वियों ने CBI को अपनी आपबीती में कहा था कि बाबा गुफा में बुलाता था और रेप करता था। जानिए साध्वी रेप केस और CBI कोर्ट के जजमेंट के बाद बदले हालात से जुड़े 10 नए खुलासे...
1) तीन लिस्ट में साध्वियों के नाम सामने आए
- दरअसल, 2002 में एक साध्वी की लिखी चिट्ठी पर संज्ञान लेते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी। सीबीआई ने डेरे के मैनेजर इंद्र सेन से 1999 से 2001 तक की साध्वियों की लिस्ट मांगी तो 2005 में उसे 3 लिस्ट मिलीं। पहली लिस्ट में 53, दूसरी में 80 और तीसरी लिस्ट में 24 साध्वियों के नाम थे।
2) पहला बयान : रोज रात बाबा हॉस्टल से लड़की को बुलाता था
- 20 साल तक सेवादार रहे रणजीत सिंह की 2002 में गुमनाम साध्वी का लेटर सामने आने के बाद हत्या कर दी गई थी। रणजीत के साले परमजीत सिंह ने सीबीआई के स्पेशल मजिस्ट्रेट में बयान दर्ज कराए थे।
- परमजीत ने बताया था कि रणजीत की बहन जुलाई 1999 में साध्वी बनी थी। रोज बाबा रात को गर्ल्स हॉस्टल से एक साध्वी को गुफा में बुलाता था। एक दिन जब वह संतरी की ड्यूटी पर थी तो उसने देखा कि दो साध्वियों को बाबा की गुफा में भेजा गया। इसके बाद इनमें से एक ने तुरंत डेरा छोड़ दिया। साध्वी भी सब देखकर डेरा छोड़ना चाहती थी, मगर उसके भाई की बेटियां डेरे में बीए कर रही थीं। इसके कारण उसे रुकना पड़ा। अप्रैल 2001 में उसने अपने भाई और उसकी दोनों बेटियों समेत डेरा छोड़ दिया।
3) दूसरा बयान- गुफा से रोते हुए आती थीं साध्वियां
- 27 जुलाई 2006 को सीबीआई ने कुरुक्षेत्र की साध्वी का बयान रिकार्ड किया। उसने बताया कि डेरामुखी ने उसके साथ रेप किया था। अपनी प्रतिष्ठा, पति के उसे तलाक देने के डर और डेरे के असर के डर से उसने मुंह नहीं खोला।
- जब सीबीआई ने डेरा मैनेजर कृष्ण लाल को अरेस्ट किया तो उसने अपने परिवार और पति को भरोसे में लिया। सच बोलने का मन बनाया। उसने बताया कि जब वह साध्वी थी तो 28-29 अगस्त 1999 की रात को 8 बजे मैनेजर ने बताया कि बाबा ने गुफा में बुलाया है। जब उसकी संतरी की ड्यूटी थी तो हॉस्टल की एक अन्य साध्वी से भी बाबा ने रेप किया। जिसके बाद उसने और उसकी बहन ने डेरा छोड़ दिया। इसी तरह दो अन्य साध्वियों को भी उसने गुफा से रोते हुए निकलते देखा, जिन्होंने बाद में डेरा छोड़ा।
- साध्वी ने बताया कि रेप होने के एक साल बाद उसे मैनेजर ने बुलाया और कहा कि बाबा ने उसे गुफा में बुलाया है। मगर पहले हुई घटना के कारण उसने इनकार कर दिया। इसके बाद मैनेजर ने उसे ऐसा करने पर भूखा रखने की धमकी दी। इससे उसे गुफा में दोबारा जाना पड़ा और बाबा ने उसके साथ फिर रेप किया।
4) तीसरा बयान- मेरे और मेरी बहन के साथ रेप हुआ था
- 4 मई 2006 को फतेहाबाद की पूर्व साध्वी का सीबीआई ने बयान दर्ज किया। उसने बताया कि 1998 में उसने डेरा में बतौर साध्वी ज्वाइन किया था। वह शाह सतनाम जी स्कूल में पढ़ाती थी। 6 महीने बाद उसकी बहन भी साध्वी बन गई। बाबा ने उसका नाम नाजम और बहन तसलीम रखा। बाबा गर्ल्स हॉस्टल के पास अपनी गुफा में रहता था और गुफा के बाहर साध्वियों को संतरी रखता था। जिनकी ड्यूटी रात 8 बजे से 12 और 12 बजे से 4 बजे दो शिफ्टों में होती थी।
- साध्वी ने अपने बयान में कहा था- एक दिन उसे रात को 10 बजे गुफा में बुलाया गया और बाबा ने उससे रेप किया। वह रोती हुई गुफा से निकली और हॉस्टल चली गई। यहां पर उसने किसी को कुछ नहीं बताया। मगर उस दिन उसकी बहन ने बताया कि बाबा उसके साथ भी रेप कर चुका है।
5) बाबा की सीक्रेट गुफा थी, बायोमीट्रिक कोड से खुलता था बेडरूम
- राम रहीम अपने डेरे में महाराजा जैसी जिंदगी जी रहा था। शीश महल में रहता था। डेरे में उसके ऐशो आराम के सभी साधन मुहैया कराए जा रहे थे। उसे राजाओं जैसी पोशाकें पहनने का शौक था और उसके लिए ऐसी कई महंगी पोशाकें रोजाना तैयार करवाई जाती थीं, जिन्हें बाबा खुद ही डिजाइन करवाता था।
- बाबा जहां रहता था, उसे कहा तो गुफा जाता था, लेकिन असल में वह जगह भी किसी राजमहल से कम नहीं थी। यहां तक कि उसने अपने लिए राजाओं की तरह हरम तक बनवा रखा था, जिसमें 200 से ज्यादा सुंदर साध्वियों को रखा गया था। उसमें बायोमीट्रिक कोड से बेडरूम खुलता था।
क्या हैं इस केस की 5 अहम कड़ियां?
- दो पूर्व साध्वियों के CBI स्पेशल मजिस्ट्रेट के सामने अलग-अलग बयान हुए। दोनों बयानों में समानता मिली।
- सेवादार रहे रणजीत के साले परमजीत के भी 164 बयान हुए, जिनमें उसने अपने जीजा की हत्या की बात बताई।
- कोर्ट के सामने डेरे से जुड़ी घटनाओं की कड़ी से कड़ी जुड़ती गई। चूंकि बाबा डेरे के कस्टोडियन थे, इसलिए जिम्मेदारी उसी की थी।
- इस मामले में मेडिकल एविडेंस नहीं थे। ‘रीलेट चेन ऑफ इवेंट्स’ ही बाबा को दोषी ठहराने का बेस बना।
- क्रॉस एग्जामीनेशन में भी बाबा की ओर से दी गई दलीलें सही नहीं पाई गईं।
6) फायर ब्रिगेड के पानी में तेल मिलाकर दंगों की थी साजिश
- बाबा को कोर्ट से दोषी करार देने पर उसके गुंडों की उसे पुलिस की गिरफ्त से भगाने की पूरी साजिश थी। इस साजिश के अब रोज नए राज सामने रहे हैं। शनिवार को जहां 7 गनमैन पकड़े गए जो बाबा को भगाने में जुटे थे। वहीं हंगामे के दौरान पकड़ी गई गाड़ियों से रविवार को जो चीजें मिली उससे पता चलता है कि बाबा को कैसे भगाना था।
- पुलिस थाने में मौजूद फायर ब्रिगेड की गाड़ी में एक 5/4 का बॉक्स मिला है। यह बॉक्स आमतौर पर किसी भी फायर टेंडर के अंदर नहीं होता है। इस बॉक्स में जांच करने के बाद सामने आया कि इसमें पेट्रोल डाला गया था। ये पेट्रोल वहीं से पानी में सप्लाई करना था और आग लगाई जानी थी। उसके बाद हंगामा होना था। दंगा होने पर सारी पुलिस का ध्यान पब्लिक की ओर हो जाना था और उसी दौरान कोर्ट के बाहर उसे डेरा प्रमुख को भगाने की साजिश थी।
7) क्या थी राम रहीम की सबसे कमजोर कड़ी?
- राम रहीम की सबसे कमजोर कड़ी उस पर दर्ज मुकदमे ही थे। बाबा किसी भी तरह इन मुकदमों से बाहर निकलना चाहता था। राजनीतिक दल और बाबा दोनों एक-दूसरे की कमजोर नसों को अच्छी तरह समझ गए थे। यही वजह थी कि प्रदेश में जब भी चुनाव आते थे तो तमाम राजनेता और राजनीतिक दल बाबा की चौखट पर जाकर माथा टेकते थे।
- हरियाणा के छह से ज्यादा जिलों में करीब 32 और पंजाब की 37 विधानसभा सीटों पर डेरा का असर था।
- गुरमीत सिंह राम रहीम ने 1996 में बीजेपी-बंसीलाल की सरकार को समर्थन दिया। इसमें भारतीय विकास पार्टी को 33 और भाजपा ने 11 सीटें जीती थीं। सरकार तीन साल ही चल पाई थी। 2000 में डेरे ने इनेलो को समर्थन दिया। इनेलो ने 47 सीटें जीतकर अपनी सरकार बनाई।
- 2005 में बाबा ने अंदरुनी तौर पर कांग्रेस का समर्थन किया। कांग्रेस ने सीटें जीतीं। 2009 में फिर कांग्रेस को समर्थन दिया। कांग्रेस ने 40 सीटें जीतीं और हजकां के 6 और एक निर्दलीय विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली।
- 2014 में भाजपा को समर्थन दिया तो 47 सीटों के साथ इनकी सरकार बनी।
8) जेल जाते वक्त लड़की को अपने साथ क्यों रखना चाहता था बाबा?
- सीबीआई कोर्ट में रेपिस्ट साबित होने के बाद जेल में भी गुरमीत राम रहीम सिंह के तेवर नहीं बदले। पुलिस उसकी कथित गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत को हेलिकॉप्टर में उसके साथ रोहतक जेल ले गई थी। क्योंकि, पंचकूला सीबीआई कोर्ट में ही राम रहीम ने एप्लीकेशन दायर कर बीमार होने की बात कही थी। हनीप्रीत ने भी वकील के जरिए कहा-वह जेल में डेरा मुखी के साथ रहना चाहती है। वह एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट है। उनकी कमर में दर्द है। माइग्रेन भी रहता है।
- फेसबुक पर खुद को राम रहीम की वारिस घोषित करने वाली हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है। फतेहाबाद की प्रियंका को 2009 में राम रहीम ने गोद लिया था। डेरे में उसका हुक्म राम रहीम के बराबर ही माना जाता था। राम रहीम की खुद की दो बेटियां अमनप्रीत और चरणप्रीत, एक बेटा जसमीत है। हनीप्रीत राम रहीम को गुरु पा आैर पापा एंजेल कहती है। राम रहीम के हर ट्वीट का जवाब हनीप्रीत देती रही है।
9) जिन्होेंने जमीन देने में आनाकानी की उनके खेतों को शौचालय बना देता था राम रहीम
राम रहीम ने डेरे के चारों ओर की जमीन हासिल करने के लिए हर हथकंडा अपनाया। उसने 1990 में गद्दीनशीं होने के बाद लोगों को डरा-धमका कर औने पौने दामों पर 700 एकड़ जमीन हासिल कर ली। इसी वजह से महज कुछ एकड़ में फैला डेरा आज बड़े शहर में तब्दील हो गया।
- गांव शाहपुर बेगू, नेजियाखेड़ा और फूलकां बाजेकां के जिन लोगों ने बाबा को जमीन देने का विराेध किया, उन्हें परेशान करने के लिए बाबा के गुंडों ने पहले धमकाया फिर समझाया और जो इसके बाद भी नहीं माना उसकी जमीन को रातों रात ओपन टॉयलेट बना दिया जाता था। डेरे पर आने वाले हजारों लोग ऐसे लोगों के खेतों और फसल की दुर्दशा कर देते थे। गंदगी की वजह से खेतों के आसपास जाना भी मुश्किल हो जाता था। परेशान होकर लोग जमीन बेचने में ही भलाई समझते थे।
10) MSG प्रोडक्ट्स का 600 करोड़ का टर्नओवर
- 600 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले एमएसजी प्रोडेक्ट्स की सेल पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। डेरा पर आर्थिक संकट भी गहरा गया है, क्योंकि सरकार और प्रशासन की अोर से डेरा के सभी बैंक अकाउंट सील कर दिए गए हैं।
- गुरमीत राम रहीम ने डेरा के कारोबार को और ज्यादा मजबूत करने के लिए पूरे हरियाणा में लगभग 600 करोड़ टर्नओवर के एमएसजी प्रोडेक्ट्स भी लॉन्च किए। करीब 150 से ज्यादा प्रोडेक्ट्स को बेचने के लिए डेरा प्रबंधन ने सबसे पहले सिरसा में पांच एमएसजी प्रोडेक्ट्स के शोरूम भी खोले।
- उन प्रोडेक्ट्स काे बनाने के लिए डेरा हेडक्वार्टर कैम्पस में ही इंडस्ट्रियल यूनिट्स बनाई गईं। इन प्रोडेक्ट्स को तैयार करने और बेचने के लिए लगभग 10 हजार लोग भी जुड़े रहे हैं।
baba gajab hai
ReplyDelete