बिहार में नई सरकार MODI का बड़ा रोल bihar sarkar Change
26 July 2017
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Bihar new government news - बिहार में नई सरकार को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। 243 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत है। BJP और जेडीयू अगर साथ आती हैं तो बिहार में सरकार बन सकती है। महागठबंधन टूटने के बाद बिहार में नई सरकार को लेकर 3 समीकरण सामने आ रहे हैं। एक ऑप्शन तो खुद लालू यादव ने सुझाया है। क्या हैं 2 विकल्प..
1) नीतीश और बीजेपी साथ आएं
- नीतीश की पार्टी जेडीयू के पास 71 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 122 है। ऐसे में जेडीयू को 51 विधायकों की जरूरत और होगी। बीजेपी के साथ जाने पर उन्हें एनडीए के 58 विधायक मिलाकर आंकड़ा 129 हो जाता है जो बहुमत से 7 ज्यादा है।
2) नए सिरे से चुनाव हों
नीतीश अगर बीजेपी के साथ नहीं जाते और महागठबंधन के साथ भी उनकी कोई डील नहीं होती तो बिहार में नए सिरे से चुनाव कराने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं बचेगा।
3) लालू का नया फॉर्मूला क्या?
- लालू ने कहा- तेजस्वी और नीतीश दोनों बाहर रहें। हम सबसे बड़ी पार्टी हैं। आरजेडी-जेडीयू और कांग्रेस के विधायक मिलकर नया नेता चुनें। सरकार पांच साल चल जाएगी और महागठबंधन भी नहीं टूटेगा।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
- बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं। आरजेडी सबसे बड़ा दल है। उसके पास 80 विधायक हैं। जेडीयू दूसरे नंबर पर है जिसके 71 विधायक हैं। महागठबंधन में शामिल तीसरे दल कांग्रेस के पास 27 सीटें हैं।
- बीजेपी विपक्ष में है। उसके पास 53 सीटें हैं
- नीतीश की पार्टी जेडीयू के पास 71 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 122 है। ऐसे में जेडीयू को 51 विधायकों की जरूरत और होगी। बीजेपी के साथ जाने पर उन्हें एनडीए के 58 विधायक मिलाकर आंकड़ा 129 हो जाता है जो बहुमत से 7 ज्यादा है।
2) नए सिरे से चुनाव हों
नीतीश अगर बीजेपी के साथ नहीं जाते और महागठबंधन के साथ भी उनकी कोई डील नहीं होती तो बिहार में नए सिरे से चुनाव कराने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं बचेगा।
3) लालू का नया फॉर्मूला क्या?
- लालू ने कहा- तेजस्वी और नीतीश दोनों बाहर रहें। हम सबसे बड़ी पार्टी हैं। आरजेडी-जेडीयू और कांग्रेस के विधायक मिलकर नया नेता चुनें। सरकार पांच साल चल जाएगी और महागठबंधन भी नहीं टूटेगा।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
- - सीबीआई ने 5 जुलाई को लालू, राबड़ी और तेजस्वी यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। 7 जुलाई को सुबह CBI ने लालू से जुड़े 12 ठिकानों पर छापे मारे। जांच एजेंसी के मुताबिक 2006 में जब लालू रेलमंत्री थे, तब रांची और पुरी में होटलों के टेंडर जारी करने में गड़बड़ी की गई।
- - इसके बाद तेजस्वी के इस्तीफे की मांग उठने लगी। मामला तब गरमा गया जब नीतीश कुमार की अगुआई में इस मसले पर 11 जुलाई को जेडीयू की अहम बैठक हुई।
- - इससे पहले मई से ही लालू और उनके परिवार के खिलाफ 1000 करोड़ की बेनामी प्रॉपर्टी के आरोपों की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जांच कर रहा था। मीसा और उनके पति के ठिकानों पर भी छापे मारे जा चुके थे।
- जेडीयू ने कब रुख सख्त किया?
- - तेजस्वी पर एफआईआर के बाद जेडीयू ने कहा कि जिन पर आरोप लगे हैं, वे जनता ले सामने फैक्ट्स के साथ जवाब दें। इस्तीफे के बाद भी नीतीश ने यही बात दोहराई कि उन्होंने तेजस्वी से इस्तीफा नहीं सिर्फ सफाई मांगी थी। जेडीयू ने कभी करप्शन के मामले में समझौता नहीं किया है। हमने तो इसकी मिसाल पेश की है। फिर चाहे वे जीतनराम मांझी का मामला हो या अनंत सिंह का। नीतीश कुमार अपनी छवि और भ्रष्टाचार की समस्या से समझौता नहीं करेंगे।
- बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं। आरजेडी सबसे बड़ा दल है। उसके पास 80 विधायक हैं। जेडीयू दूसरे नंबर पर है जिसके 71 विधायक हैं। महागठबंधन में शामिल तीसरे दल कांग्रेस के पास 27 सीटें हैं।
- बीजेपी विपक्ष में है। उसके पास 53 सीटें हैं
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