गुप्त बाते स्त्रियों के बारे में भीष्म जी ने युधिष्ठिर को बताई थी hindu mythology
11 July 2017
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हिंदू धर्म में महिलाओं को बहुत ही आदर व सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। (respect for womens in hindu religion) हिंदू धर्म ग्रंथों में अनेक महान, पतिव्रत व दृढ़ इच्छा शक्ति वाली महिलाओं का वर्णन मिलता । महिलाओं के संबंध में अनेक ग्रंथों में कई बातें बताई गई हैं। कुछ ग्रंथों में स्त्रियों के कर्तव्यों का वर्णन किया गया है तो कुछ में उनके व्यवहार (behavior) के बारे में।
महाभारत (mahabharat) में भी स्त्रियों के संबंध में कुछ विशेष बातों का वर्णन किया गया है। यह बातें महाभारत के अनुशासन पर्व में तीरों की शैय्या पर लेटे हुए भीष्म पितामाह ने युधिष्ठिर को बताई थीं।
इनमें से कुछ बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। ये बातें प्रकार हैं-
1#नहीं करना चाहिए स्त्रियों का अनादर (never disrespect womens)
भीष्म पितामाह ने युधिष्ठिर को बताया था कि जिस घर में स्त्रियों का अनादर होता है, वहां के सारे काम असफल हो जाते हैं। जिस कुल की बहू-बेटियों को दु:ख (pain) मिलने के कारण शोक होता है, उस कुल का नाश हो जाता है। प्रसन्न रखकर पालन करने से स्त्री लक्ष्मी का स्वरूप बन जाती हैं।
2#नाराज स्त्रियां दे देती हैं श्राप
पितामाह भीष्म ने युधिष्ठिर को बताया कि स्त्रियां नाराज होकर जिन घरों को श्राप (curse) दे देती हैं, वे नष्ट हो जाते हैं। उनकी शोभा, समृद्धि और संपत्ति का नाश (loss of everything) हो जाता है। संतान की उत्पत्ति, उसका पालन-पोषण और लोकयात्रा का प्रसन्नतापूर्वक निर्वाह भी उन्हीं पर निर्भर है। यदि पुरुष स्त्रियों का सम्मान (respect of womens) करेंगे तो उनके सभी कार्य सिद्ध हो जाएंगे।
3#जहां होता है स्त्रियों का आदर, वहां देवता निवास करते हैं
भीष्म पितामाह के अनुसार, यदि स्त्री की मनोकामना (wish) पूरी न की जाए, वह पुरुष को प्रसन्न नहीं कर सकती। इसलिए स्त्रियों का सदा सत्कार और प्यार (love, care and affection) करना चाहिए। जहां स्त्रियों का आदर होता है, वहां देवता प्रसन्न होकर निवास करते हैं। स्त्रियां ही घर की लक्ष्मी हैं। पुरुष को उनका भलीभांति सत्कार करना चाहिए।
इनमें से कुछ बातें आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। ये बातें प्रकार हैं-
1#नहीं करना चाहिए स्त्रियों का अनादर (never disrespect womens)
भीष्म पितामाह ने युधिष्ठिर को बताया था कि जिस घर में स्त्रियों का अनादर होता है, वहां के सारे काम असफल हो जाते हैं। जिस कुल की बहू-बेटियों को दु:ख (pain) मिलने के कारण शोक होता है, उस कुल का नाश हो जाता है। प्रसन्न रखकर पालन करने से स्त्री लक्ष्मी का स्वरूप बन जाती हैं।
2#नाराज स्त्रियां दे देती हैं श्राप
पितामाह भीष्म ने युधिष्ठिर को बताया कि स्त्रियां नाराज होकर जिन घरों को श्राप (curse) दे देती हैं, वे नष्ट हो जाते हैं। उनकी शोभा, समृद्धि और संपत्ति का नाश (loss of everything) हो जाता है। संतान की उत्पत्ति, उसका पालन-पोषण और लोकयात्रा का प्रसन्नतापूर्वक निर्वाह भी उन्हीं पर निर्भर है। यदि पुरुष स्त्रियों का सम्मान (respect of womens) करेंगे तो उनके सभी कार्य सिद्ध हो जाएंगे।
3#जहां होता है स्त्रियों का आदर, वहां देवता निवास करते हैं
भीष्म पितामाह के अनुसार, यदि स्त्री की मनोकामना (wish) पूरी न की जाए, वह पुरुष को प्रसन्न नहीं कर सकती। इसलिए स्त्रियों का सदा सत्कार और प्यार (love, care and affection) करना चाहिए। जहां स्त्रियों का आदर होता है, वहां देवता प्रसन्न होकर निवास करते हैं। स्त्रियां ही घर की लक्ष्मी हैं। पुरुष को उनका भलीभांति सत्कार करना चाहिए।
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