जब हिन्दुस्तानियों के काले होने पर अंग्रेज पत्रकार ने उठाया सवाल तो डॉ. राधाकृष्ण ने इस अंदाज में दिया जवाब...Dr. Radhakrishn’S Answer For English Patrkaar
26 June 2017
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सच में ना तो इंडिया जैसा कोई देश हे और ना ही बड़े वाले दिल वाले इंडिया जैसे लोग. इंडियन अपने मनमौजी स्टाइल और जुगाड़ के लिए पूरी दुनिया में फेमस हे. अगर कोई भारतियों की बेज्जती कर दे तो भारतीय उसे उसी के अंदाज में ऐसा जवाब देते हे की सामने वाले का मुहं बंद हो जाता हे. ऐसे ही थे डॉ. राधाकृष्ण, जिन्होंने एक अंग्रेज पत्रकार को ऐसा जवाब दिया जिसे सुनकर हर इंडियन यही कहेगा की महान थे डॉ. राधाकृष. आईये जानते हे कौनसा सवाल था और क्या जवाब था डॉ. राधाकृष्ण का.
Dr. Radhakrishn’S Answer For English Patrkaar
डॉ. राधाकृष्ण जब एक बार लन्दन गए तो वहां के एक अंग्रेज पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा की “आप हिन्दुस्तानी इतने काले क्यों होते हे”?
तब डॉ. राधाकृष्ण ने कहा की हम हिन्दुस्तानी काले नहीं बल्कि कुछ और होते हे. इस पर अग्रेज पत्रकार ने कहा की काले नहीं होते तो क्या होते हे.
डॉ. राधाकृष्ण ने फिर एक कहानी सुनाई.
उन्होंने कहा भगवान ने एक रोटी बनाई और वह कच्ची रह गई तो वो सब खाकर तू अंग्रेज सब पैदा हुए.
भगवान ने फिर एक रोटी बनाई और वो जल गई उसे खाकर अफ़्रीकी पैदा हुए.
भगवान ने फिर एक रोटी बनाई वो ना तो जली और ना कच्ची रही बराबर सिकी. उसे खाकर हम हिन्दुस्तानी पैदा हुए.
डॉ. राधाकृष्ण जब एक बार लन्दन गए तो वहां के एक अंग्रेज पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा की “आप हिन्दुस्तानी इतने काले क्यों होते हे”?
तब डॉ. राधाकृष्ण ने कहा की हम हिन्दुस्तानी काले नहीं बल्कि कुछ और होते हे. इस पर अग्रेज पत्रकार ने कहा की काले नहीं होते तो क्या होते हे.
डॉ. राधाकृष्ण ने फिर एक कहानी सुनाई.
उन्होंने कहा भगवान ने एक रोटी बनाई और वह कच्ची रह गई तो वो सब खाकर तू अंग्रेज सब पैदा हुए.
भगवान ने फिर एक रोटी बनाई और वो जल गई उसे खाकर अफ़्रीकी पैदा हुए.
भगवान ने फिर एक रोटी बनाई वो ना तो जली और ना कच्ची रही बराबर सिकी. उसे खाकर हम हिन्दुस्तानी पैदा हुए.
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इसलिए हम काले नहीं सांवले हे और अब तो विज्ञान ने भी स्वीकार कर लिया हे की सांवले लोगों को त्वचा का कैंसर होने की सम्भावना सबसे कम होती हे. सांवले तो भगवान राम भी थे, कृष्ण भी थे. इसलिए तो भारतीय सबसे खास हे. उनसे पंगा लेने की जरूरत कोई नहीं कर सकता.
इसलिए हम काले नहीं सांवले हे और अब तो विज्ञान ने भी स्वीकार कर लिया हे की सांवले लोगों को त्वचा का कैंसर होने की सम्भावना सबसे कम होती हे. सांवले तो भगवान राम भी थे, कृष्ण भी थे. इसलिए तो भारतीय सबसे खास हे. उनसे पंगा लेने की जरूरत कोई नहीं कर सकता.
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