कहीं आपका बच्चा हाइपर एक्टिव ADHD तो नही
15 June 2017
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ADHD - आपका बच्चा आपका कहना नहीं मानता और वह छोटी-छोटी बातों पर झूठ बोलता हे, अक्सर अपना होमवर्क करना भूल जाता हे उसका ध्यान क्लास में नहीं रहता हे...
इधर-उधर की बातें सोचता हे, खाना खाने में आनाकानी करता हे, एक जगह टिक कर नहीं बैठता हे इसका मतलब हे की वह ADHD यानी की अटेंशन डिफीसिटी हाइपर डिसऑर्डर से पीड़ित हे. आईये जानते हे इसके लक्षण और बचाव के उपाय.
ADHD (अटेंशन डिफीसिटी हाइपर डिसऑर्डर) के लक्षण
1. ADHD से पीड़ित बच्चा अपने आसपास के वातावरण में हुआ छोटा सा बदलाव भी बर्दाश्त नहीं कर पाता हे. अगर उसके रहन-सहन में या उसके कमरे की साज-सज्जा में जरा सा भी बदलाव किया जाए तो वह उसकी वजह से डरा-सहमा सा रहता हे.
2. ऐसे बच्चों का ध्यान बहुत जल्दी भटकता हे. वो किसी भी काम को पूरी तलीनता से पूरा नहीं कर पाते हे. उनके इस व्यवहार का असर उनकी पढ़ाई पर भी दीखता हे.
इधर-उधर की बातें सोचता हे, खाना खाने में आनाकानी करता हे, एक जगह टिक कर नहीं बैठता हे इसका मतलब हे की वह ADHD यानी की अटेंशन डिफीसिटी हाइपर डिसऑर्डर से पीड़ित हे. आईये जानते हे इसके लक्षण और बचाव के उपाय.
ADHD (अटेंशन डिफीसिटी हाइपर डिसऑर्डर) के लक्षण
1. ADHD से पीड़ित बच्चा अपने आसपास के वातावरण में हुआ छोटा सा बदलाव भी बर्दाश्त नहीं कर पाता हे. अगर उसके रहन-सहन में या उसके कमरे की साज-सज्जा में जरा सा भी बदलाव किया जाए तो वह उसकी वजह से डरा-सहमा सा रहता हे.
2. ऐसे बच्चों का ध्यान बहुत जल्दी भटकता हे. वो किसी भी काम को पूरी तलीनता से पूरा नहीं कर पाते हे. उनके इस व्यवहार का असर उनकी पढ़ाई पर भी दीखता हे.
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3. ADHD डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चों में बहुत ज्यादा उर्जा होती हे. अगर उनकी इस उर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाया जाए तो वे अपनी एनर्जी घर के सामान को तोड़ने-फोड़ने में लगाते हे. अगर उनकी बात को ना मानी जाये तो वे गुस्से में आकर घर का सामान तोड़ने लगते हे.
4. ऐसे बच्चे चाहते हे की उनके पेरेंट्स उनका पूरा ध्यान रखें. अगर उनका ध्यान ना रखा जाए तो के पेरेंट्स का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए कुछ भी कर सकते हे. इसमें वे खुद का नुकसान भी कर सकते हे.
इन बातों का रखें ध्यान
1. ADHD से पीड़ित बच्चे भावनात्मक तौर पर बहुत कमजोर होते हे. उन्हें हर समय ऐसा प्रतीत होता हे उनके साथ कोई नहीं हे. आप-आप उन्हें बार-बार यह एहसास दिलाएं की आप हर समय उनके साथ हे. इसके लिए आप उसे गले लगायें और उसके साथ टाइम बिताएं. उसकी बातों को ध्यान से सुने और उसके कार्यों को सराहे.
2. खुद मेडिटेशन करे और बच्चे को भी इसके लिए प्रेरित करे. नियमित तौर पर ध्यान करने से बच्चे की ध्यान शक्ति बढती हे और वह अपने कार्यों पर फोकस कर पायेगा.
3. उन्हें चीजों को मैनेज करना सिखाएं. उन्हें एक डायरी दे और कहें की वे प्रतिदिन अपने कार्यों को इसमें लिखें और उन्हें किस तरह पूरा करना हे इसकी योजना भी बनायें.
4. जिस चीजों से बच्चों का ध्यान भटकता हे उन्हें उनसे दूर रखें.
5. कोई भी कार्य करते हुए बच्चे से मदद जरुर मांगे.
3. ADHD डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चों में बहुत ज्यादा उर्जा होती हे. अगर उनकी इस उर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाया जाए तो वे अपनी एनर्जी घर के सामान को तोड़ने-फोड़ने में लगाते हे. अगर उनकी बात को ना मानी जाये तो वे गुस्से में आकर घर का सामान तोड़ने लगते हे.
4. ऐसे बच्चे चाहते हे की उनके पेरेंट्स उनका पूरा ध्यान रखें. अगर उनका ध्यान ना रखा जाए तो के पेरेंट्स का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए कुछ भी कर सकते हे. इसमें वे खुद का नुकसान भी कर सकते हे.
इन बातों का रखें ध्यान
1. ADHD से पीड़ित बच्चे भावनात्मक तौर पर बहुत कमजोर होते हे. उन्हें हर समय ऐसा प्रतीत होता हे उनके साथ कोई नहीं हे. आप-आप उन्हें बार-बार यह एहसास दिलाएं की आप हर समय उनके साथ हे. इसके लिए आप उसे गले लगायें और उसके साथ टाइम बिताएं. उसकी बातों को ध्यान से सुने और उसके कार्यों को सराहे.
2. खुद मेडिटेशन करे और बच्चे को भी इसके लिए प्रेरित करे. नियमित तौर पर ध्यान करने से बच्चे की ध्यान शक्ति बढती हे और वह अपने कार्यों पर फोकस कर पायेगा.
3. उन्हें चीजों को मैनेज करना सिखाएं. उन्हें एक डायरी दे और कहें की वे प्रतिदिन अपने कार्यों को इसमें लिखें और उन्हें किस तरह पूरा करना हे इसकी योजना भी बनायें.
4. जिस चीजों से बच्चों का ध्यान भटकता हे उन्हें उनसे दूर रखें.
5. कोई भी कार्य करते हुए बच्चे से मदद जरुर मांगे.
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