खुद न्यायाधीश को जेल तुरंत गिरफ्तारी के आदेश justice Karnan hindi
9 May 2017
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Justice karnan case - कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश को चीफ जस्टिस को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुना दी.Calcutta HC's justice Karnan gets 6 months in jail for contempt, SC orders immediate arrest. Justice CS Karnan, 59, is the first sitting HC judge
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार (9 मई) को एक अभूतपूर्व आदेश देते हुए Calcutta उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी एस कर्णन को न्यायालय की अवमानना करने के लिए तुरंत छह माह के लिए जेल भेजने के निर्देश दिए
पीठ ने कहा, 'सजा का पालन किया जाए और उन्हें तुरंत हिरासत में लिया जाए।' अपनी तरह का यह पहला मामला है कि जब अवमानना के आरोपों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जेल भेजा जा रहा है। पीठ ने न्यायाधीश कर्णन द्वारा आगे कोई आदेश पारित किए जाने की स्थिति में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों मीडिया को आदेश की सामग्री को प्रकाशित करने से रोक दिया है।
इससे पहले सी एस कर्णन ने सोमवार (8 मई) को - भारत के प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और उच्चतम न्यायालय के सात अन्य न्यायाधीशों को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। उच्चतम न्यायालय से टकराव को बढ़ाते हुए न्यायमूर्ति कर्णन ने कहा था आठ न्यायाधीशों ने 'संयुक्त रूप से 1989 के अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम और 2015 के संशोधित कानून के तहत दंडनीय अपराध किया है।
' उन्होंने शीर्ष अदालत की सात न्यायाधीशों की पीठ के सदस्यों के नाम लिये जिनमें प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ हैं।
source:dailyhunt
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार (9 मई) को एक अभूतपूर्व आदेश देते हुए Calcutta उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी एस कर्णन को न्यायालय की अवमानना करने के लिए तुरंत छह माह के लिए जेल भेजने के निर्देश दिए
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पीठ ने कहा, 'सजा का पालन किया जाए और उन्हें तुरंत हिरासत में लिया जाए।' अपनी तरह का यह पहला मामला है कि जब अवमानना के आरोपों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जेल भेजा जा रहा है। पीठ ने न्यायाधीश कर्णन द्वारा आगे कोई आदेश पारित किए जाने की स्थिति में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों मीडिया को आदेश की सामग्री को प्रकाशित करने से रोक दिया है।
इससे पहले सी एस कर्णन ने सोमवार (8 मई) को - भारत के प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर और उच्चतम न्यायालय के सात अन्य न्यायाधीशों को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। उच्चतम न्यायालय से टकराव को बढ़ाते हुए न्यायमूर्ति कर्णन ने कहा था आठ न्यायाधीशों ने 'संयुक्त रूप से 1989 के अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम और 2015 के संशोधित कानून के तहत दंडनीय अपराध किया है।
' उन्होंने शीर्ष अदालत की सात न्यायाधीशों की पीठ के सदस्यों के नाम लिये जिनमें प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ हैं।
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