फेसबुक ट्विटर यूट्यूब रोकेंगे आतंकवाद aatankwad facebook internet
7 December 2016
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Essay on terrorism in hindi pdf News अमेरिकी चुनाव परिणामों के बाद फेसबुक को बड़े पैमाने पर 'फेक न्यूज़' के कारण गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा। उसके चलते फेसबुक ने सफाई भी दी और बाद में कहा कि उन्होंने सेंसरशिप टूल बनाया है, जिसकी मदद से फेक कंटेंट हटाया जा सकेगा। अब दुनिया की दिग्गज आईटी एवं सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वे इंटरनेट पर प्रसारित होने वाली आतंकी सामग्रियों को रोकेंगी। इसके प्रति वे एकजुट हो गई हैं और चारों कंपनियां मिलकर इसके लिए सख्त पॉलिसी बना रही हैं।
Terrorism presentation चारों कंपनियों ने कहा कि वे आतंक के खिलाफ एकजुट हैं और ऐसा कोई भी प्रोपेगेंडा इंटरनेट पर फैलने से रोकेंगी, जिससे समाज व किसी देश को नुकसान पहुंचे। चारों कंपनियां ऐसा डेटाबेस तैयार करेंगी, जिसे एक-दूसरे के साथ शेयर किया जा सके। उसमें आतंकी हिंसा से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो, भर्ती प्रलोभन से जुड़े वीडियो एवं अन्य सामग्री होंगी। इससे समीक्षकों को कंटेंट की पहचान करने और उन्हें हटाने में मदद मिलेगी। इस तरह का कंटेंट शेयर करने के लिए हैश जैसे कमांड टूल होंगे, जिससे कंटेंट की एक-एक सामग्री की पहचान करना आसान होगा।
हैश कमांड के एंटर होते ही कोई भी कंपनी चुनिंदा कंटेंट हटाने, छिपाने एवं उसे डिलीट करने का फैसला करेगी। चारों कंपनियों ने कहा कि हमारे बेहतरीन यूज़रों के लिए उपलब्ध प्लेटफॉर्म में आतंक से जुड़ी सामग्री के लिए कोई जगह नहीं है। एक कंपनी ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम में टेरर कंटेंट बड़ी समस्या बन चुका है और यही वक्त है कि सभी कंपनियां इस ओर ध्यान दें।
Terrorism presentation चारों कंपनियों ने कहा कि वे आतंक के खिलाफ एकजुट हैं और ऐसा कोई भी प्रोपेगेंडा इंटरनेट पर फैलने से रोकेंगी, जिससे समाज व किसी देश को नुकसान पहुंचे। चारों कंपनियां ऐसा डेटाबेस तैयार करेंगी, जिसे एक-दूसरे के साथ शेयर किया जा सके। उसमें आतंकी हिंसा से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो, भर्ती प्रलोभन से जुड़े वीडियो एवं अन्य सामग्री होंगी। इससे समीक्षकों को कंटेंट की पहचान करने और उन्हें हटाने में मदद मिलेगी। इस तरह का कंटेंट शेयर करने के लिए हैश जैसे कमांड टूल होंगे, जिससे कंटेंट की एक-एक सामग्री की पहचान करना आसान होगा।
हैश कमांड के एंटर होते ही कोई भी कंपनी चुनिंदा कंटेंट हटाने, छिपाने एवं उसे डिलीट करने का फैसला करेगी। चारों कंपनियों ने कहा कि हमारे बेहतरीन यूज़रों के लिए उपलब्ध प्लेटफॉर्म में आतंक से जुड़ी सामग्री के लिए कोई जगह नहीं है। एक कंपनी ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम में टेरर कंटेंट बड़ी समस्या बन चुका है और यही वक्त है कि सभी कंपनियां इस ओर ध्यान दें।
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