करवाचोथ पर सुहागिनों के लिए एक चर्चित कविता..Karvachoth Special Porm
19 October 2016
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आज करवाचोथ हे. इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती हे और पति का चेहरा चाँद के सामने देखकर व्रत तोडती हे. यह दिन पति-पत्नी के अटूट विशवास और प्यार का दिन हे. आज की इस पोस्ट में, में आपको सुहागिनों के लिए सबसे चर्चित कविता बताऊंगा. जो शायद आपने पढ़ी होगी, अगर नहीं तो अब पढ़ लीजिये.
Special Poem For Karvachoth
देह मेरी, हल्दी तुम्हारे नाम की.
सिर मेरा, चुनरी तुम्हारे नाम की.
मांग मेरी, सिंदूर तुम्हारे ना का.
माथा मेरा, बिंदिया तुम्हारे नाम की.
नाक मेरी, नथनी तुम्हारे नाम की.
गला मेरा, मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का.
कलाई मेरी, चुडिया तुम्हारे नाम की.
हथेली मेरी, मेहँदी तुम्हारे नाम की.
बड़ो का चरण-वन्दन में करूं और सदा सुहागन के आशीष तुम्हारे नाम का.
घर के दरवाजे पर लगी नेम प्लेट तुम्हारे नाम की.
मेरे नाम के आगे लगा सरनेम भी तुम्हारा.
और तो और..करवाचोथ का व्रत भी तुम्हारे नाम का.
Special Poem For Karvachoth
देह मेरी, हल्दी तुम्हारे नाम की.
सिर मेरा, चुनरी तुम्हारे नाम की.
मांग मेरी, सिंदूर तुम्हारे ना का.
माथा मेरा, बिंदिया तुम्हारे नाम की.
नाक मेरी, नथनी तुम्हारे नाम की.
गला मेरा, मंगलसूत्र तुम्हारे नाम का.
कलाई मेरी, चुडिया तुम्हारे नाम की.
हथेली मेरी, मेहँदी तुम्हारे नाम की.
बड़ो का चरण-वन्दन में करूं और सदा सुहागन के आशीष तुम्हारे नाम का.
घर के दरवाजे पर लगी नेम प्लेट तुम्हारे नाम की.
मेरे नाम के आगे लगा सरनेम भी तुम्हारा.
और तो और..करवाचोथ का व्रत भी तुम्हारे नाम का.
कहानी सच्चे शिष्य की
एक पत्नी ही हे, जो अपना पूरा अस्तित्व अपने पति में खोजती हे. इसलिए आज का दिन महिलाओं को समर्पित.
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