वेबसाइट ट्रैफिक Impressions सी.पी.सी. क्या है कमाई के तरीके cpc what is meaning


Website Traffic ( ट्रैफिक ) क्या है 


मोटे तौर पर ट्रैफिक आपकी वेबसाइट पर आने वाले विजिटर्स को कहते हैं | जिस तरह हम सड़क पर गाड़ियों  की संख्या देखकर  ‘ रोड ट्रैफिक ‘  का अंदाजा लगाते हैं उसी तरह किसी वेबसाइट पर आने वाले विजिटर्स को हम ‘ वेबसाइट ट्रैफिक ‘ कहते हैं |

Impressions क्या हैं ? : 


मान लीजिए आपने एक पेज पर तीन Ads लगाये हैं, उस पेज को पचास बार खोला गया तो आपके Page views तो पचास ही हुए मगर Ads को  50×3 = 150 बार देखा गया | यहाँ पर Impressions हैं 150 |  जितनी बार Ads दिखाई देते हैं उस संख्या को Impressions कहते हैं |

CPC (सी.पी.सी.) क्या है ?


सी.पी.सी. का पूरा मतलब है Cost Per Click | जब कोई विजिटर आपकी वेबसाइट के किसी भी Ad पर क्लिक करता है तो आपको कुछ पैसे की आमदनी होती है, इसीको CPC अथवा कोस्ट पर क्लिक कहते हैं | सरल शब्दों में कहें तो एक क्लिक पर मिलने वाली धनराशी |

आमतौर पर भारतीय Traffic का CPC 0.02$ से 0.20 $ के बीच में होता है ~ 1 रुपये से लेकर लगभग 15 रुपये के बीच मान लीजिए कि आपकी वेबसाइट पर 100 क्लिक हुए और औसत सी.पी.सी. 0.10$ है तो आपने लगभग 10$ यानि 700 रुपये के आसपास कमाए |

CPM/ RPM ( सी.पी.एम. / आर.पी.एम. ) क्या है ?  : सी.पी.एम. का मतलब है Cost Per Mile / Revenue Per Mile अथवा सरल शब्दों में  Cost Per Thousand | जब कोई Ad एक हजार बार दिखाया जाता है तो जो औसत इनकम होती है उसे CPM/RPM कहते हैं |

CPM दो तरीके का होता है, साधारम सी.पी.एम. और eCPM अथवा  Effective CPM |

साधारण CPM को Fixed CPM भी कहते हैं | यह स्थायी होता है, मान लीजिए कि आपका Fixed CPM 1$ है तो आपको हर एक हजार Impressions पर एक डॉलर प्राप्त होंगे, चाहे क्लिक हो या न हो | आपको सिर्फ Impressions से मतलब होता है |

वहीँ eCPM में Impressions की बजाय Click महत्वपूर्ण होते हैं | यह Fixed नहीं होता बल्कि ऊपर नीचे होता रहता है | जितना ज्यादा बेहतर परफोर्मेंस आपकी वेबसाइट देगी उतना ज्यादा बेहतर eCPM होगा | मान लीजिए एक हजार Impressions पर दस क्लिक हुए और औसत CPC 0.10$ है तो आपका  eCPM 1$ हो गया, अगर नौ क्लिक हुए तो eCPM 0.90$ हो गया |

CPA सी.पी.ए. क्या है ? : C.P.A. का मतलब है Cost Per Action | जब कोई यूजर आपकी वेबसाइट के Ad पर क्लिक करने के बाद कुछ ‘विशेष कार्य’ करता है, जैसे कि कोई प्रोडक्ट खरीदना अथवा उस प्रोडक्ट की रेटिंग देना तो उसे CPA कहते हैं |

CPL ( सी.पी.एल. ) क्या है ? CPL का मतलब है Cost Per Lead | यह CPA की तरह ही है | CPA व CPL में मुख्य अंतर है कि CPL में कुछ खरीदना नहीं होता बल्कि CPL में मुख्यतार User Data इकठ्ठा किया जाता है | मान के चलिए कोई कंपनी है जो उन लोगों के बारे में जानना चाहती है जिन्हें आगरा जाने में रूचि है, तो वह CPL Ads देगी और अलग अलग वेबसाइट से आगरा जाने वाले लोगों के बारे में जानकारी इकठ्ठा करेगी |

आइये जानते हैं Ad Serving के बेहतरीन तरीके / Best Types Of Advertisement For Your Website :

Banner Advertisement / बैनर ऐड  : बैनर Ads वेबसाइट पर Advertising का सबसे प्रचलित तरीका है | Banner Ads CPC और CPM के आधार पर काम करते हैं |  बैनर एड सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद तरीका है जिसे छोटे से लेकर बड़े तक सभी बिजनेस प्रयोग करते हैं | लगभग हर वेबसाइट बैनर Ads का प्रयोग करती है |

Popups And Popunders Advertisement :

इस तरह के Ads में जब कोई साईट पर क्लिक करता है तो अपने आप एक नयी विंडो खुल जाती है | ये अक्सर यूजर्स को काफी परेशान कर देते हैं |आपने कई वेबसाइट देखी होंगी जिनपर क्लिक करते ही एक या एक से अधिक नयी नयी विंडो खुल जाती हैं और उनमें Ads दिखाई देने लगते हैं | इन्हें ज्यादातर वो वेबसाइट प्रयोग करती हैं जिनके पास बैनर Ads नहीं होते | इस तरह के Ads काफी असरदार होते हैं मगर यूजर्स को थोडा परेशान कर देते हैं, विशेष रूप से मोबाइल यूजर्स को |

Text Links Advertisement :
Text Links दो प्रकार के होते हैं | पहले गूगल Adsense अथवा किसी Ad Network द्वारा प्रयोग किये जाते हैं व दूसरे जिन्हें आप सीधे किसी Advertiser से संपर्क करके लगाते हैं | दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि गूगल द्वारा दिखाए जाने वाले Ads बदलते रहते हैं व डायरेक्ट लिंक Ads बदलते नहीं हैं | 

इसके अलावा एक और अंतर है कि गूगल के लिंक NoFollow होते हैं जबकि डायरेक्ट लिंक्स अक्सर Do Follow होते हैं | मगर अगर फायदा देखा जाये तो Google Adsense Link Ads काफी ज्यादा मुनाफा देते हैं बजाय Direct Link Ads के, इसका कारण है कि Google Link Ads सी.पी.सी. (CPC) पर आधारित होते हैं जहाँ हर क्लिक का पैसा मिलता है वहीँ Direct Link Ads महीने के आधार पर होते हैं

Recommended Content Ads : -यह तरीका काफी अच्छा और फायदेमंद है | Recommended Content Ads में आपकी वेबसाइट पर दूसरी वेबसाइटों के Articles का लिंक और Thumbnail लगाया जाता है | यह अक्सर CPC के हिसाब से काम करते हैं |

उदाहरण : नीचे दिए गए चित्र में आपको दिख रहा है कि हमें अलग अलग वेबसाइट से आर्टिकल के लिंक Thumbnails के साथ दिख रहे हैं |

recommended-content-ads-hindi.tips

 Promoted Content / Article :- मान के चलिए आपकी वेबसाइट पर रोजाना दस लाख लोग आते हैं, अब किसी तीसरे व्यक्ति ने कोई नयी वेबसाइट या सर्विस शुरू की है, वह चाहता है कि किसी तरह उसकी सर्विस के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को पता चले | उसने आपसे संपर्क किया कि आप अपनी वेबसाइट पर उसकी सर्विस का इमानदारी से रिव्यू दीजिए,  

आपने उससे रिव्यू शुल्क लिया, और एक बेहतरीन रिव्यू अपनी वेबसाइट पर डाल दिया, इससे आपका फायदा, उस व्यक्ति का फायदा और आपके यूजर्स को भी एक नयी सर्विस का पता चल गया |  इस Advertising में एक वेबसाइट किसी दूसरी वेबसाइट या सर्विस के बारे में लेख लिखती है और बदले  में जिस सर्विस के बारे में लिखा गया है उससे Advertising Fee ली जाती है | अक्सर यह तरीका Paid Reviews में काम करता है जहाँ कोई वेबसाइट किसी प्रोडक्ट का रिव्यू करती है |

Intext Ads :- Intext Ads में आपकी वेबसाइट के शब्दों को लिंक में बदल दिया जाता है | जब भी कोई उस लिंक पर क्लिक करता है तो उसे उसी शब्द से सम्बंधित किसी वेबसाइट पर ले जाया जाता है | नीचे चित्र में आप इसका उदाहरण देख पाएंगे  जैसे ही मैं अपना Mouse उत्तर प्रदेश के ऊपर लेकर गया तो एक Ad खुल गया |

Advertising In Captcha :- वैसे तो Captcha का उद्देश्य आपकी वेबसाइट की सुरक्षा बढ़ाना है, मगर अगर आपकी वेबसाइट पर कमेन्ट करने वालों की संख्या ज्यादा है तो आप निसंदेह इससे भी पैसे कमा सकते हैं | 

कई Captcha Services कुछ इस तरह के Captcha उपलब्ध कराती हैं जिनमें साधारण टेढ़े मेढे शब्दों की जगह कंपनियों के नाम अथवा विडियो होती है, जब भी आपकी वेबसाइट पर कोई कमेन्ट करते वक्त अथवा Sign Up करते वक्त Captcha भरेगा, आपको उसका फायदा होगा | नीचे चित्र में ऐसे ही दो उदाहरण हैं जहाँ पहले Captcha में एक कंपनी का नाम है और दूसरे में वीडियो |

URL Shortnening :- अगर आपकी वेबसाइट पर फाइल या लिंक की अच्छी खासी संख्या है तो यह तरीका आपके लिए काफी कारगर हो सकता है | आप अपने लिंक्स के लिए Adf.ly अथवा Linkbucks जैसी साईट का प्रयोग कर सकते हैं जिससे जब भी कोई आपके किसी लिंक पर जायेगा तो पहले उसे कुछ सेकण्ड का  एक Ad दिखाई देगा उसके बाद ही लिंक खुलेगा |

Pay Per Download :-(पे पर डाउनलोड) अथवा PPD में आपको हर डाउनलोड का पैसा मिलता है, आप किसी वेबसाइट पर कोई फाइल अपलोड करेंगे, उसका लिंक अपने यूजर्स को देंगे, आपके यूजर्स वहां से फाइल डाउनलोड करेंगे, आपको उस डाउनलोड के पैसे मिलेंगे |  जितने ज्यादा डाउनलोड उतने ज्यादा पैसे आप कमायेंगे | Content Lockers की अपेक्षा इसमें फायदा यह है कि इसमें फाइल लॉक नहीं होती, हर कोई फाइल को सीधे डाउनलोड कर सकता है

Content Lockers  :- कई बार आपने देखा होगा कि आप कोई फाइल डाउनलोड करना चाहते हैं मगर जैसे ही आप डाउनलोड पर क्लिक करते हैं आपके सामने कोई सर्वे भरने का विकल्प खुल जाता है, इसी तरह की वेबसाइट Content Lockers होती हैं | इन वेबसाइट पर आप कोई भी फाइल अपलोड कर सकते हैं, उसे कोई भी व्यक्ति तब ही डाउनलोड कर पायेगा जब वो सर्वे भरेगा, जितने भी ज्यादा सर्वे भरे जायेंगे आपको उतना ही फायदा होगा | 

एक सर्वे पर पचास से सौ रुपये तक कमाए जा सकते हैं | अगर आपकी फाइल को सिर्फ पांच लोगों ने डाउनलोड कर लिया तो आपकी तीन सौ से पांच सौ रुपये की आमदनी हो जायेगी |

Video Advertising : - अगर आपके पास विडियो सामग्री है तो आपके लिए सबसे बेहतर हैं Video Ads . आपने YouTube पर विडियो Ads देखे होंगे | जब कोई विडियो चलती है तो उससे पहले कुछ सेकण्ड तक एक विडियो Ad आता है |  Videos Ads साधारणतया CPM के हिसाब से कार्य करते हैं |आप भी अपनी विडियो सामग्री में Video Ads लगा सकते हैं

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  1. अच्छी जानकारी है। धन्यवाद!

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Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅

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