रतौधी कारण, लक्षण और बचाव के उपाय..Ratondhi Karan, Lakshan Or Ghrelu Upaay
18 September 2016
Add Comment
रतोंधी आँखों का एक रोग हे जिसमे आदमी को रात के समय कम दिखाई देता हे. यह विटामिन A की कमी के कारण होता हे. आईये जानते हे इसके लक्षण. कारण और बचाव के उपायों के बारे में.
कारण
प्रदूषण से आँखों को बहुत हानि पहुचती है. धूल-मिटटी, वाहनों का धुँआ आँखों को बहुत नुकसान पहुंचाता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्त्ति रतौधी नामक रोग से पीड़ित हो जाता है. विटामिन A की कमी के कारण यह रोग होता है.
लक्षण
रतौधी रोग से रोगी को धुंधला दिखाई देने लगता है. रतौधी की चिकित्सा में विलंब करने पर रोगी शाम को घर की चीजें भी स्पष्ट नही देख पाता. बहुत तेज लाइट में ही कुछ दीखता है.
चिकित्सा
1. गाजर विटामिन A का सबसे बड़ा स्रोत है. इसका रस पीना सबसे लाभदायक है.
2. टमाटर ज्यादा खाने से रतौधी, अल्पद्रष्टि में लाभ होता है.
3. शहद को आँखों में काजल की तरह सोते समय लगाने से रतौधी दूर होती है.
4. अशवगंधा का चूर्ण और मुलहठी का चूर्ण 2-2 ग्राम, एक आँवला का रस या 5 ग्राम आँवला के रस में मिला कर प्रतिदिन सेवन करने से रतौधी नष्ट होकर नेत्र ज्योति बढ़ती है.
5. प्रतिदिन 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को जल के साथ सुबह खाली पेट लेने से नेत्र ज्योति तेज होकर रतौधी नष्ट होती है. रात्रि को 5 ग्राम त्रिफला को मिटटी या काँच के बर्तन में पानी में भिगोकर सुबह कपड़े से 2 या 3 बार छान कर उस पानी से आँखे धोने से आँखों को बहुत फायदा होता है.
कारण
प्रदूषण से आँखों को बहुत हानि पहुचती है. धूल-मिटटी, वाहनों का धुँआ आँखों को बहुत नुकसान पहुंचाता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्त्ति रतौधी नामक रोग से पीड़ित हो जाता है. विटामिन A की कमी के कारण यह रोग होता है.
लक्षण
रतौधी रोग से रोगी को धुंधला दिखाई देने लगता है. रतौधी की चिकित्सा में विलंब करने पर रोगी शाम को घर की चीजें भी स्पष्ट नही देख पाता. बहुत तेज लाइट में ही कुछ दीखता है.
चिकित्सा
1. गाजर विटामिन A का सबसे बड़ा स्रोत है. इसका रस पीना सबसे लाभदायक है.
2. टमाटर ज्यादा खाने से रतौधी, अल्पद्रष्टि में लाभ होता है.
3. शहद को आँखों में काजल की तरह सोते समय लगाने से रतौधी दूर होती है.
4. अशवगंधा का चूर्ण और मुलहठी का चूर्ण 2-2 ग्राम, एक आँवला का रस या 5 ग्राम आँवला के रस में मिला कर प्रतिदिन सेवन करने से रतौधी नष्ट होकर नेत्र ज्योति बढ़ती है.
5. प्रतिदिन 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को जल के साथ सुबह खाली पेट लेने से नेत्र ज्योति तेज होकर रतौधी नष्ट होती है. रात्रि को 5 ग्राम त्रिफला को मिटटी या काँच के बर्तन में पानी में भिगोकर सुबह कपड़े से 2 या 3 बार छान कर उस पानी से आँखे धोने से आँखों को बहुत फायदा होता है.
0 Response to "रतौधी कारण, लक्षण और बचाव के उपाय..Ratondhi Karan, Lakshan Or Ghrelu Upaay"
Post a Comment
Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅