जानिये वायरस का इतिहास Virus History in Hindi
25 August 2016
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computer की उत्पति और विकास के साथ-साथ ही वायरस की दुनिया भी सामने आई. computer के स्टार्ट के टाइम में वायरस का इतना जोर नहीं था. चूँकि डाटा ट्रान्सफर का एकमात्र माध्यम फ्लोपी ड्राइव था इसलिए उसी से डाटा के साथ-साथ वायरस ट्रान्सफर होते थे. तब बड़ी संस्थाए भी computer का उपयोग करती थी. नई भाषाएँ विकसित हो रही थी. तब internet भी आकस्मिक दोर में था और 70 के दशक के अंत में अर्पानेट नाम से उपयोग होता था.
कहते हे तब क्रीपर नामक वायरस सामने आया था जो computer के मॉडेम का सहारा लेकर अर्पानेट के जरिये DFC-PDP-10 computer को संक्रमित करता था. किन्तु इसकी उत्पति अत्यंत रोचक तरीके से हुयी थी. यह मात्र एक प्रयोगात्मक वायरस था जिसे बाब थॉमस ने यु ही बना दिया था. किन्तु यह वायरस को अपनी कॉपी बनाने में सक्षम था जो रिमोट computer पर एक मेसेज के रूप में स्थापित हो जाता था की “आई एम क्रीपर केच मी इफर यू कैन” (में क्रीपर हु, अगर पकड़ सकते हो तो पकड़ लो. क्रीपर द्वारा उत्पन्न की गयी परेशानियों को दूर करने के लिए क्रीपर के लिखने वाले ने खेदस्वरूप रीपर नामक प्रोग्राम भी लिखा जो क्रीपर की फाइलों को डिलीट करता था.
पहला वायरस कोन था?? explain computer virus in hindi
कहते हे रोथर जे प्रोग्राम computer के बाहर यानी लैब में बनाया गया पहला computer वायरस था जो “इन दी वाइल्ड” प्रकट होता था किन्तु यह PC को संक्रमित करने वाला पहला वायरस था, क्योकि तब PC का चलन आरम्भ हो चूका था. यह एक स्कुली छात्र रिचर्ड संक्रेता के दिमाग की उपज थी. उसने खेल खेल ही यह वायरस बनाया था. जो बाद में बहुत नुकसानदायक बन गया.
पहला वायरस कोन था?? explain computer virus in hindi
कहते हे रोथर जे प्रोग्राम computer के बाहर यानी लैब में बनाया गया पहला computer वायरस था जो “इन दी वाइल्ड” प्रकट होता था किन्तु यह PC को संक्रमित करने वाला पहला वायरस था, क्योकि तब PC का चलन आरम्भ हो चूका था. यह एक स्कुली छात्र रिचर्ड संक्रेता के दिमाग की उपज थी. उसने खेल खेल ही यह वायरस बनाया था. जो बाद में बहुत नुकसानदायक बन गया.
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