पूरी तरह भाग्य में परिवर्तन लाना how to change luck from bad to good
25 August 2016
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Bhagya meaning - अच्छे और बुरे कर्मो का फल मनुष्य के भाग्य के रूप में मिलता है. अच्छे कर्मो के कारण मनुष्य सुख एवम बुरे कर्मो के कारण उसे दुःख मिलते है. परन्तु कुछ ऐसे भी बुरे कर्म होते है जो उससे जाने अनजाने में हो जाते तथा जिसकी भी उसे सजा भुगतनी पड़ती है.
परन्तु ज्योतिष शास्त्रो में कुछ ऐसे उपाय बतलाये गए है जिनके द्वारा व्यक्ति अपने भाग्य में काफी हद तक परिवर्तन कर सकता है परन्तु पूरी तरह भाग्य में परिवर्तन लाना यह तो भगवान की कृपा एवम आशीर्वाद पर ही निर्भर है.
आज हम कुछ ऐसे विशेष उपायो के बारे में बताने जा रहे है जिनसे आप अपने भाग्य को पूरी तरह तो नहीं परन्तु आपके जिंदगी में चल अनेको समस्याओ से मुक्ति प्राप्त कर सकते है.
धन प्राप्ति के लिए :-
- सोमवार को अपने आस पास के शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर चढाये तथा रुद्राक्ष की माला से ॐ सोमेश्वराय नमः का 108 बार जप करे. साथ ही पूर्णिमा को जल में दूध मिला कर चन्द्रमा को अध्र्य देकर व्यवसाय में उन्नति की प्राथना करे. शीघ्र ही असर दिखेगा.
- अगर बहुत ही कोशिश के बाद भी आपके पास या घर में पैसा नही रुकता तो यह एक छोटा सा उपाय करे. सोमावर अथवा शनिवार के दिन थोड़े से गेहू के साथ 11 पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर पिसवा लें. बाद में इस आटे को पूरे आटे में मिला लें. घर में बरकत रहेगी और लक्ष्मी दिन दूना रात चौगुना बढऩे लगेगी
- घर में लक्ष्मी के स्थाई वास के लिए एक लोहे के बर्तन में जल, चीनी, दूध व घी मिला लें. इसे पीपल के पेड़ की छाया के नीचे खड़े होकर पीपल की जड़ में डाले. इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई वास होता है.
- घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए एक मिट्टी के सुंदर से बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के लाल कपड़े में बांधकर रखें. इसके बाद बर्तन को गेहूं या चावल के भर कर घर के वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोने में रख दें. ऐसा करने से घर में धन का कभी कोई अभाव नहीं रहेगा. रोगों से मुक्ति पाने के लिए
- सूर्य जब मेष राशि में प्रवेश करें तो नीम की नवीन कोपलें, गुड़ व मसूर के साथ पीस कर खाने से व्यक्ति पूरे वर्ष निरोग तथा स्वस्थ रहता है.
- यदि व्यक्ति चिड़चिढ़ा हो रहा है तथा बात-बात पर गुस्सा हो रहा है तो उसके ऊपर से राई-मिर्ची उसार कर जला दें. तथा पीडि़त व्यक्ति को उसे देखते रहने के लिए कहें.
- सुबह कुल्ला किए बिना पानी, दूध अथवा चाय न पिएं. साथ ही उठते ही सबसे पहले सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों के दर्शन करें. इससे स्वास्थ्य तो सही रहेगा ही, भाग्य भी चमक उठेगा
- यदि किसी के साथ बार-बार दुर्घटना होती हैं तो शुक्ल पक्ष (अमावस्या के तुरंत बाद का पहला) के प्रथम मंगलवार को 400 ग्राम दूध से चावल धोकर बहती नदी अथवा झरने में प्रवाहित करें. यह उपाय लगातार सात मंगलवार करें, दुर्घटना होना बंद हो जाएगा.
- यदि कोई पुराना रोग ठीक नहीं हो रहा हो तो गोमती चक्र को लेकर एक चांदी की तार में पिरोएं तथा पलंग के सिरहाने बांध दें. रोग जल्दी ही पीछा छोड़ देगा.
- कोई असाध्य रोग हो जाए तथा दवाईयां काम करना बंद कर दें तो पीडि़त व्यक्ति के सिरहाने रात को एक तांबे का सिक्का रख दें तथा सुबह इस सिक्के को किसी श्मशान में फेंक दें. दवाईयां असर दिखाना शुरू कर देंगी और रोग जल्दी ही दूर हो जाएगा.
- यदि कन्या 7 साबुत हल्दी की गांठें, पीतल का एक टुकड़ा, थोड़ा सा गुड लेकर ससुराल की तरफ फेंक दें तो वह कन्या को ससुराल में सुख ही सुख मिलता है.
- शादी के बाद जब कन्या विदा हो रही हो तो एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी, एक पीला सिक्का लेकर कन्या के सिर के ऊपर से 7 बार उसार कर उसके आगे फेंक दें. उसका वैवाहिक जीवन सदा सुखी रहेगा.
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