भगवान शिव के द्वारा पहने जाने वाली खाल का रहस्य Bhgvaan Shiv


bhagwan shiv shankar history ki kahani - सावन का महिना आते ही लोग भगवान शिव की स्तुति और वन्दना में लग जाते हे और वहीँ दूसरी और बारिश का शानदार मोसम हमें और भी ज्यादा खुश कर देता हे. महिलायें इस मोसम में सावन के सोमवार का व्रत रखती हे. भगवान शिव ही एकमात्र ऐसे भगवान हे जो सर्द हवाओं में चट्टानों पर अपना घर बनाये हुए हे. उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता हे. हाथ में त्रिशूल, सिर में गंगा, गले में नाग और शेर की खाल पुरे शरीर को शोभा देती हे. आज की इस पोस्ट में, में आपको शिव भगवान के द्वारा पहने जानी वाली खाल का रहस्य.
भगवान शिव के द्वारा पहने जाने वाली खाल का रहस्य शिवपुराण में
शिव पुराण के मुताबिक एक बार शिव घने जंगलों में नंगे घूम रहे थे. घूमते-घूमते वो जंगल में बसे एक गांव में पहुंच गए, जहां उन्हें नंगा देखकर गांव की औरतें उनकी तरफ आकर्षित होने लगीं. इस बात से अनजान शिव लगातार नंगे ही घूम रहे थे. शिव की इस हरकत पर गांव में रहने वाले साधु-संत क्रोधित हुए और उन्होंने शिव को सबक सिखाने का निश्चय किया. READ HERE -> एक डरावनी कहानी जो बहुत बड़ी सीख देगी

उन लोगों ने शिव के रास्ते में गड्ढा किया और उसमें एक शेर को शिव को मारने के लिए छोड़ दिया, पर शिव ने लोगों की चाल को नाकाम करते हुए शेर को चन्द मिनटों में मार दिया और शेर की खाल को पहन लिया. शेर की खाल को इस तरह पहनना बुराई पर अच्छाई का प्रतीक बना और शिव के साथ जुड़ गया. इसके बाद गांव वालों को समझ में आ गया कि यह कोई आम इंसान नहीं बल्कि साक्षात भगवान शिव हैं.

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