क्रोध को मिटाने का सबसे सरल तरीका सीखे इस कहानी से..A Special Story For Angry People in Hindi
15 July 2016
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जुलियस सीजर के जितने मित्र थे उतने ही विरोधी थे. एक बार वो अपने घर पर अकेले छुट्टीयां मना रहे थे. जब उनके एक दोस्त को पता चला तो वो उनका अकेलापन दूर करने चला आया. उनके दोस्त ने उनसे पूछा की “आपके विरोधी आप पर तरह-तरह के आरोप लगाते हे लेकिन आप उन्हें जवाब नहीं देते और चुप रहते हे”. आप उनके आरोपों का जवाब क्यों नहीं देते हे?? सीजर ने इस बात को गंभीरता से लेने के बजाय बात ही बदल दी. दोस्त को इस बात का दुःख हुआ. तभी एक डाकिया आया. उसने एक पैकेट सीजर को दिया. सीजर ने उस पैकेट को खोला. उसमे बहुत सारी चिट्ठिया थी. सीजर थोड़ी देर चुपचाप सोचते रहे और उन सारी चिट्ठियों को बिना पड़े ही जला दिया. तब उनका दोस्त बोला “की यह पत्र बहुत कीमती हे, आपको इन्हें जलाना नहीं चाहिये था”. वक्त आने पर यह आपके काम आते. सीजर मुस्कुराये और बोले मेने कुछ सोचकर ही ऐसा किया हे. यह चिट्ठियां जब तक मेरे पास रहती, इन्हें देखकर मुझे गुस्सा आता रहता. मेरे गुस्से को मिटाने का सबसे सरल उपाय यह था की में इन्हें मिटा दू. क्रोध को मिटाने का सबसे आसान उपाय हे की क्रोध पैदा करने वाले कारकों को ही मिटा दो. वेसे भी तनाव रखकर जीने का क्या अर्थ हे. दोस्त सीजर की भावना समझ गया और उसे अपने सवाल का जवाब भी मिल गया.
यह कहानी हमें यह सीख देती हे की तनाव में जीने की बजाय अपने क्रोध को दूर करें और उन सब कारकों को मिटा दे जिनसे तनाव पैदा होता हे. कहते हे ना की ना रहेगी बांस और ना बजेगी बांसुरी.
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