साईकल के पंक्चर ठीक करने वाला आज हे IAS अधिकारी
23 July 2023
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जब कुछ करने की लगन हो, होसले मजबूत हो और खुद पे पूरा विश्वास हो तो असम्भव भी सम्भव होने लगता हे. जब सपने मजबूत हो और विपरीत परिस्थियों में भी हार ना मानने का हुनर हो तो सफलता अपने आप कदम चूमती हे.
12th के बाद वरुण ने इंजीनीयरिंग कॉलेज में दाखिला लिया. हालाँकि उसे फीस भरने में दिक्कत होती थी. वो सुबह कॉलेज जाता फिर पंक्चर की दूकान पे बेठता और शाम को tution पढाता था.
वरुण की मेहनत रंग लायी और उसने पहले ही सेमेस्टर में कॉलेज में टॉप किया और इसके बाद उसे कॉलेज की तरफ से स्कॉलरशिप दी गयी. उसने अन्ना हजारे के जनलोकपाल बिल आन्दोलन में भी हिस्सा लिया.
इंजीनीयरिंग की पढ़ाई के बाद वरुण ने यूपीएससी की तेयारी स्टार्ट दी.पढाई के लिए अपने 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद वरुण ने आखिरकार यूपीएससी की परीक्षा में 32 वी रैंक हासिल की.
कभी साईकल का पंक्चर ठीक करने वाला वरुण आज अपने होसले के बलबूते पर IAS अधिकारी बन गया हे. वह गुजरात के हिम्मतनगर का असिस्टेंट कलेक्टर हे.
ऐसा ही एक शक्स हे जिसने अपने सपने को पूरा कर दिखाया और बन गया IAS अधिकारी. पंक्चर की दूकान चलाकर अपने परिवार का गुजारा करने वाला आज IAS अधिकारी बन गया.
पिता की मोत के बाद पूरा परिवार भूख से परेशान था और तब वरुण ने अपनी पढ़ाई छोडकर परिवार की जिम्मेदारी संभाल ली और अपने पिता की साईकल मरम्मत की दूकान चलाने लगा.
वह दिन रात पढाई से दूर साईकल के पंक्चर ठीक करता था लेकिन उसका मन हमेशा किताबों में ही रहता. 10th की पढ़ाई में वो पुरे शहर में दुसरे नंबर पर आया. वो आगे पड़ना चाहता था लेकिन पैसों की कमी के कारण नहीं पड़ पाया तब एक परिचित डॉक्टर ने वरुण की लगन देखकर उसका कॉलेज में एडमिशन करवा दिया और एक बार फिर वरुण ने अपनी पढ़ाई स्टार्ट की.
वह दिन रात पढाई से दूर साईकल के पंक्चर ठीक करता था लेकिन उसका मन हमेशा किताबों में ही रहता. 10th की पढ़ाई में वो पुरे शहर में दुसरे नंबर पर आया. वो आगे पड़ना चाहता था लेकिन पैसों की कमी के कारण नहीं पड़ पाया तब एक परिचित डॉक्टर ने वरुण की लगन देखकर उसका कॉलेज में एडमिशन करवा दिया और एक बार फिर वरुण ने अपनी पढ़ाई स्टार्ट की.
12th के बाद वरुण ने इंजीनीयरिंग कॉलेज में दाखिला लिया. हालाँकि उसे फीस भरने में दिक्कत होती थी. वो सुबह कॉलेज जाता फिर पंक्चर की दूकान पे बेठता और शाम को tution पढाता था.
वरुण की मेहनत रंग लायी और उसने पहले ही सेमेस्टर में कॉलेज में टॉप किया और इसके बाद उसे कॉलेज की तरफ से स्कॉलरशिप दी गयी. उसने अन्ना हजारे के जनलोकपाल बिल आन्दोलन में भी हिस्सा लिया.
इंजीनीयरिंग की पढ़ाई के बाद वरुण ने यूपीएससी की तेयारी स्टार्ट दी.पढाई के लिए अपने 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद वरुण ने आखिरकार यूपीएससी की परीक्षा में 32 वी रैंक हासिल की.
कभी साईकल का पंक्चर ठीक करने वाला वरुण आज अपने होसले के बलबूते पर IAS अधिकारी बन गया हे. वह गुजरात के हिम्मतनगर का असिस्टेंट कलेक्टर हे.
Mai amir bana chata hu lekin mai kya karu friends
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