कैसे और किन अपराधों के लिए मिलती हे जमानत..Crime, Court, Jamanat In Hindi
30 June 2016
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अक्सर सुनने में आता हे की अमुक व्यक्ति को कोर्ट ने जमानत दे दी. एक लड़के को चोरी करते पकड़ा, जेल ले गए, कोर्ट में पेश किया और उसे कोर्ट से जमानत मिल गयी और दूसरी और हम यह भी पड़ते हे की गुजरात आरक्षण आन्दोलन के नेता हार्दिक पटेल को कोर्ट ने जमानत नहीं दी क्योकि इससे कानून व्यवस्था के खराब होने का डर था. सुब्रत राय को भी मानवीय आधार पर 3 महीने की जमानत दी गयी क्योकि उनकी माँ का निधन हो गया था. आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की जमानत क्या हे, कैसे दी जाती हे और किन किन अपराधों में जमानत मिलती हे.
जमानत क्या हे??
किसी भी अपराध के आरोपी व्यक्ति को जेल से छुड़ाने के लिए कोर्ट के सामने जो सम्पति जमा की जाती हे या देने की प्रतिज्ञा ली जाती हे, जो बांड के रूप में भरा जाता हे, उसे जमानत कहा जाता हे. जमानत मिल जाने पर कोर्ट निश्चित हो जाता हे की अब आरोपी सुनवाई पर जरुर आएगा, अगर वो नहीं आता हे तो जमानत देने वाली राशी जब्त कर ली जाती हे.
जमानत कैसे दी जाती हे??
कोर्ट किसी अभियुक्त के आवदेन पर उसे अपनी हिरासत से मुक्त करने का आदेश कुछ शर्तों के साथ देता हे जैसे अभियुक्त एक या दो व्यक्ति का तय राशि का बांड जमा करेगा. बांड की कोर्ट जांच करता हे और संतुष्ट होने पर ही अभियुक्त को रिहा किया जाता हे. एक व्यक्ति एक मामले में सिर्फ एक व्यक्ति की ही जमानत दे सकता हे.
जमानत किन-किन अपराधों में दी जाती हे??
जमानत के अनुसार अपराध दो प्रकार के होते हे- जमानती और गैर जमानती. किसी व्यक्ति को जान बूझ कर चोट पहुँचाना, उसे अवरोधित करना, किसी स्त्री की लज्जा भंग करना, मानहानि करना आदि जमानती अपराध की श्रेणी में आते हे और कोई अपराध जिन में कोर्ट को लगता हे की यह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता हे, कानून व्यवस्था को खराब कर सकता हे, कोई गंभीर अपराध हो आदि अपराध गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आते हे. लेकिन किसी स्थिति में पुलिस समय पर आरोप-पत्र दाखिल ना करे तो आरोपी को जमानत दी जा सकती हे चाहे अपराध कितना भी गंभीर क्यों ना हो.
किसी भी अपराध के आरोपी व्यक्ति को जेल से छुड़ाने के लिए कोर्ट के सामने जो सम्पति जमा की जाती हे या देने की प्रतिज्ञा ली जाती हे, जो बांड के रूप में भरा जाता हे, उसे जमानत कहा जाता हे. जमानत मिल जाने पर कोर्ट निश्चित हो जाता हे की अब आरोपी सुनवाई पर जरुर आएगा, अगर वो नहीं आता हे तो जमानत देने वाली राशी जब्त कर ली जाती हे.
जमानत कैसे दी जाती हे??
कोर्ट किसी अभियुक्त के आवदेन पर उसे अपनी हिरासत से मुक्त करने का आदेश कुछ शर्तों के साथ देता हे जैसे अभियुक्त एक या दो व्यक्ति का तय राशि का बांड जमा करेगा. बांड की कोर्ट जांच करता हे और संतुष्ट होने पर ही अभियुक्त को रिहा किया जाता हे. एक व्यक्ति एक मामले में सिर्फ एक व्यक्ति की ही जमानत दे सकता हे.
जमानत किन-किन अपराधों में दी जाती हे??
जमानत के अनुसार अपराध दो प्रकार के होते हे- जमानती और गैर जमानती. किसी व्यक्ति को जान बूझ कर चोट पहुँचाना, उसे अवरोधित करना, किसी स्त्री की लज्जा भंग करना, मानहानि करना आदि जमानती अपराध की श्रेणी में आते हे और कोई अपराध जिन में कोर्ट को लगता हे की यह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता हे, कानून व्यवस्था को खराब कर सकता हे, कोई गंभीर अपराध हो आदि अपराध गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आते हे. लेकिन किसी स्थिति में पुलिस समय पर आरोप-पत्र दाखिल ना करे तो आरोपी को जमानत दी जा सकती हे चाहे अपराध कितना भी गंभीर क्यों ना हो.
151 santibhang hone ki aasaka hone par
ReplyDelete21 b me jamant kaise ho sakta h
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