वट वृक्ष या बरगद के फायदे banyan tree in hindi meaning
5 June 2016
Add Comment
Banyan tree in hindi is called वट वृक्ष हमारे धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है ! यह पर्यावरण की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण है ! इसकी जड़ें मिटटी को पकड़ के रखती है और पत्तियाँ हवा को शुद्ध करती है ! यह कफ पित्त नाशक ,रक्त शोधक ,गर्भाशय शोधक भी हे ! आज की इस पोस्ट में, में आपको वट वृक्ष एंव बरगद के फायदों के बारे में बताऊंगा !
- इसके और कई प्रयोग है जो अन्य गंभीर रोगों में लाभ देते है पर कुशल वैद्य की देखरेख में ,उनकी सलाह से करने चाहिए
- - इसके पत्तों और जटाओं को पीसकर लेप लगाना त्वचा के लिए लाभकारी है .
- - इसके दूध की कुछ बुँदे सरसों के तेल में मिलाकर कान में डालने से कान की फुंसी नष्ट हो जाती है .
- - इसके पत्तों की राख को अलसी के तेल में मिला कर लगाने से सर के बाल उग आते है .
- - इसके कोमल पत्तों को तेल में पकाकर लगाने से सभी केश के विकार दूर होते है .
- - दांत के दर्द में इसका दूध लगाने से दर्द दूर हो जाता है और दुर्गन्ध दूर हो कर दांत ठीक हो जाता है और कीड़े नष्ट हो जाते है .यदि दांत निकालना हो तो इसका दूध लगाकर आसानी से दांत निकाला जा सकता है .
- - बड़ की जटा और छाल का चूर्ण दन्त मंजन में इस्तेमाल किया जा सकता है .
- - इसके दूध की २-२ बूँद आँख में डालने से आँख का जाला कटता है .
- - पत्तों पर घी लगा कर बाँधने से सुजन दूर हो जाती है .
- - जले हुए स्थान पर इसके कोमल पत्तों को पीसकर दही में मिलाकर लगाने से शान्ति प्राप्त होती है .
- - बड का दूध लगाने से यदि गाँठ पकने वाली नहीं है तो बैठ जाती है और यदि फूटने वाली है तो शीघ्र पक कर फूट जाती है . यही दूध लगाते रहने से गाँठ का घाव भी भर जाता है .
- - अधिक देर पानी में रहने से त्वचा पर होने वाले घाव बड के दूध से ठीक हो जाते है .
- - फोड़े फुंसियों पर पत्तों को गरम कर बाँधने से शीघ्र ही पक कर फूट जाते है .
- - यदि घाव ऐसा हो जिसमे टाँके लगाने की ज़रुरत हो तो घाव का मुख मिलाकर बड के पत्ते को गरम कर घाव के ऊपर रख कर कस के पट्टी बाँध दे .३ दिन में घाव भर जाएगा .३ दिन तक पट्टी खोले नहीं .
- - इसके पत्तों की भस्म में मोम और घी मिला कर मरहम बनता है जो घावो में लगाने से शीघ्र लाभ होता है .
- - इसकी छाल को छाया में सुखाकर , इसके चूर्ण का सेवन मिश्री और गाय के दूध के साथ करने से स्मरण शक्ति बढती है .
- - इसके फल बलवर्धक होते है .
- - पुष्य नक्षत्र और शुक्ल पक्ष में लाये हुए कोमल पत्तों का चूर्ण का सेवन प्रातः सेवन करने से स्त्री अवश्य गर्भ धारण करती है .
- - इसकी छाल और जटा के चूर्ण का काढा मधुमेह में लाभ देता है .
- - इसके दूध को नाभि में लगाने से अतिसार ( डायरिया ) में लाभ होता है .
- - छाल के काढ़े में गाय का घी और खांड मिला कर पीने से बादी बवासीर में लाभ होगा .
- - जटा का चूर्ण लस्सी के साथ पीने से नकसीर में लाभ होता है .
- - इसके दूध का लेप गंडमाल पर किया जाता है .बरगद के पेड़ का उपयोग
- इसके और कई प्रयोग है जो अन्य गंभीर रोगों में लाभ देते है पर कुशल वैद्य की देखरेख में ,उनकी सलाह से करने चाहिए
0 Response to "वट वृक्ष या बरगद के फायदे banyan tree in hindi meaning"
Post a Comment
Thanks for your valuable feedback.... We will review wait 1 to 2 week 🙏✅