घर में न रखें ये 15 वस्तुएं अन्यथा negative energy


how to remove negative energy from home - भारतीय वास्तुशास्त्र अनुसार घर में क्या रखना चाहिए और क्या नहीं? यह जानना जरूरी है। कई बार एक छोटी सी वस्तु से ही व्यक्ति का भाग्य रुका रह जाता है या उसको किसी प्रकार की विपत्ति का सामना करना पड़ता है। याद रखें निर्जीव वस्तु में अपनी एक ऊर्जा होती है।
Negative energy meaning अगर अचानक आपके दिन बदलने लगें, अच्छे दिन बुरे दिनों में बदल जाएं तो आप सम्भल जाएं। अगर आपके साथ ऐसा होने लगे तो अपने ही घर में रखी चीजों पर ध्यान दें। अक्सर घर में रखी कुछ चीजें एक समय के बाद बुरा असर देने लगती है आज आपको बताएँगे नकारात्मक शक्ति नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश सकारात्मक ऊर्जा कैसे लाये उपाय नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए नकारात्मक सोच क्या है वास्तु नकारात्मक ऊर्जा नकारात्मक सोच से छुटकारा नकारात्मक विचार

घर में भूलकर भी न रखें ये 15 वस्तुएं अन्यथा आपकी बर्बादी के दिन शुरु हो जाएंगे। how to detect negative energy in house in hindi ये वस्तुएं घर में नहीं रखना चाहिए जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है और जीवन दुखमयी बन जाता है। पहले हम उन वस्तुओं के बारे में बताएंगे जिनके बारे में आप जानते हैं अंतिम पांच वस्तुओं के बारे में आप जानकर हैरान रह जाएंगे।
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टूटी-फूटी वस्तुएं : टूटे-फूटे बर्तन, दर्पण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, तस्वीर, फर्नीचर, पलंग, घड़ी, दीपक, झाड़ू, मग, कप आदि कोई सा भी सामान घर में नहीं रखना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है और व्यक्ति मानसिक परेशानियां झेलता है। यह भी माना जाता है कि इससे वास्तु दोष तो उत्पन्न होता ही है, लक्ष्मी का आगमन भी रुक जाता है

ये तस्वीरें न रखें how to remove negative energy from body: कहते हैं कि महाभारत युद्ध का चित्र, नटराज की मूर्ति, ताजमहल का चित्र, डूबती हुई नाव या जहाज, फव्वारे, जंगली जानवरों के चित्र, किसी की समाधि या दर्गा, कब्र और कांटेदार पौधों के चित्र घर में नहीं लगाना चाहिए। कहते हैं कि इससे मन(mind) पर बुरा प्रभाव पड़ता है और लगातार इन चित्रों को देखते रहने से नकारात्मक भावों का ही विकास होता है जिसके चलते हमारे जीवन में अच्‍छी घटनाएं घटना बंद हो जाती हैं।

कहा जाता है कि महाभारत एक युद्ध का चित्र है जिससे घर में क्लेश बढ़ता है। नटराज की मूर्ति या‍ चित्र में शिव तांडव नृत्य मुद्रा में दर्शाए गए हैं, जो कि विनाश का प्रतीक है इसलिए इसे घर में नहीं रखना चाहिए। ताजमहल एक कब्रगाह अर्थात यह मौत से जुड़ा है इसलिए इसके रहने से भी मानसिकता नकारात्मक हो जाती है। डूबते जहाज का चित्र आपके सौभाग्य को भी डुबो देगा Things yourself  इससे रिश्तों में बदलाव आ जाता है।

फव्वारे के चित्र का असर यह होगा कि जिस तरह घर में समृद्धि या पैसा आता है उसी तरह वह व्यर्थ बह जाएगा। बहते पानी के साथ आपका पैसा भी बह जाएगा। उसी तरह जंगली या हिंसक जानवरों के चित्र लगाने से आपके घर के लोग भी उसी स्वभाव के होने लगेंगे। कैक्टस या कांटोंभरे पौधों का चित्र भी आपके ‍जीवन में कांटे बो देगा।

Mantra to remove negative energy - चित्र या तस्वीर लगाते वक्त ध्यान रखें वास्तु का। यदि कलाकृतियों के नाम पर कुछ ऐसी वस्तुएं या पेंटिंग हैं जिसमें सूखे ठूंठ हो, मानवरहित उजाड़ शहर हो, बिखरा हुआ घर हो, सूखा पहाड़ हो या वे सभी मृतप्राय: सजावटी वस्तुएं हों, जो मानी तो जाती हैं कलात्मक लेकिन वास्तु शास्त्र अनुसार ये सभी नकारात्मक ऊर्जा पैदा करती हैं।

पुराने या फटे कपड़े की पोटली : अक्सर लोग घरों की अलमारी या दीवान में फटे-पुराने कपड़ों की एक पोटली रखते हैं। हालांकि कुछ लोग जो कपड़े अनुपयोगी हो गए हैं उनको कबर्ड या अलमारी के निचले हिस्से में रख छोड़ते हैं।

फटे-पुराने कपड़ों या चादरों से भी घर में नकारात्मक मानसिकता और ऊर्जा का निर्माण होता है। इस तरह के वस्त्रों को किसी को दान कर देना चाहिए या इसका किसी और काम में उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा कभी फटी बनियान, जांघिये या फटे कपड़े न पहने। टावेल भी आपका कहीं से फटा या पुराना नहीं होना चाहिए।

कबाड़ कर देता है जीवन का कबाड़ा : अक्सर देखा गया है कि लोग घर में अटाला या कबाड़ जमा कर रखते हैं। इसके लिए एक कबाड़खाना अलग से होना चाहिए। पुराने या टूटे हुए जूते-चप्पल आपको आगे बढ़ने से रोक देते हैं। इन्हें भी घर से निकाल दें।

घर की छत : वास्तु के अनुसार घर की छत पर पड़ी गंदगी का भी पैसों की तंगी को बढ़ा सकती है। परिवार की बरकत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ध्यान रखें कि घर की छत पर कबाड़ा अथवा फालतू सामान हरगिज न रखें। कबाड़ा व फालतू सामान रखने से परिवार के सदस्यों के मन-मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है। माना जाता है कि इससे पितृ दोष भी उत्पन्न हो जाता है।

पर्स या तिजोरी : पर्स फटा न हो और तिजोरी टूटी हुई न हो। पर्स या तिजोरी में धार्मिक और पवित्र वस्तुएं रखें जिनसे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जिन्हें देखकर मन प्रसन्न होता है। पर्स में पांच इलायची रखेंगे तो बरकत बनी रहेगी। रुपए या पैसे इधर उधर न रखे। इनके रखना का एक स्थान नियुक्त होना चाहिए। जेब में भी रुपए बिखरे हुए नहीं होना चाहिए।

how to remove negative energy from office - पर्स में चाबियां या किसी भी प्रकार की अपवित्र वस्तुएं न रखें। पर्स में भगवान के चित्र रख सकते हैं। इसी तरह तिजोरी में रुपयों के अलावा आप सोना, चांदी या जेवरात ही रख सकते हैं। चैक बुक, पास बुक, पैसे के लेन-देन संबंधी कागजात, पूंजी निवेश संबंधी कागजात भी रख सकते हैं। पूजा की सुपारी, श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र आदि भी रख सकते हैं।

टूटी या खुली अलमारी : किताबें रखने या कुछ छोटा-मोटा सामान रखने वाली अलमारियों को बंद करने का दरवाजा नहीं है या उनमें कांच नहीं लगा है तो वह खुली मानी जाएगी। माना जाता है कि ऐसी अलमारी के होने से हर तरह के कार्यों में रुकावट आती है और धन भी पानी की तरह बह जाता है। टूटे फूटे फर्नीचर को बदल दें या उन्हें ठीक करवा लें।

देवी-देवताओं की मूर्ति या चित्र : देवी-देवताओं की फटी हुईं और पुरानी तस्वीरें अथवा खंडित हुईं मूर्तियों से भी आर्थिक हानि होती है अत: उन्हें किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।

Negative energy in house - इसके अलावा देवी-देवताओं के चित्रों से घर को नहीं सजाना चाहिए। उनके चित्र या मूर्ति की संख्या और स्थान निश्चित होते हैं। कुछ लोग ढेर सारी मूर्तियां इकट्ठी कर ले‍ते हैं। एक ही देवी या देवता की 3-3 मूर्तियां और चित्र होते हैं, जो कि वास्तुदोष निर्मित करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग आजकल भगवान के ऐसे चित्र लगा लेते हैं जो कि परंपरागत नहीं है। जैसे चिलम पीते शिवजी या विकराल रूप के भैरव।

सजावटी वस्तुएं या कलाकृतियां : कुछ लोग घर को कलात्मक लुक देने के लिए नकली या कांटेदार पौधे लगा लेते हैं अत: घर में कांटेदार पेड़-पौधे न लगाएं, इससे पारिवारिक संबंधों में भी कांटों-की-सी चुभन पैदा होने लगती है।

कई लोग पुरानी या फालतू चीजों से भी अपना घर सजाते हैं, जो कि गलत है। ऐसी वस्तुएं घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं। वास्तु के अनुसार जब घर में नकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है तो इसका सीधा असर परिवार की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है। इसके साथ ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

यदि कलाकृतियों के नाम पर कुछ ऐसी वस्तुएं या पेंटिंग हैं जिसमें सूखे ठूंठ हो, मानवरहित उजाड़ शहर हो, बिखरा हुआ घर हो, सूखा पहाड़ हो या वे सभी मृतप्राय: सजावटी वस्तुएं हों, जो मानी तो जाती हैं कलात्मक लेकिन वास्तु शास्त्र अनुसार ये सभी नकारात्मक ऊर्जा पैदा करती हैं।

सोफा, कुर्सी और टेबल : आपके घर में टूटी हुई चेयर या टेबल पड़ी है तो उसे तुरंत घर से हटा दें। ये आपके पैसों और तरक्की को रोक देती है। बैठक रूप का सोफा भी फटा या टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। उस पर बिछाई गई चादर भी गंदी या फटी नहीं होना चाहिए।

सोफा, कुर्सी या टेबल कैसी हो इसका भी वास्तु होता है। यह भले ही सुंदर और साफ हो लेकिन कभी कभी उनकी बनावट या आकार प्रकार भी घर में नकारात्मक ऊर्जा का विकास करती है। इसलिए किसी वास्तुशास्‍त्री से पूछकर ही ये चीजें खरीदें।

मकड़ी का जाला : घर में बनने वाले मकड़ी के जाले तुरंत हटा दें इनसे आपके अच्छे दिन बुरे दिनों में बदल सकते हैं। अक्सर लोगों के घर के किसी कोने के उपरी हिस्से में जाले लग जाते हैं।

कुछ लोग उनको हटाने से डरते हैं क्योंकि इससे किसी के घर को तोड़ने का आभास होता है लेकिन मकड़ी जाला रहने के लिए नहीं शिकारी को फंसाने के लिए बनाती है। अत: माना जाता है कि यह जाला होना तो अनुचित ही है।

प्लास्टिक का सामान : आजकल प्लास्टिक का प्रचलन बढ़ गया है। आटे का डब्बा, रोटी का डब्बा, चम्मच, चाय का डब्बा, पानी की बोतल, मसाले आदि के छोटे-छोटे डब्बे आदि कई सामान प्लास्टिक के आने लगे हैं। प्लास्टिक की थेलियां भी बहुत से घरों में इकट्ठी करके रखी जाती है।

घर में यदि प्लास्टिक है तो यह उर्जा का कुचालक होता है। आपके घर का वातावरण बदल जाएगा और इससे आपके भीतर का उत्साह समाप्त होकर निराशा में ‍बदल जाएगा। यह संकट को आमंत्रित करने का अच्छा साधन है।

प्लास्टिक की अधिकता से घर में नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण तो होता ही है यह स्वास्थ के लिए भी हानिकारक है। लगातार प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना या प्लास्टिक की प्लेट में भोजन करने से हमारे स्वास्थ्‍य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। जिस तरह पितल या तांबे के ग्लास से पानी पीने से उसके तत्व हमारे शरीर में जाते हैं उसी तरह प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से उसमें मौजूद विशाक्त तत्व हमारे शरीर में पहुंचते हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि प्लास्टिक कैंसर का भी कारण बन सकता है।

प्लास्टिक मूल रूप से विषैला या हानिप्रद नहीं होता। परन्तु प्लास्टिक के थैले या अन्य वस्तुओं को रंग और रंजक, धातुओं और अन्य तमाम प्रकार के अकार्बनिक रसायनों को मिलाकर बनाया जाता है।

हानिकारक वस्तुएं : इसके अलावा घर में ऐसी कई हानिकारक वस्तुएं होती है जिसके घर में रखें होने से घर का वातावरण ‍विशैला बन जाता है। यह स्थूल रूप से दिखाई नहीं देता लेकिन हवा का गुण धर्म इससे बदल जाता है।

ऐसे कई वस्तुएं हैं जो हमारे आसपास रहती है जैसे यहां वहां ‍घर में बिखरी ढेर सारी दवाइयां, एसिड की बोतल, टाइलेट क्लिनर शोप, फिनॉयल, जहरीले रसायन, कीटनाशक, मच्छर मारने की दवा, एंटीबॉयोटिक दवा, अधिक बल्ब, एयर फ्रेशनर, अग्निशामक, नॉन स्टिक पॉट आदि।

सभी तरह की हानिकारक वस्तुओं के लिए एक स्थान नियुक्त होना चाहिए और वह भी ऐसा जहां वे सुरक्षित रखी हों। ऐसी वस्तुओं के लिए अलग से लकड़ी या लोहे का एक बॉक्स बनवाएं और उसमें रखें जो किचन और बेडरूम से दूर हो।

पत्थर, नग या नगिना : कई लोग अपने घर में अनावश्यक पत्थर, नग, अंगुठी, ताबिज या अन्य इसी तरह के सामान घर में कहीं रख छोड़ते हैं। यह मालूम नहीं रहता है कि कौन-सा नग फायदा पहुंचा रहा है और कौन-सा नग नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए इस तरह के सामान को घर से बाहर निकाल दें।

एक छोटा सा पत्थर भी आपके भाग्य को दुर्भाग्य में बदलने की क्षमता रखा है। यदि यह घर में रखा है तो इसकी उर्जा धीरे धीरे आपके घर के वातावरण को बदल कर रख देगी।

स्टील के बर्तन न रखें : सेहतमंद खाना पकाने के लिए आप तेल-मसालों पर तो पूरा ध्यान देते हैं लेकिन क्या आप खाना पकाने के लिए बर्तनों पर ध्यान देते हैं? आज से ही इस बात पर भी ध्यान देना शुरू कर दें क्योंकि आप जिस धातु के बर्तन में खाना पकाते हैं उसके गुण भोजन में स्वत: ही आ जाते हैं। 

कचरे का डिब्बा : आप अपने घर में कचरे का डिब्बा रखते होंगे। इसे डस्ट बिन भी कहते हैं। उसे घर से बाहर रखें तो ज्यादा उचित होगा। बाहर भी कहां रखें यह देखना जरूरी है। ईशान कोण में नहीं रखें।

घर की खिड़की या दरवाजे से नकारात्मक वस्तुएं दिखाई देती हैं, जैसे सूखा पेड़, फैक्टरी की चिमनी से निकलता हुआ धुआं आदि। ऐसे दृश्यों से बचने के लिए खिड़कियों पर पर्दा डाल दें।

*घर के मुख्य द्वार के सामने या पास में बिजली का खंभा या ट्रांसफॉर्मर लगा है तो इससे नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होगा। इससे घर के सदस्यों को अपने कार्यों में हर जगह रुकावट और असफलता का सामना करना पड़ेगा। घर के आसपास यदि कोई सूखा पेड़ या ठूंठ है, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। घर के आस-पास कोई गंदा नाला, गंदा तालाब, श्मशान घाट या कब्रिस्तान नहीं होना चाहिए। इससे भी वातावरण में बहुत अधिक फर्क पड़ता है।

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*घर के प्रवेश द्वार पर हमेशा पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए और प्रवेश द्वार सदैव साफ रखना चाहिए। ऐसा करने पर घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा आती है। यदि संभव हो तो प्रवेश द्वार पर लकड़ी की थोड़ी ऊंची दहलीज बनवाएं जिससे कि बाहर का कचरा अंदर न आ सके। कचरा भी वास्तु दोष बढ़ाता है।

*पुराने भवन के भीतर कमरों की दीवारों पर सीलन पैदा होने से बनी भद्दी आकृतियां भी नकारात्मक ऊर्जा का सूचक होती हैं। घर का प्लास्टर उखड़ा हुआ न हो। यदि कहीं से थोड़ा-सा भी प्लास्टर उखड़ जाए, तो तुरंत उसे दुरुस्त करवाएं। घर को कलर करवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि पेंट एक-सा हो। शेड एक से अधिक हो सकते हैं लेकिन शेड्स का तालमेल ठीक होना चाहिए।

*घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) में अंधेरा न रखें तथा वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) में तेज रोशनी का बल्ब न लगाएं। घर में तुलसी का पौधा रहता है, तो कई प्रकार के वास्तु दोष दूर रहते हैं। तुलसी के पौधे के पास रोज शाम को दीपक भी लगाना चाहिए

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