जिंदगी में कैसे हो सफल जरुरी खबर safalta ka rahasya hindi
27 May 2016
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उद्यमेन हि सिध्यंते कार्याणि न मनोरथै:टाइटल - कार्य करने से सफल होते हे सिर्फ सोचने भर से नहीं
नहि सुप्तस्य सिम्हस्य प्रविशंति मुखे मृगा:
जो काम हैं वो मेहनत करने से ही पूरे होते हैं. आप भले ही शेर हों, पर अगर लेटे रहें और सोये रहें, तो ऐसा हरगिज़ नहीं होगा कि कोई हिरण आपके मुंह में ख़ुद घुस जायेगा. आपको हर रोज़ साबित करना होगा कि आप शेर हैं. जब भी मैं डिस्कवरी या ऍनिमल प्लॅनिट पे एक शेर को हिरण के शिकार से चूंकते हुए देखता हूं तो सोचता हूं सोया हुआ शेर तो छोडिये तेज़ भागने वाले शेर के मुंह में भी हिरण नहीं घुसते. हिरण उन शेरों के मुंह में घुसते हैं जो हिरणों से तेज़ भाग पाते हैं. (यहाँ क्लिक कर जाने शास्त्र अनुसार 14 गंदी आदते )
उद्यमेन यानी मेहनत से
हि यानी ही
सिध्यंते यानी सिद्ध होते हैं, हासिल होते हैं
कार्याणि यानी कार्य का बहुवचन
न मनोरथै: यानी सिर्फ़ मन में सोच लेने से नहीं
सुप्तस्य सिम्हस्य यानी सोये हुए शेर के
{नहि}..प्रविशंति मुखे मुंह में नहीं घुसते
मृगा: यानी हिरण का बहुवचन
सोते हुए शेर के मुंह में हिरण नहीं जा सकता बिना शेर के प्रयाश के। .... तो अगर आप काम करने का केवल सोचते है और करते कुछ नहीं तो आपका केवल समय नष्ठ हो रहा है
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