गूगल से सेक्स रैकेट चलता था Whatsapp से होती थी डील
12 April 2016
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मध्य प्रदेश में हाल ही में सेक्स रैकेट को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. प्रदेश के कुछ बड़े शहरों में अब जिस्मफरोशी का तरीका भी बदल गया है. इस गोरखधंधे से जुड़े लोग अब पुलिस की नजरों से बचने के लिए हाईटेक हो गए हैं. वो कॉल गर्ल की बुकिंग के लिए इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं, जिसमें लड़कियों की बुकिंग ऑनलाइन की जा रही है. साथ ही नए ग्राहकों को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है.
कैसे ऑनलाइन होती है बुकिंग...
मुंबई और दिल्ली जैसे मेट्रो सिटीज में ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस आम हो चुकी है. अब इंदौर जैसे शहर भी इसकी चपेट में आ गया है. जिस्मफरोशी के धंधे के दलालों ने 'इंदौर एस्कॉर्ट सर्विस' के नाम से अपना जाल फैला दिया है. Google पर सर्च करते ही कॉल गर्ल से सारी डिटेल मिल जाती है और फिर शुरू होती है 'डील'. आगे, गूगल पर सर्च और वॉट्सएप पर डील...इंटरनेट पर कॉल गर्ल के बारे में सर्च करने पर सिर्फ फोन नंबर मिलता है. इसके बाद असली डील वॉट्सएप पर शुरू होती है. ग्राहक यदि भरोसा जीतने में कामयाब रहा तो उसे वॉट्सएप पर Girls photos भेजी जाती है. वॉट्सएप पर ही चैटिंग से डील होती है और फिर अंत में ग्राहक को लोकेशन बताई जाती है. sex racket call girls booking internet
दिल्ली में रहने वाले सुभाष ने internet ,whatsapp पर इंदौर एस्कॉर्ट सर्विस के नाम से जिस्मफरोशी से जुड़ी जानकारी शेयर की थी. गूगल पर सर्च करते ही उसका mobile number मिल जाता था. इसके बाद वह ग्राहक से डील करता था. बताया जा रहा है कि सुभाष देश के अलग-अलग हिस्सों से कॉल गर्ल को लेकर इंदौर आता था.
'कैसे पकड़े गए'...
सुभाष ने इंदौर के चिकित्सक नगर में एक बंगले को जिस्मफरोशी का सेंटर बना रखा था. इस बंगले में बंद दरवाजों के आड़ में सबकुछ होता था जो ज्यादा दिन तक लोगों की नजरों से छुपा नहीं रहा. धीरे-धीरे पुलिस की नयी सर्विस 'क्राइम वॉच' पर इसकी जानकारी पहुंची, जिसके बाद पुलिस ने दबिश देकर सुभाष और एक ग्राहक के अलावा बंगाल की दो लड़कियों को गिरफ्तार किया. इनकी गिरफ्तारी और पूछताछ में हुए इस बड़े खुलासे के बाद अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गई है.
कैसे ऑनलाइन होती है बुकिंग...
मुंबई और दिल्ली जैसे मेट्रो सिटीज में ऑनलाइन एस्कॉर्ट सर्विस आम हो चुकी है. अब इंदौर जैसे शहर भी इसकी चपेट में आ गया है. जिस्मफरोशी के धंधे के दलालों ने 'इंदौर एस्कॉर्ट सर्विस' के नाम से अपना जाल फैला दिया है. Google पर सर्च करते ही कॉल गर्ल से सारी डिटेल मिल जाती है और फिर शुरू होती है 'डील'. आगे, गूगल पर सर्च और वॉट्सएप पर डील...इंटरनेट पर कॉल गर्ल के बारे में सर्च करने पर सिर्फ फोन नंबर मिलता है. इसके बाद असली डील वॉट्सएप पर शुरू होती है. ग्राहक यदि भरोसा जीतने में कामयाब रहा तो उसे वॉट्सएप पर Girls photos भेजी जाती है. वॉट्सएप पर ही चैटिंग से डील होती है और फिर अंत में ग्राहक को लोकेशन बताई जाती है.
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सुभाष ने इंदौर के चिकित्सक नगर में एक बंगले को जिस्मफरोशी का सेंटर बना रखा था. इस बंगले में बंद दरवाजों के आड़ में सबकुछ होता था जो ज्यादा दिन तक लोगों की नजरों से छुपा नहीं रहा. धीरे-धीरे पुलिस की नयी सर्विस 'क्राइम वॉच' पर इसकी जानकारी पहुंची, जिसके बाद पुलिस ने दबिश देकर सुभाष और एक ग्राहक के अलावा बंगाल की दो लड़कियों को गिरफ्तार किया. इनकी गिरफ्तारी और पूछताछ में हुए इस बड़े खुलासे के बाद अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गई है." src="http://static.hindi.pradesh18.com/pix/2016/04/Escort-Servive-in-indore-05.jpg" style="margin-left: auto; margin-right: auto;" />
'कैसे पकड़े गए'...
सुभाष ने इंदौर के चिकित्सक नगर में एक बंगले को जिस्मफरोशी का सेंटर बना रखा था. इस बंगले में बंद दरवाजों के आड़ में सबकुछ होता था जो ज्यादा दिन तक लोगों की नजरों से छुपा नहीं रहा. धीरे-धीरे पुलिस की नयी सर्विस 'क्राइम वॉच' पर इसकी जानकारी पहुंची, जिसके बाद पुलिस ने दबिश देकर सुभाष और एक ग्राहक के अलावा बंगाल की दो लड़कियों को गिरफ्तार किया. इनकी गिरफ्तारी और पूछताछ में हुए इस बड़े खुलासे के बाद अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जांच में जुट गई है.
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