भूलने की आदत है बीमारी का इलाज memory loss
4 April 2016
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सप्ताह में कभी एक बार तो कभी दो बार हम भी अपनी साधारण चीजें भूलते रहते हैं। डॉक्टरी भाषा में भूलने की इस बीमारी को अम्नेसिया कहते हैं। इसमें याद रखने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है। बीती घटनाओं को याद कर पाना मुश्किल होता है। एम्स के मनोचिकित्सक डॉ. एच. एस. मलिक कहते हैं कि भूलना तो समस्या है, लेकिन हर बात भूल जाना बीमारी हो सकती है। परेशानी यह है कि लोग इन दोनों के बीच आसानी से फर्क नहीं समझ पाते हैं। आपको भूलने की बीमारी हो चुकी है, इसकी जांच आप खुद कर सकते हैं। दिनभर कई काम के बावजूद यदि आप सोने से पहले सुबह से शाम तक की हर छोटी बात को आसानी से याद रख पाने में सक्षम हैं तो इसका मतलब है कि आपकी याददाश्त बेहतर हैं, लेकिन ओपीडी में आने वाले 40 प्रतिशत युवा चार घंटे पहले की बात भी याद नहीं रख पाते हैं। ऐसे में सबसे अधिक असर नियमित दिनचर्या पर पड़ता है। डॉ. मलिक कहते हैं कि कई निजी क्लीनिक में मरीजों को दवाई व जांच की तारीख याद दिलाने के लिए एसएमएस की सेवा शुरू की गई जो लोगों की कम होती याददाश्त का ही एक उदाहरण है। memory loss treatment amnesia meaning hindi
क्यों होती है समस्या
डॉ. मोनिका सूद के मुताबिक याददाश्त कम होना या फिर याददाश्त खो जाना दो अलग बाते हैं, बुजुर्गो में यह समस्या 60 के बाद होती है, जिसे डिमेंशिया कहा जाता है। युवाओं में याददाश्त कम होने की वजहें अलग हैं, जैसे- अधिक तनाव, सिगरेट, एल्कोहल या फिर अनियमित नींद। मार्ग दुर्घटना या फिर मस्तिष्क में टय़ूमर की वजह से भी याददाश्त खो जाती है, लेकिन इन दो वजहों से याददाश्त खोने के कई सजिर्कल उपाय हैं। यदि अनियमित दिनचर्या से याद रखने की क्षमता कम होती है तो उसे मेडिटेशन, योग या फिर बेहतर डायट से ठीक किया जा सकता है। हालांकि याददाश्त बढ़ाने के लिए चिकित्सक दवाओं के इस्तेमाल को सही नहीं मानते हैं।
याददाश्त कम होने की वजहें symptoms
अवसाद : अवसाद अम्नेसिया की की वजह हो सकती है। जिंदगी में अधिक हासिल करने की इच्छा जब पूरी नहीं होती तो व्यक्ति का ध्यान सामान्य बातों पर नहीं रहता, वह हरदम कुछ बढ़ा करने की योजना बनाता रहता है। समाज से कटे या अकेले रहने वाले लोगों में यह लक्षण अकसर देखने को मिलता है। विटामिन बी-12 की कमी: अम्नेसिया का यह एक महत्वपूर्ण कारक है। इसकी कमी मस्तिष्क के स्थायी नुकसान का कारण बन सकती है। विटामिन बी-12 हमारे न्यूरोंस और सेंसर मोटर को सुरक्षित रखता है।
दवाओं का दुष्प्रभाव : नींद की गोलियां, एंटीथिस्टेमाइंस, ब्लड प्रेशर की दवाएं, गठिया में ली जाने दवा, एंटीडिप्रेसेन्ट, गुस्से को नियंत्रित करने के लिए ली जाने वाली गोलियां और दर्द निवारक दवाओं के ज्यादा सेवन से भी अम्नेसिया हो सकता है। लगातार नींद की गोलियां खाने वाले लोग भी सामान्य बातें जल्दी भूलने लगते हैं।
शराब की लत : शराब का अधिक इस्तेमाल, मस्तिष्क की कोशिकाओं की क्रियाशीलता को कम करता है।
थायरॉयड : थायरॉयड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। भूलने के साथ-साथ दिमाग को एकाग्र करने में भी दिक्कतें आती हैं। अधिक या कम थॉरोक्सिन याद करने की क्षमता को कम कर देता है। क्या हैं बीमारी के लक्षण अम्नेसिया के लक्षण अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न होते हैं। कुछ लोगों में अम्नेसिया की शुरुआत तिथि और नाम भूलने के साथ होती है, तो कुछ लोग शुरू किए गए काम का उद्देश्य ही भूल जाते हैं। एक ही स्थान पर बार-बार जाने के बाद भी उसका पता भूल जाते हैं। कुछ लोग एक ही काम को कई बार करते हैं। अम्नेसिया की शुरुआत कुछ यूं होती है। भ्रम या कम सतर्कता भूलने की बीमारी का पहला लक्षण हो सकता है। हालांकि सभी का व्यवहार एक समान नहीं होता। कुछ में सीधे भूलने की समस्या होती है तो कुछ को शब्द याद करने में मुश्किल होती है। कुछ को समझने में समस्या आती है। उन्हें छोटे-छोटे निर्णय लेने में भी तकलीफ होती है।
कैसे होता है इलाज हालांकि डॉक्टर भूलने की बीमारी का इलाज दवाओं के जरिए नहीं करते हैं, बावजूद इसके यदि बीमारी की पहचान देर में हो तो इसे न्यूरोलॉजिकल टेस्ट और दवाओं से ही नियंत्रित किया जाता है। हालांकि कुछ आधुनिक इलाज में रेडिएशन युक्त जांच से भी इलाज किया जाता है। पहले मरीज की फैमिली हिस्ट्री ली जाती है। मेमोरी फंक्शन जानने के लिए कई न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्ट कराए जाते हैं। फिर कुछ अन्य मेडिकल टेस्ट जैसे इलेक्ट्रोइनसेफालोग्राफी, एमआरआई या सीटी स्कैन कराए जाते हैं। हालांकि अन्य उपायों से यदि बीमारी दूर नहीं होती तो डॉक्टर दवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
व्यायाम है सहायक
हर उम्र के लोगों के लिए हल्का-फुल्का व्यायाम फायदेमंद है। शोधकर्ताओं का कहना है कि नियमित व्यायाम से याददाश्त बढ़ सकती है। यही नहीं, बल्कि वे अधिक दिनों तक भूलने की बीमारी का शिकार होने से बच सकते हैं। यदि रोजाना सिर्फ आधे घंटे योग किया जाए तो भी इससे राहत मिलेगी। एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में करीब 3 करोड़ 70 लाख लोग भूलने की बीमारी के शिकार हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अगले बीस सालों में इस आंकड़े में तेजी से बढ़ोतरी की आशंका जताई है।
जरूरी है नींद
याद्दाशत मजबूत करने के लिए के लिए नींद बहुत जरूरी है। कम नींद या खराब नींद हिप्पोकैम्पस में नए न्यूरॉन्स का विकास प्रभावित करती है और स्मृति, एकाग्रता व निर्णय लेने की क्षमता कम होती जाती है।
डायट का रखें ध्यान
चॉकलेट : एक सर्वे में कहा गया कि चॉकलेट मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाती है। रोज 10 ग्राम चॉकलेट दिमाग को चॉकलेटी बना देती है।
सप्ताह में कभी एक बार तो कभी दो बार हम भी अपनी साधारण चीजें भूलते रहते हैं। डॉक्टरी भाषा में भूलने की इस बीमारी को अम्नेसिया कहते हैं। इसमें याद रखने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है। बीती घटनाओं को याद कर पाना मुश्किल होता है। एम्स के मनोचिकित्सक डॉ. एच. एस. मलिक कहते हैं कि भूलना तो समस्या है, लेकिन हर बात भूल जाना बीमारी हो सकती है। परेशानी यह है कि लोग इन दोनों के बीच आसानी से फर्क नहीं समझ पाते हैं। आपको भूलने की बीमारी हो चुकी है, इसकी जांच आप खुद कर सकते हैं। दिनभर कई काम के बावजूद यदि आप सोने से पहले सुबह से शाम तक की हर छोटी बात को आसानी से याद रख पाने में सक्षम हैं तो इसका मतलब है कि आपकी याददाश्त बेहतर हैं, लेकिन ओपीडी में आने वाले 40 प्रतिशत युवा चार घंटे पहले की बात भी याद नहीं रख पाते हैं। ऐसे में सबसे अधिक असर नियमित दिनचर्या पर पड़ता है। डॉ. मलिक कहते हैं कि कई निजी क्लीनिक में मरीजों को दवाई व जांच की तारीख याद दिलाने के लिए एसएमएस की सेवा शुरू की गई जो लोगों की कम होती याददाश्त का ही एक उदाहरण है। memory loss treatment amnesia meaning hindi
treatment amnesia meaning hindi |
क्यों होती है समस्या
डॉ. मोनिका सूद के मुताबिक याददाश्त कम होना या फिर याददाश्त खो जाना दो अलग बाते हैं, बुजुर्गो में यह समस्या 60 के बाद होती है, जिसे डिमेंशिया कहा जाता है। युवाओं में याददाश्त कम होने की वजहें अलग हैं, जैसे- अधिक तनाव, सिगरेट, एल्कोहल या फिर अनियमित नींद। मार्ग दुर्घटना या फिर मस्तिष्क में टय़ूमर की वजह से भी याददाश्त खो जाती है, लेकिन इन दो वजहों से याददाश्त खोने के कई सजिर्कल उपाय हैं। यदि अनियमित दिनचर्या से याद रखने की क्षमता कम होती है तो उसे मेडिटेशन, योग या फिर बेहतर डायट से ठीक किया जा सकता है। हालांकि याददाश्त बढ़ाने के लिए चिकित्सक दवाओं के इस्तेमाल को सही नहीं मानते हैं।
याददाश्त कम होने की वजहें symptoms
अवसाद : अवसाद अम्नेसिया की की वजह हो सकती है। जिंदगी में अधिक हासिल करने की इच्छा जब पूरी नहीं होती तो व्यक्ति का ध्यान सामान्य बातों पर नहीं रहता, वह हरदम कुछ बढ़ा करने की योजना बनाता रहता है। समाज से कटे या अकेले रहने वाले लोगों में यह लक्षण अकसर देखने को मिलता है। विटामिन बी-12 की कमी: अम्नेसिया का यह एक महत्वपूर्ण कारक है। इसकी कमी मस्तिष्क के स्थायी नुकसान का कारण बन सकती है। विटामिन बी-12 हमारे न्यूरोंस और सेंसर मोटर को सुरक्षित रखता है।
दवाओं का दुष्प्रभाव : नींद की गोलियां, एंटीथिस्टेमाइंस, ब्लड प्रेशर की दवाएं, गठिया में ली जाने दवा, एंटीडिप्रेसेन्ट, गुस्से को नियंत्रित करने के लिए ली जाने वाली गोलियां और दर्द निवारक दवाओं के ज्यादा सेवन से भी अम्नेसिया हो सकता है। लगातार नींद की गोलियां खाने वाले लोग भी सामान्य बातें जल्दी भूलने लगते हैं।
शराब की लत : शराब का अधिक इस्तेमाल, मस्तिष्क की कोशिकाओं की क्रियाशीलता को कम करता है।
थायरॉयड : थायरॉयड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करती है। भूलने के साथ-साथ दिमाग को एकाग्र करने में भी दिक्कतें आती हैं। अधिक या कम थॉरोक्सिन याद करने की क्षमता को कम कर देता है। क्या हैं बीमारी के लक्षण अम्नेसिया के लक्षण अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न होते हैं। कुछ लोगों में अम्नेसिया की शुरुआत तिथि और नाम भूलने के साथ होती है, तो कुछ लोग शुरू किए गए काम का उद्देश्य ही भूल जाते हैं। एक ही स्थान पर बार-बार जाने के बाद भी उसका पता भूल जाते हैं। कुछ लोग एक ही काम को कई बार करते हैं। अम्नेसिया की शुरुआत कुछ यूं होती है। भ्रम या कम सतर्कता भूलने की बीमारी का पहला लक्षण हो सकता है। हालांकि सभी का व्यवहार एक समान नहीं होता। कुछ में सीधे भूलने की समस्या होती है तो कुछ को शब्द याद करने में मुश्किल होती है। कुछ को समझने में समस्या आती है। उन्हें छोटे-छोटे निर्णय लेने में भी तकलीफ होती है।
कैसे होता है इलाज हालांकि डॉक्टर भूलने की बीमारी का इलाज दवाओं के जरिए नहीं करते हैं, बावजूद इसके यदि बीमारी की पहचान देर में हो तो इसे न्यूरोलॉजिकल टेस्ट और दवाओं से ही नियंत्रित किया जाता है। हालांकि कुछ आधुनिक इलाज में रेडिएशन युक्त जांच से भी इलाज किया जाता है। पहले मरीज की फैमिली हिस्ट्री ली जाती है। मेमोरी फंक्शन जानने के लिए कई न्यूरोसाइकोलॉजिकल टेस्ट कराए जाते हैं। फिर कुछ अन्य मेडिकल टेस्ट जैसे इलेक्ट्रोइनसेफालोग्राफी, एमआरआई या सीटी स्कैन कराए जाते हैं। हालांकि अन्य उपायों से यदि बीमारी दूर नहीं होती तो डॉक्टर दवाओं का इस्तेमाल करते हैं।
व्यायाम है सहायक
हर उम्र के लोगों के लिए हल्का-फुल्का व्यायाम फायदेमंद है। शोधकर्ताओं का कहना है कि नियमित व्यायाम से याददाश्त बढ़ सकती है। यही नहीं, बल्कि वे अधिक दिनों तक भूलने की बीमारी का शिकार होने से बच सकते हैं। यदि रोजाना सिर्फ आधे घंटे योग किया जाए तो भी इससे राहत मिलेगी। एक अनुमान के मुताबिक दुनियाभर में करीब 3 करोड़ 70 लाख लोग भूलने की बीमारी के शिकार हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अगले बीस सालों में इस आंकड़े में तेजी से बढ़ोतरी की आशंका जताई है।
जरूरी है नींद
याद्दाशत मजबूत करने के लिए के लिए नींद बहुत जरूरी है। कम नींद या खराब नींद हिप्पोकैम्पस में नए न्यूरॉन्स का विकास प्रभावित करती है और स्मृति, एकाग्रता व निर्णय लेने की क्षमता कम होती जाती है।
डायट का रखें ध्यान
चॉकलेट : एक सर्वे में कहा गया कि चॉकलेट मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाती है। रोज 10 ग्राम चॉकलेट दिमाग को चॉकलेटी बना देती है।
हरी सब्जियां: इनमें विटामिन और फोलिक एसिड की भरमार होती है, जो हमें पागलपन से बचाते हैं। ध्यान रहे हरी सब्जियों को ज्यादा देर तक पकाने पर इसके न्यूट्रिएंट्स जल सकते हैं।
काला जामुन : काला जामुन में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो न्यूरॉन्स के बीच संचार बढ़ाते हैं और आसानी से समझने में मदद करते हैं। रोज काला जामुन खाएं तो दिन, महीना और तिथि याद रखना आसान होगा।
मछली : इसमें ओमेगा-3, विटामिन-डी और अन्य ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो आपके मस्तिष्क को किसी प्रकार के मनोविकार यानी मेंटल डिसऑर्डर से सुरक्षित रखते हैं।
चुकंदर : चुकंदर याद रखने की क्षमता बढ़ाता है। इसमें नाइट्रेट होता है, जो रक्त नलिकाओं को खोलता है और दिमाग तक खून का संचार बढ़ाता है।
होल ग्रेन : जब भी ब्रेड खरीदें, दुकानदार से होलग्रेन ब्रेड ही मांगें। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भरपूर होता है। विटामिन बी और ई से भरा होल ग्रेन शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य रखने में मदद करता है।
कॉफी : कॉफी में पाई जाने वाली कैफीन से कार्यक्षमता बढ़ती है। यह अल्जाइमर से लड़ने में भी मददगार है।
सेब : सेब में क्वरसेटिन की मात्र पाई जाती है, जो हमारे ब्रेन सेल की रक्षा करता है।
मेमोरी मैन के कारगर टिप्स याददाश्त को मजबूत बनाने के लिए मैमोरी मैन विश्व स्वरूप रॉय चौधरी के टिप्स
-सोने से पहले एक बार दिनभर में किए कामों को दोहराने से याददाश्त कभी कमजोर नहीं होती। आप सारी दिनचर्या को याद नहीं कर पा रहे तो यह याददाश्त कम होने की शुरुआत है।
-दिमाग में चीजों का चित्रण कर हम किसी चीज या बात पर अपनी एकाग्रता बढ़ा सकते हैं। कामों की लिस्ट बनाएं और उसे किसी चीज के साथ समायोजित करें। इससे उस चीज को याद करने से उससे संबंधित काम भी याद आ जाएगा
मछली : इसमें ओमेगा-3, विटामिन-डी और अन्य ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो आपके मस्तिष्क को किसी प्रकार के मनोविकार यानी मेंटल डिसऑर्डर से सुरक्षित रखते हैं।
चुकंदर : चुकंदर याद रखने की क्षमता बढ़ाता है। इसमें नाइट्रेट होता है, जो रक्त नलिकाओं को खोलता है और दिमाग तक खून का संचार बढ़ाता है।
होल ग्रेन : जब भी ब्रेड खरीदें, दुकानदार से होलग्रेन ब्रेड ही मांगें। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भरपूर होता है। विटामिन बी और ई से भरा होल ग्रेन शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य रखने में मदद करता है।
कॉफी : कॉफी में पाई जाने वाली कैफीन से कार्यक्षमता बढ़ती है। यह अल्जाइमर से लड़ने में भी मददगार है।
सेब : सेब में क्वरसेटिन की मात्र पाई जाती है, जो हमारे ब्रेन सेल की रक्षा करता है।
मेमोरी मैन के कारगर टिप्स याददाश्त को मजबूत बनाने के लिए मैमोरी मैन विश्व स्वरूप रॉय चौधरी के टिप्स
-सोने से पहले एक बार दिनभर में किए कामों को दोहराने से याददाश्त कभी कमजोर नहीं होती। आप सारी दिनचर्या को याद नहीं कर पा रहे तो यह याददाश्त कम होने की शुरुआत है।
-दिमाग में चीजों का चित्रण कर हम किसी चीज या बात पर अपनी एकाग्रता बढ़ा सकते हैं। कामों की लिस्ट बनाएं और उसे किसी चीज के साथ समायोजित करें। इससे उस चीज को याद करने से उससे संबंधित काम भी याद आ जाएगा
Mere memory back how
ReplyDeleteHi sir mujhe bar bar bhulne ki adat ho gai he kai bar ghar se phon ata he ki ye lete ana yo har bar bhul jata hu koi agar mere sath bat kar raha he to mera dimag kuch or sochta he koi agar mujhe awaj deta he to wo 2 ya 3 bar mujhe kahega tabhi me usko javab deta hu agar kisika phon aya ho to bad me call details dekh ke sochta hu ki iska phon aya to tha par kis liye aya tha bahot jor lagane k bad yad ata he mi is kam se aya tha agar kahi jana he to bad me bhul jata hu ki mujhe waha jana tha phir yad ata he late plz sir help me me mere dimag se pareshan ho gaya hu plz meri madad karo me kya karu sir ab my contact number 09925300486
ReplyDeleteIncrease memory power and mind focus naturally and safely with herbal remedies.
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