अमरीश पुरी की जीवनी फोटो amrish puri last movie life
4 February 2016
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मोंगैंबो खुश हुआ' के डायलॉग के साथ अभिनेता अमरीश पुरी ने अपनी कड़क और रौबदार आवाज से बॉलीवुड में खलनायकी को एक नई पहचान दी. रंगमंच से बडे़ पर्दे पर जलवा बिखेरने वाले अमरीश पुरी ने लगभग 250 फिल्मों में काम किया. उनका जन्म पंजाब के नौशेरा गांव में 22 जून 1932 को हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरूआत श्रम मंत्रालय के नौकरी से की थी. इसके बाद उन्होंने नाटकों में अपना जौहर दिखाया.
अमरीश पुरी, पृथ्वी राज कपूर के 'पृथ्वी थियेटर' में बतौर कलाकार अपनी पहचान बनाने में सफल हुये. शिमला के बी एम कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा शुरूआत में वह रंगमंच से जुड़े और बाद में फिल्मों का रूख किया. अमरीश पुरी ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत वर्ष 1971 की फिल्म 'प्रेम पुजारी' से की थी. इस फिल्म में उनका रोल बहुत छोटा था. इसके बाद उन्होंने फिल्म 'रेशमा और शेरा' में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था.
पुरी का सफर वर्ष 1980 के दशक में यादगार साबित हुआ. वर्ष 1987 में आई शेखर कपूर की फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में उनके 'मोंगैंबो' की खलनायकी भूमिका ने दर्शकों को उनका दीवाना बना दिया. दर्शकों ने उन्हें नकारात्मक भूमिकाओं के साथ-साथ सकारात्मक भूमिकाओं में भी पसंद किया. इसके बाद वर्ष 1990 में आई फिल्म 'दिलवाले दुल्हानियां ले जायेंगे' में दर्शकों ने उनके सकारात्मक भूमिका के जरिये सबका दिल जीत लिया.
अमरीश पुरी के अभिनय से सजी कुछ मशहूर फिल्मों में 'निशांत', 'गांधी', 'कुली', 'नगीना', 'राम लखन', 'त्रिदेव', 'फूल और कांटे', 'विश्वात्मा', 'दामिनी', 'करण अर्जुन', 'कोयला' आदि शामिल हैं. दर्शक उनकी खलनायकी वाली भूमिकाओं को देखने के लिए बेहद खुश होते थे.
उनके जीवन की अंतिम फिल्म 'किसना' थी जो उनके निधन के बाद वर्ष 2005 में रिलीज हुई. उन्होंने कई विदेशी फिल्मों में भी काम किया. उन्होंने इंटरनेशनल फिल्म 'गांधी' में 'खान' की भूमिका निभाई था जिसके लिए उनकी खूब तारीफ हुई थी. अमरीश पुरी का 12 जनवरी 2005 को 72 वर्ष के उम्र में ब्रेन ट्यूमर की वजह से उनका निधन हो गया. उनके अचानक हुये इस निधन से बॉलवुड जगत के साथ-साथ पूरा देश शोक में डूब गया था.
अमरीश पुरी, पृथ्वी राज कपूर के 'पृथ्वी थियेटर' में बतौर कलाकार अपनी पहचान बनाने में सफल हुये. शिमला के बी एम कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा शुरूआत में वह रंगमंच से जुड़े और बाद में फिल्मों का रूख किया. अमरीश पुरी ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत वर्ष 1971 की फिल्म 'प्रेम पुजारी' से की थी. इस फिल्म में उनका रोल बहुत छोटा था. इसके बाद उन्होंने फिल्म 'रेशमा और शेरा' में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था.
पुरी का सफर वर्ष 1980 के दशक में यादगार साबित हुआ. वर्ष 1987 में आई शेखर कपूर की फिल्म 'मिस्टर इंडिया' में उनके 'मोंगैंबो' की खलनायकी भूमिका ने दर्शकों को उनका दीवाना बना दिया. दर्शकों ने उन्हें नकारात्मक भूमिकाओं के साथ-साथ सकारात्मक भूमिकाओं में भी पसंद किया. इसके बाद वर्ष 1990 में आई फिल्म 'दिलवाले दुल्हानियां ले जायेंगे' में दर्शकों ने उनके सकारात्मक भूमिका के जरिये सबका दिल जीत लिया.
अमरीश पुरी के अभिनय से सजी कुछ मशहूर फिल्मों में 'निशांत', 'गांधी', 'कुली', 'नगीना', 'राम लखन', 'त्रिदेव', 'फूल और कांटे', 'विश्वात्मा', 'दामिनी', 'करण अर्जुन', 'कोयला' आदि शामिल हैं. दर्शक उनकी खलनायकी वाली भूमिकाओं को देखने के लिए बेहद खुश होते थे.
उनके जीवन की अंतिम फिल्म 'किसना' थी जो उनके निधन के बाद वर्ष 2005 में रिलीज हुई. उन्होंने कई विदेशी फिल्मों में भी काम किया. उन्होंने इंटरनेशनल फिल्म 'गांधी' में 'खान' की भूमिका निभाई था जिसके लिए उनकी खूब तारीफ हुई थी. अमरीश पुरी का 12 जनवरी 2005 को 72 वर्ष के उम्र में ब्रेन ट्यूमर की वजह से उनका निधन हो गया. उनके अचानक हुये इस निधन से बॉलवुड जगत के साथ-साथ पूरा देश शोक में डूब गया था.
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