दुनिया की 10 सबसे पॉवरफुल मिलिट्री सेना World most powerful army


Army power in world दुनिया के तमाम देशों की सेनाएं उसकी ताकत को प्रदर्शित करती है। इसी क्रम में ग्लोबल फायरपॉवर नाम की वेबसाइट ने शीर्ष 10 सैन्य रुप से ताकतवर देशों की लिस्ट जारी की है, 

  1. जो सैनिकों की संख्या, 
  2. सेना के पास उपलब्ध तकनीकी क्षमता, 
  3. सेना पर बजट 

समेत तमाम पहलुओं पर अध्ययन के बाद तैयार की गई है। इस विश्लेषण में परमाणु क्षमता से संबंधित ताकत को सम्मिलित नहीं किया गया है। आइए जानते हैं

दुनिया की 10 सबसे ताकतवर देशों की सेनाओं के बारे में


अमेरिका का सैन्य क्षेत्र में दबदबा लगातार बना हुआ है। अमेरिका अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा सैन्य क्षमका की आधुनिकीकरण पर खर्च करता है। अमेरिका अपनी सेनाओं पर 612 बिलियन डॉलर खर्च करता है, जो कई देशों की सकल अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा है।

अमेरिका के पास 19 एयरक्राफ्ट करियर है, जो बाकी पूरी दुनिया के 12 करियर के मुकाबले डेढ़ गुने से भी ज्यादा है। यही नहीं, अमेरिका के पास दुनिया की सबसे ज्यादा प्रशिक्षित विशिष्ट सैनिकों की बड़ी फौज है, जो किसी भी देश पर पूरी ताकत से हमला करे, तो कुछ ही समय में नेस्तनाबूत कर दे।

रूस
सोवियत संघ के विखराव के दो दशकों बाद रूस ने फिर से अपनी सेना को मजबूत करना शुरु कर दिया है। यही वजह है कि उसके अपने सैन्य बजट में 44 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी की है।

रूस के पास 7 लाख 66 हजार सक्रिय सैनिक हैं, तो 24 लाख 85 हजार प्रशिक्षित सैनिक रिजर्व में हैं। यही नहीं, रूस के पास 15,500 से ज्यादा टैकों की दुनिया की सबसे बड़ी टैंक सेना है।

चीन
चीन की सेना के बारे में दुनिया ज्यादा नहीं जानती। इसीलिए वो चीन से खौफ भी खाती है। चीन ने पिछले साल के मुकाबले इस बार अपनी सेना के बजट में 12.2 फीसदी की बढ़ोतरी की है। जो कि मौजूदा समय में 126 बिलियन डॉलर है। चीना का अपने पड़ोसियों जापान, फिलीपींस और भारत के साथ सीमा विवाद भी है,

 जिसकी वजह से वो अपनी सेना हमेशा से बजबूत करता रहा है। चीन के पास 22 लाख 85 हजार की सक्रिय सेना है तो 23 लाख सैनिक रिजर्व में हैं। चीन ने हाल ही में अपनी सेना में एफ-35 जैसे फाइटर प्लेन शामिल किए हैं, जो किसी भी हमले वाली जगह को पल भर में नेस्तनाबूत करने की क्षमता रखती है।

भारत
नि:संदेह भारत की सैन्य क्षमता भी काफी मजबूत है। हालांकि भारत अपने बजट का काफी छोटा हिस्सा ही सेना पर खर्च करता है। मौजूदा समय में भारत का सैन्य बजट महज 46 बिलियन डॉलर का है, जोकि अधिकतर तकनीकी को हासिल करने में खर्च हुआ है आगे पढ़े - सैनिकों के खाने में जहर देने की साजिश बड़ा खुलासा


भारत के पास इस समय बैलिस्टिक मिसाइलों का बड़ा जखीरा है, जो पड़ोसी दुश्मन देशों पाकिस्तान और चीन के किसी भी शहर को निशाना बनाने में सक्षम है। भारत को अपने मजबूत पड़ोसियों चीन और पाकिस्तान की वजह से सैन्य क्षमता को मजबूत रखना पड़ता है, जो हमले के लिए नहीं बल्कि बचाव के लिए है।

इंग्लैंड
एक समय दुनिया की सबसे मजबूत सेना रखने वाला इंग्लैंड अपने सैन्य शक्ति में लगातार कमी कर रहा है। इंग्लैंड की योजना 2010-2018 के बीच अपने सैन्य बजट को 20 फीसदी तक कम करने की है।

फिलहाल इंग्लैंड का सैन्य बजट 54 बिलियन का है। हालांकि इंग्लैंड दुनिया भर में लड़ाईयों की संभावित जगहों को देखते हुए इंग्लैंड 40 एफ-35 फाइटर प्लेनों का नया बेड़ा बनाने जा रहा है। साथ ही 4.5एकड़ की लंबाई वाले एयरक्राफ्ट करियर को भी 2020 तक रॉयल नेवी में शामिल करने की योजना है।

फ्रांस
फ्रांस की सेना हमेशा से मजबूत रही है। हालांकि वो पिछले कुछ समय से सैन्य बजट में काफी कमी ला रही है। फ्रांस ने 2013 में सैन्यक्षेत्र की नौकरियों में 13 फीसदी की कमीं की। फ्रांस अपनी सेना पर कुल जीडीपी का महज 1.9 फीसदी खर्च करती है।

लगभग 43बिलियन डॉलर के खर्च के साथ फ्रांस का सैन्य खर्च ‘नेटो’ में शामिल अन्य देशों के मुकाबले सबसे कम है। भले ही फ्रांस अपनी सेना पर कम खर्च कर रहा हो, लेकिन फ्रांसीसी सेना दुनिया की सबसे व्यस्त सेनाओं में से एक है।

फ्रांसीसी सैनिक मौजूदा समय में मध्य अफ्रीका देश, चाड, माली, सेनेगल जैसे अन्य विवादास्पद इलाकों में तैनात हैं।

जर्मनी
जर्मनी सैनिकों के लिहाज से खर्च और सुविधाओं के मामले में दुनिया में सबसे ज्यादा खर्च करता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से लड़ाई के विरोधी देश में जर्मनी के पास महज 1 लाख 83 हजार सक्रिय और 1 लाख 45हजार रिजर्व सैनिक हैं,

 जो कि दुनिया के तमाम मोर्चों पर डटे हैं। लेकिन टेक्नोलॉजी और सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण के लिए जर्मनी हर साल अपनी सेना पर 45 बिलियन डॉलर खर्च करता है।

तुर्की
इस लिस्ट में शामिल तुर्की का नाम चौंकाने वाला है। हालांकि ये देश अर्थव्यवस्था के हिसाब से दुनिया में सबसे ज्यादा खर्च सेना के नाम पर करता है। साल 2014 में तुर्की ने अपने कुल बजट का 9.4 फीसदी धन सेना पर खर्च किया। तुर्की की सेना पर कुल 18.2 बिलियन डॉलर खर्च होता है।

तुर्की लगातर सीरियाई सेना और कुर्दिश अलगाववादियों से संघर्ष कर रहा है। ‘नेटो’ का सदस्य होने की वजह से तुर्की के काफी सैनिक अफगानिस्तान, अशांत बाल्कान क्षेत्र और उत्तरी साइप्रस में मोर्चे पर डटे हुए हैं।

दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया की सेना संख्या में कम होने के बावजूद बेहद पेशेवर ढ़ंग से प्रशिक्षित और आधुनिक है। दक्षिण कोरिया के पास दुनिया में छठा सबसे बड़ा वायुसेना का बेड़ा है।

यही नहीं, दक्षिण कोरिया के पास 2,346 टैंकों के साथ ही 1,393 एयरक्राफ्ट भी हैं, जो इस छोटे से देश की मजबूती से रक्षा करते हैं। दक्षिण कोरिया नियमित रूप से अमेरिका के साथ सैन्य अभ्यास करता रहा है।

जापान
चीन के साथ तनाव को देखते हुए जापान ने पिछले 11 सालों में अपनी सेना को बढ़ाया है। जिसमें उसने बाहरी जलक्षेत्र में मिलिटरी बेस बनाया है। जापान अपनी सेना के लिए 49.1 बिलियन डॉलर सालाना खर्च करता है।

जापान के पास जहां 2 लाख 47 हजार की सक्रिय सेना है तो 57,900 की रिजर्व सेना भी है। यही नहीं, 1,595 एयरक्राफ्ट के साथ जापानी सेना दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी वायुसेना है, जिसकी नौसेना के पास 131 आधुनिक पोत भी हैं।

 जापान की सेना पूरी तरह से आत्मरक्षा को ध्यान में रखते हुए मजबूत की गई है

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