मलेरिया के लक्षण व घरेलू उपचार बचाव
16 March 2019
1 Comment
Malaria ke lakshan hindi me ilaj gharelu upcha मलेरिया Malaria - एक संक्रामक रोग है, जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है लगभग साल यह 51.5 करोड़ लोगों को संक्रामक करता है जिससे की 10 से 30 लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनता है,
यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है - केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) माने जाते हैं,
साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं।
मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं
जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है।
मलेरिया के लक्षण
यह रोग प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है - केवल चार प्रकार के प्लास्मोडियम (Plasmodium) परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है जिनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) माने जाते हैं,
साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लास्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं। इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं।
मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं
जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं (चक्कर आना, साँस फूलना, द्रुतनाड़ी इत्यादि)। इसके अलावा अविशिष्ट लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी, उबकाई और जुखाम जैसी अनुभूति भी देखे जाते हैं। गंभीर मामलों में मरीज मूर्च्छा में जा सकता है और मृत्यु भी हो सकती है।
मलेरिया के लक्षण
- तेज़ बुखार।
- विपुल पसीना।
- सिरदर्द।
- मतली।
- उल्टी।
- दस्त।
- एनीमिया।
एनॉफिलीज मच्छर सामान्यत: शाम को अंधेरा होते वक्त या फिर सुबह के वक्त काटते हैं। इसलिए सोते समय मच्छरदानी लगाएं। पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाली वस्तुओं का इस्तेमाल करें।
इलाज
इलाज
फिलहाल मलेरिया के उपचार के संदर्भ में दो समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पहली समस्या यह कि आम तौर पर मच्छरों पर अब कीटनाशकों का असर नहीं हो रहा है।
वहीं दूसरी समस्या यह कि मलेरिया के परजीवी को असरहीन करने के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल होता रहा है, उनमें से कई अब निष्प्रभावी साबित हो रही हैं। इसलिए पहली बात तो यह कि हमें मच्छरों को पनपने से रोकना है और वहीं स्वय को मच्छरों के काटने से बचाना है।
वहीं दूसरी समस्या यह कि मलेरिया के परजीवी को असरहीन करने के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल होता रहा है, उनमें से कई अब निष्प्रभावी साबित हो रही हैं। इसलिए पहली बात तो यह कि हमें मच्छरों को पनपने से रोकना है और वहीं स्वय को मच्छरों के काटने से बचाना है।
जब किसी व्यक्ति में मलेरिया के लक्षण प्रकट हों, तब उसे शीघ्र ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन दिनों डॉक्टर मलेरियारोधी नवीनतम दवाएं दे रहे हैं।
घर में रोगी को पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने को दें। बुखार को उतारने के लिए डॉक्टर के परामर्श से पैरासीटामॉल युक्त दवा दें। बुखार उतारने के लिए शरीर पर पानी की स्पजिंग भी कर सकते हैं।
घर में रोगी को पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने को दें। बुखार को उतारने के लिए डॉक्टर के परामर्श से पैरासीटामॉल युक्त दवा दें। बुखार उतारने के लिए शरीर पर पानी की स्पजिंग भी कर सकते हैं।
Khasi ho re h koi darny ki bat to nabe
ReplyDelete