नींद नहीं आने का कारण किस विटामिन की कमी | Insomnia rog ilaj
5 April 2021
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किस विटामिन की कमी से नींद नहीं आती है
नींद आने की दवा पतंजलि
नींद आने की दवा घरेलू उपाय
नींद न आने की बीमारी का नाम in English
नींद आने का रामबाण उपाय
नींद की दवा क्या है
नींद आने के कारण
तुरंत नींद आने की दवा
नींद आने का मंत्र
अच्छी नींद के लिए आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. सोने का कमरा साफ़, हवादार होना चाहिए. चूंकि साफ और ताज़ी हवा में सांस लेने से शरीर हल्का महसूस होता है
यह प्रयोग बहुत ही सुकून देता है, मन-मस्तिष्क को आराम पहुंचाता है. तकिये पर थोडा सा कोई अच्छा, हलकी खुशबु वाला इत्र जैसे गुलाब, लेवेंडर आदि का छिड़क दें. अगर आप अलार्म लगाते है तो इस बात का ध्यान रखे कि अलार्म की आवाज़ बहुत तेज, कर्कश न हो ऐसे लोग जब सुबह गहरी नींद सो रहे होते है और अचानक से अलार्म चीखना शुरु करता है जिससे वो एकदम चौंक कर उठते हैं.
अगर आपको अलार्म लगाना ही है तो ऐसी रिंगटोन लगाइए जो कि धीमे से तेज होती हुई हो या कोई मधुर गाना, प्राकृतिक आवाज़ जैसे चिडियों की चहचहाहट या कोई भजन आदि भी लगा सकते हैं. कमरे में समुचित अँधेरा हो जिससे कि दिमाग सोने की मानसिक स्थिति में आ सके. कमरा बहुत ठंडा या गर्म न हो.
इस बात का सदैव ख्याल रखें कि रात का खाना हल्का हो. खाना जल्दी खा लिया जाये जिससे कि खाने और सोने के बीच 2-3 घंटे का फासला हो. खाने बहुत ज्यादा तला-भुना न हो. सोने के पहले हल्का गर्म दूध पीना अच्छी नींद लाने में बढ़िया सहायक माना गया है.
इससे नींद भी अच्छी आती है और शरीर सही प्रकार से थकान दूर कर पाता है ,पाचन भी सुचारू रूप से होता है. अगर संभव होतो बिस्तर पर हलके रंग की (सफ़ेद रंग हो तो सर्वोत्तम) सूती चद्दर बिछाएं.
यह प्रयोग बहुत ही सुकून देता है, मन-मस्तिष्क को आराम पहुंचाता है. तकिये पर थोडा सा कोई अच्छा, हलकी खुशबु वाला इत्र जैसे गुलाब, लेवेंडर आदि का छिड़क दें. अगर आप अलार्म लगाते है तो इस बात का ध्यान रखे कि अलार्म की आवाज़ बहुत तेज, कर्कश न हो ऐसे लोग जब सुबह गहरी नींद सो रहे होते है और अचानक से अलार्म चीखना शुरु करता है जिससे वो एकदम चौंक कर उठते हैं.
नींद न आने की बीमारी का नाम insomnia rog
उनका दिल इतना तेजी से धडकता है जैसे हार्ट-अटैक आ गया हो. ऐसा करने से आप सुबह सुबह ही चिडचिडा उठते हैं. संभव हो तो खिड़की के पास सोये या जहाँ से सुबह का प्राकृतिक प्रकाश आये. ये सुबह उठने का बेहतरीन तरीका है.अगर आपको अलार्म लगाना ही है तो ऐसी रिंगटोन लगाइए जो कि धीमे से तेज होती हुई हो या कोई मधुर गाना, प्राकृतिक आवाज़ जैसे चिडियों की चहचहाहट या कोई भजन आदि भी लगा सकते हैं. कमरे में समुचित अँधेरा हो जिससे कि दिमाग सोने की मानसिक स्थिति में आ सके. कमरा बहुत ठंडा या गर्म न हो.
रात का खाना
ज्यादा तला भुना या ओवरईटिंग से खाना ठीक से पच नहीं पाता और सुबह उठने पर भारीपन, गैस महसूस होती है. खाना खा कर हलकी चहलकदमी करनी चाहिए.
सौंफ जैसे प्राकृतिक माउथफ्रेशनर चबाना भी बढ़िया उपाय है. ऐसा करने से भोजन आसानी से पच जाता है. रात का खाना 7-8 या अधिकतम 9 बजे तक कर लेना चाहिए जिससे कि खाना पचने के लिए पर्याप्त समय मिल सके.
सौंफ जैसे प्राकृतिक माउथफ्रेशनर चबाना भी बढ़िया उपाय है. ऐसा करने से भोजन आसानी से पच जाता है. रात का खाना 7-8 या अधिकतम 9 बजे तक कर लेना चाहिए जिससे कि खाना पचने के लिए पर्याप्त समय मिल सके.
एक अच्छी सुबह के लिए रात के खाने से सम्बंधित इन बातों का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक नियम है.
सक्रिय दिनचर्या रखें : हमें नींद की आवश्यकता इसलिए होती है क्योकि हम दिन भर के मानसिक-शारीरिक तनाव से मुक्ति चाहते है, पर अगर आप दिन भर कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करेंगे तो पाचन तंत्र सही काम नहीं करेगा फलस्वरूप नींद अच्छी नहीं आएगी.
सक्रिय दिनचर्या रखें : हमें नींद की आवश्यकता इसलिए होती है क्योकि हम दिन भर के मानसिक-शारीरिक तनाव से मुक्ति चाहते है, पर अगर आप दिन भर कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करेंगे तो पाचन तंत्र सही काम नहीं करेगा फलस्वरूप नींद अच्छी नहीं आएगी.
सोते समय कोई किताब पढना एक अच्छी आदत है पर समय का ख्याल भी रखना चाहिए. सस्पेंस, जासूसी या सस्ते साहित्य पढने से आपको ख्याल भी वैसे आयेंगे और सपने भी.
चाय-काफी, कोल्ड ड्रिंक का कम उपयोग : दिन में चाय-काफी कम पिए. ज्यादा पीने से गैस बनती है और पेट भरा भरा सा लगता है और भूख भी नहीं लगती. सोते समय या रात में भूल के भी इन्हें न पिए.
चाय-काफी, कोल्ड ड्रिंक का कम उपयोग : दिन में चाय-काफी कम पिए. ज्यादा पीने से गैस बनती है और पेट भरा भरा सा लगता है और भूख भी नहीं लगती. सोते समय या रात में भूल के भी इन्हें न पिए.
इन्हें पीने से दिमाग सक्रिय हो जाता है और नींद तो आपसे दूर ही भागेगी. खाना खाते समय बीच में और बाद में अगर पानी पीना हो तो हल्का गर्म पानी ही पिए. यह छोटा सा उपाय पाचन प्रक्रिया को तेज करता है और आपको बड़ा हल्का महसूस होगा.
सोते समय ध्यान दें : ऐसा सबके साथ होता है कि सोते समय दिमाग में दिन भर की घटनाओ की फिल्म चलनी शुरू हो जाती है और साथ ही उसकी समीक्षा भी. दिमाग को रोकना तो मुश्किल है पर कंट्रोल करना भी अपने हाथ में है.
सोते समय ध्यान दें : ऐसा सबके साथ होता है कि सोते समय दिमाग में दिन भर की घटनाओ की फिल्म चलनी शुरू हो जाती है और साथ ही उसकी समीक्षा भी. दिमाग को रोकना तो मुश्किल है पर कंट्रोल करना भी अपने हाथ में है.
जो बीत गया वो बस आपके दिमाग में है. इसके बजाय आने वाले दिन की कुछ प्लानिंग कर लें. भगवान का स्मरण करें, अच्छे सकारात्मक, आशावादी विचारो को मन में लायें और गहरी सांस हुए तन-मन को विश्राम दें.
सोते समय सीधे लेटें या करवट लेकर. आयुर्वेद के अनुसार बायीं करवट लेटने से आपकी सूर्य नाडी स्वांस चलती है जिससे पाचन प्रक्रिया तेज होती है. पेट के बल लेटने से पाचन में बाधा आती है
सोते समय सीधे लेटें या करवट लेकर. आयुर्वेद के अनुसार बायीं करवट लेटने से आपकी सूर्य नाडी स्वांस चलती है जिससे पाचन प्रक्रिया तेज होती है. पेट के बल लेटने से पाचन में बाधा आती है
फेफड़े पर्याप्त हवा भी शरीर को नहीं पहुंचा पाते फलतः सोकर उठने पर थकान सी महसूस होती है. पेट के बल सोने की आदत को बदलना चाहिए
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