पता हे - चूमने पर पाबंदी के बारे में


देश में जैसे प्रतिबंधों की बयार चल पड़ी है। ताजा मामला गोवा के एक गांव का है, जहां सार्वजनिक तौर पर चूमने पर पाबंदी लगा दी गई है। सबसे मजेदार है पाबंदी लगाने के लिए दिया गया तर्क। पणजी से थोड़ी ही दूरी पर सागर तट के किनारे बसा मनोरम सल्वाडोर डू मुंडो गांव में यह पाबंदी लगाई है और इसका कारण निवासियों में चिड़चिड़ापन पनपने को बताया गया है।

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सल्वाडोर डू मुंडो की उप-सरपंच रीना फर्नाडीज ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि गांव की पंचायत ने स्थानीय निवासियों के अनुरोध पर यह प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया।

फर्नाडीज के अनुसार यह प्रतिबंध इसी महीने लगाया गया। उन्होंने बताया, "गांव में इधर अवांछित हरकतें कुछ ज्यादा ही हो रही थीं, जिससे स्थानीय निवासियों को परेशानी हो रही थी।"

गांव में सिर्फ चूमने पर ही पाबंदी नहीं लगाई गई है, बल्कि शराब पीने और तेज आवाज में संगीत बजाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। प्रतिबंध की घोषणा के तौर पर गांव में चिपकाए गए पोस्टरों के सोशल मीडिया में आने से यह बात फैली।

इन पोस्टरों में लिखा गया है, "किसी तरह का उत्पात न मचाएं, घूमने आए लोग हमारे गांव को स्वच्छ रखें, शराब पीना, धुम्रपान करना, ऊंची आवाज में संगीत बजाना, सार्वजनिक स्थल पर चूमना एवं उत्पात मचाना सख्त प्रतिबंधित है।"

अग्रणी सोशल साइट फेसबुक पर छाए इस पोस्टर पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी मिली-जुली आ रही हैं।

चिकित्सा पेशे से आने वाले गेरार्ड डीसूजा पूछते हैं, "चूमने पर पाबंदी क्यों? सरकार प्रेम की अभिव्यक्ति पर लगाम क्यों लगा रही है? आप सार्वजनिक स्थल पर पेशाब कर सकते हैं, लेकिन चूम नहीं सकते? इसके पीछे क्या तर्क है?"

वहीं, गांव की ही रहने वाली पैट्रिसिया नजारेथ हालांकि प्रतिबंध का समर्थन करते हुए कहती हैं, "लोग सार्वजनिक स्थल पर चूमते हुए कुछ ज्यादा ही डूब जाते हैं।"

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