Impotancy नपुंसकता को करें बाय-बाय tips
15 December 2019
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नपुंसकता अथवा नामर्दी ( impotancy ) पुरुषों का भयावह और निराश करने वाला रोग है। यह रोग मनोवैज्ञानिक कारणों से उत्पन्न हो सकता है और शरीर कारणों से भी प्रकाश में आता है। नपुसंकता ३ प्रकार की हो सकती है
1 ) प्राथमिक नपुंसकता में पुरुष की काम क्रिया में में प्रवृत्त होने की असफ़लता है। काम इन्द्री penis में तनाव ही पैदा नहीं होता ।
2) दूसरे प्रकार में पुरुष की कामेन्द्रिय में तनाव तो सामान्य होता है लेकिन कभी कभी कुछ अवसर पर सेक्स करने में असफ़ल रहता है। यही नपुंसकता ज्यादातर देखने में आती है।
3) तीसरे प्रकार के नपुंसकता बुढापे मै पैदा होती है।
इन्द्री में तनाव सम्बंधी दोष का कभी न कभी हर पुरुष को सामना करना होता है।तनाव दोष जिसे इरेक्टाइल डिस्फ़न्क्शन(Irectile dysfunction) के नाम से भी जाना जाता है कतिपय गम्भीर बीमारियों जैसे शुगर और हार्ट के रोग की वजह से भी उत्पन्न होता है।
नपुंसकता निवारण के लिये सिल्डेनाफ़िल(वियाग्रा) जैसी औषधियों का प्रयोग प्रचलन में आ गया है।यह असरदार भी है, फ़िर भी ऐसी दवाएं कतिपय हानिकारक प्रभावों से युक्त होती हैं। इसीलिये हर्बल और प्राकृतिक उपचार ही इस रोग में निरापद माने जाते हैं। ऐसे कई हर्बल और प्राकृतिक उपचार हैं जिनसे कामेन्द्रिय को पुष्ट और ताकतवर बनाया जा सकता है और से़क्स का भरपूर आनंद लिया जा सकता है।मैं ऐसे ही कुछ प्रभावी उपचार यहां प्रस्तुत कर रहा हूं-
१) लहसून की 2-3 कलियां कच्ची चबाकर खाने से सेक्स पावर बढता है। यह हमारे शरीर की रोगों से लडने की ताकत बढाता है। लहसुन उन लोगों के लिये भी हितकर है जो अति सेक्स सक्रिय रहते हैं। इसके उपयोग से नाडीमंडल तंदुरस्त रहता है जिससे अधिक सेक्स के बावजूद थकावट मेहसूस नहीं होती है। लहसुन के नियमित उपयोग से स्वस्थ शुक्राणुओं का उत्पादन होता है।भोजन में भी लहसुन शामिल करें।
२) प्याज कामेच्छा जागृत करने और बढाने में विशेष सहायक है। इससे लिंग पुष्ट होता है। एक प्याज कूट-खांडकर मखन या देसी घी में तलें। इसे एक चम्मच शहद में मिश्रित कर खाली पेट खाएं। यह उपचार शीघ्र पतन,स्वप्नदोष और नपुंसकता में बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है।
भोजन मे कच्चा प्याज खाना हितकर है।
उडद की दाल का आटा २०० ग्राम लें। इसे प्याज के रस में एक ह्फ़्ता रखें। बाद में इसे सूखाकर किसी बर्तन में भरकर रख दें। रोज खाली पेट १५ ग्राम लेते रहने से कामेच्छा बढती है और नपुंसकता दूर होती है।
३) गाजर २०० ग्राम पीसलें।इसमें १५ ग्राम शहद और एक उबला अण्डा भी मिला दें। सहवास शक्तिवर्धक (aphrodisiac) बढिया नुस्खा है।
४) भिन्डी की जड का चूर्ण बनालें। यह चूर्ण १० ग्राम बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर दूध में ऊबालकर पीने से नपुंसकता नष्ट होती है।
५) १५ ग्राम सफ़ेद मूसली की जड का पावडर एक गिलास गरम दूध के साथ दिन में दो बार पियें।शीघ्र पतन में लाभकारी है।
६) सहजन पेड की छाल का चूर्ण बनालें। यह चूर्ण ३० ग्राम मात्रा में शहद में मिलाकर चाट लें ।दिन मॆं दो बार लेना चाहिये।
७) मुनक्का ३० ग्राम गरम दूध से नित्य खावें। कब्ज मिटाकर सेक्स पावर बढाता है।
८) अखरोट और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में ३ बार एक माह तक लेने से पुरुषत्व बढता है।
९) अंकुरित अनाज,हरी सब्जियां, फ़ल और सूखे मेवे प्रचुरता से भोजन में ग्रहण करें। नपुंसकता निवारण में इसके महत्व को कम नहीं आंकना चाहिये।
१०) गोखरू और असगन्ध का चूर्ण आधा-आधा चम्मच बराबर मात्रा में शहद में मिलाकर नित्य लेने से इरेक्टाइल डिस्फ़न्क्शन का रोग दूर होकर स्तंभन शक्ति मे वृद्धि होती है।
११) खारक सेक्स परफ़ारमेंस उन्नत करने वाला सूखामेवा है। खारक,बादाम पिस्ता बराबर मात्रा में मिलाकर पीस कर चूर्ण बनालें। ५० ग्राम की मात्रा में नित्य पाव भर गरम दूध के साथ उपयोग करने से नपुंसकता दूर होती है ।
१२) उडद की दाल को पानी के साथ पीसकर पिट्ठी बनालें। कढाई में लाल होने तक भुनलें। इसे दूध में डालकर खीर बनालें। जरूरत के मुताबिक मिश्री भी डालें। यह खीर संभोग शक्ति बढाती है और शीघ्र पतन का भी निवारण करती है। एक महीना प्रयोग करें।
१३) सफ़ेद प्याज का रस और शहद १०-१० ग्राम लें, इसमें २ अंडे की जर्दी और २५ मिलि शराब मिलाकर रोज शाम को लेते रहने से संभोग शक्ति बढती है।
१४) सौंठ, सतावर ,गोरखमुंडी थौडी सी हींग और शकर मिलाकर फ़ंकी लेकर ऊपर से दूध पीने से लिंग पुष्ट और सख्त होता है। वीर्य की वृद्धि होती है । शीघ्र पतन में भी हितकारी है।
१५) वियाग्रा में नाईट्रिक ओक्साईड के प्रभाव में ईजाफ़ा करने के तत्व पाये जाते हैं। इससे लिंग की नसों(दोनों चेम्बर्स) में पर्याप्त रक्त भर जाता है और कठोर तनाव पैदा हो जाता है।इसे दिन में एक बार से ज्यादा नहीं लेनी चाहिये। हां , जो हार्ट के मरीज हैं और नाईट्रोग्लिसरीन दवा ले रहे हों वे वियाग्रा इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाता है और रोगी मुसीबत में आ जाता है। प्रोस्टेट वृद्धि रोग में टेम्सुलोसिन अंग्रेजी दवा का उपयोग करने वाले भी वियाग्रा गोली इस्तेमाल न करें।
१६) ४ ग्राम सोंठ,४ ग्राम सेमल का गोंद, २ ग्राम अकरकरा, २५ ग्राम पिप्पली तथा १० ग्राम काले तिल सबको पीसकर चूर्ण बनालें|रात को सोते वक्त आधा चम्मच चूर्ण एक गिलास मीठे दूध के साथ सेवन करें| यह इलाज कमजोरी दूर कर सेक्स पावर बढाता है| |
१७) पुरुषों के गुप्त रोगों में हर्बल औषधि ज्यादा कारगर और निरापद होती हैं। वैध्य दामोदर से 09826795656 पर संपर्क किया जा सकता है।
१८ ) बेहतर सेक्स के लिये आपको ध्यान रखना होगा कि आपका वजन ज्यादा न हो। आपका खाना संतुलित हो और आप रोज कसरत करें।
योग करने से सेक्स परफ़ार्मेंस में उन्नति आती है। योग में अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम के अलावा शवासन काफी मददगार साबित होते हैं। ठीक तरह से किया गया अनुलोम-विलोम नाडीमंडल को पुष्टि देता है और भ्रामरी प्राणायाम व शवासन दिमाग को शांत बनाए रखते हैं।
प्राणायाम से फायदा : नियमित रूप से और सही तरीके से अगर अनुलोम - विलोम प्राणायाम किया जाए तो उससे फेफड़े मजबूत होते हैं और जिन लोगों को सेक्स करते वक्त सांस फ़ूलने की शिकायत रहती हो ,उनके लिये तो यह प्राणायाम किसी वरदान से कम नहीं है।
विधि:- अनुलोम-विलोम प्राणायाम में सांस अंदर भरके बाहर छोड़ते हैं। इसे तीन चरणों में किया जाता है : पूरक , कुम्भक और रेचक। अंदर सांस भरने को पूरक कहते हैं , सांस अंदर रोकने को कुम्भक और फिर धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ने को रेचक कहते हैं। इनकी अवधि कुछ इस प्रकार होती है : पूरक 5 सेकंड , कुम्भक 20 सेकंड और रेचक 10 सेकंड। यह 1: 4: 2 का अनुपात हुआ , यानी 5 सेकंड ( सांस अंदर खींचने में लगाना ), 20 सेकंड ( सांस अंदर रोके रखने में लगाना ) और 10 सेकंड ( धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ने में लगाना ) । पहले दाएं नासिका छिद्र को बंद करके बायें नासिका छिद्र से सांस भरें। उसे रोकें। फिर बाएं को बंद करके दाएं से छोड़ दें। फिर उसी वक्त दाएं से भरें , रोकें और बाएं से छोड़ दें। यह एक चक्र हुआ। इसी प्रकार दोबारा करने पर यह दो चक्र हो जाएंगे। सुबह - शाम खुली हवा में बैठकर अगर ऐसे १०- से १५ चक्र किए जाएं तो भी सांस फूलने की समस्या कम हो जाती है। जो लोग सांस भरकर 5 सेकंड तक भी अंदर नहीं रोक सकते वे 2-3 सेकंड तक भी रोक सकते हैं। पर , फिर उसी अनुपात में सांस भरने और छोड़ने की अवधि भी कम करनी पड़ेगी।
कुछ समय तक यह प्राणायाम करते रहने से फेफड़े मजबूत होने लगते हैं और आदमी सांस फूलने की तकलीफ से बच सकता है। वैसे भी यह प्राणायाम पूरे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
1 ) प्राथमिक नपुंसकता में पुरुष की काम क्रिया में में प्रवृत्त होने की असफ़लता है। काम इन्द्री penis में तनाव ही पैदा नहीं होता ।
2) दूसरे प्रकार में पुरुष की कामेन्द्रिय में तनाव तो सामान्य होता है लेकिन कभी कभी कुछ अवसर पर सेक्स करने में असफ़ल रहता है। यही नपुंसकता ज्यादातर देखने में आती है।
3) तीसरे प्रकार के नपुंसकता बुढापे मै पैदा होती है।
इन्द्री में तनाव सम्बंधी दोष का कभी न कभी हर पुरुष को सामना करना होता है।तनाव दोष जिसे इरेक्टाइल डिस्फ़न्क्शन(Irectile dysfunction) के नाम से भी जाना जाता है कतिपय गम्भीर बीमारियों जैसे शुगर और हार्ट के रोग की वजह से भी उत्पन्न होता है।
नपुंसकता निवारण के लिये सिल्डेनाफ़िल(वियाग्रा) जैसी औषधियों का प्रयोग प्रचलन में आ गया है।यह असरदार भी है, फ़िर भी ऐसी दवाएं कतिपय हानिकारक प्रभावों से युक्त होती हैं। इसीलिये हर्बल और प्राकृतिक उपचार ही इस रोग में निरापद माने जाते हैं। ऐसे कई हर्बल और प्राकृतिक उपचार हैं जिनसे कामेन्द्रिय को पुष्ट और ताकतवर बनाया जा सकता है और से़क्स का भरपूर आनंद लिया जा सकता है।मैं ऐसे ही कुछ प्रभावी उपचार यहां प्रस्तुत कर रहा हूं-
१) लहसून की 2-3 कलियां कच्ची चबाकर खाने से सेक्स पावर बढता है। यह हमारे शरीर की रोगों से लडने की ताकत बढाता है। लहसुन उन लोगों के लिये भी हितकर है जो अति सेक्स सक्रिय रहते हैं। इसके उपयोग से नाडीमंडल तंदुरस्त रहता है जिससे अधिक सेक्स के बावजूद थकावट मेहसूस नहीं होती है। लहसुन के नियमित उपयोग से स्वस्थ शुक्राणुओं का उत्पादन होता है।भोजन में भी लहसुन शामिल करें।
२) प्याज कामेच्छा जागृत करने और बढाने में विशेष सहायक है। इससे लिंग पुष्ट होता है। एक प्याज कूट-खांडकर मखन या देसी घी में तलें। इसे एक चम्मच शहद में मिश्रित कर खाली पेट खाएं। यह उपचार शीघ्र पतन,स्वप्नदोष और नपुंसकता में बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है।
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उडद की दाल का आटा २०० ग्राम लें। इसे प्याज के रस में एक ह्फ़्ता रखें। बाद में इसे सूखाकर किसी बर्तन में भरकर रख दें। रोज खाली पेट १५ ग्राम लेते रहने से कामेच्छा बढती है और नपुंसकता दूर होती है।
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५) १५ ग्राम सफ़ेद मूसली की जड का पावडर एक गिलास गरम दूध के साथ दिन में दो बार पियें।शीघ्र पतन में लाभकारी है।
६) सहजन पेड की छाल का चूर्ण बनालें। यह चूर्ण ३० ग्राम मात्रा में शहद में मिलाकर चाट लें ।दिन मॆं दो बार लेना चाहिये।
७) मुनक्का ३० ग्राम गरम दूध से नित्य खावें। कब्ज मिटाकर सेक्स पावर बढाता है।
८) अखरोट और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में ३ बार एक माह तक लेने से पुरुषत्व बढता है।
९) अंकुरित अनाज,हरी सब्जियां, फ़ल और सूखे मेवे प्रचुरता से भोजन में ग्रहण करें। नपुंसकता निवारण में इसके महत्व को कम नहीं आंकना चाहिये।
१०) गोखरू और असगन्ध का चूर्ण आधा-आधा चम्मच बराबर मात्रा में शहद में मिलाकर नित्य लेने से इरेक्टाइल डिस्फ़न्क्शन का रोग दूर होकर स्तंभन शक्ति मे वृद्धि होती है।
११) खारक सेक्स परफ़ारमेंस उन्नत करने वाला सूखामेवा है। खारक,बादाम पिस्ता बराबर मात्रा में मिलाकर पीस कर चूर्ण बनालें। ५० ग्राम की मात्रा में नित्य पाव भर गरम दूध के साथ उपयोग करने से नपुंसकता दूर होती है ।
१२) उडद की दाल को पानी के साथ पीसकर पिट्ठी बनालें। कढाई में लाल होने तक भुनलें। इसे दूध में डालकर खीर बनालें। जरूरत के मुताबिक मिश्री भी डालें। यह खीर संभोग शक्ति बढाती है और शीघ्र पतन का भी निवारण करती है। एक महीना प्रयोग करें।
१३) सफ़ेद प्याज का रस और शहद १०-१० ग्राम लें, इसमें २ अंडे की जर्दी और २५ मिलि शराब मिलाकर रोज शाम को लेते रहने से संभोग शक्ति बढती है।
१४) सौंठ, सतावर ,गोरखमुंडी थौडी सी हींग और शकर मिलाकर फ़ंकी लेकर ऊपर से दूध पीने से लिंग पुष्ट और सख्त होता है। वीर्य की वृद्धि होती है । शीघ्र पतन में भी हितकारी है।
१५) वियाग्रा में नाईट्रिक ओक्साईड के प्रभाव में ईजाफ़ा करने के तत्व पाये जाते हैं। इससे लिंग की नसों(दोनों चेम्बर्स) में पर्याप्त रक्त भर जाता है और कठोर तनाव पैदा हो जाता है।इसे दिन में एक बार से ज्यादा नहीं लेनी चाहिये। हां , जो हार्ट के मरीज हैं और नाईट्रोग्लिसरीन दवा ले रहे हों वे वियाग्रा इस्तेमाल न करें क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाता है और रोगी मुसीबत में आ जाता है। प्रोस्टेट वृद्धि रोग में टेम्सुलोसिन अंग्रेजी दवा का उपयोग करने वाले भी वियाग्रा गोली इस्तेमाल न करें।
१६) ४ ग्राम सोंठ,४ ग्राम सेमल का गोंद, २ ग्राम अकरकरा, २५ ग्राम पिप्पली तथा १० ग्राम काले तिल सबको पीसकर चूर्ण बनालें|रात को सोते वक्त आधा चम्मच चूर्ण एक गिलास मीठे दूध के साथ सेवन करें| यह इलाज कमजोरी दूर कर सेक्स पावर बढाता है| |
१७) पुरुषों के गुप्त रोगों में हर्बल औषधि ज्यादा कारगर और निरापद होती हैं। वैध्य दामोदर से 09826795656 पर संपर्क किया जा सकता है।
१८ ) बेहतर सेक्स के लिये आपको ध्यान रखना होगा कि आपका वजन ज्यादा न हो। आपका खाना संतुलित हो और आप रोज कसरत करें।
योग करने से सेक्स परफ़ार्मेंस में उन्नति आती है। योग में अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम के अलावा शवासन काफी मददगार साबित होते हैं। ठीक तरह से किया गया अनुलोम-विलोम नाडीमंडल को पुष्टि देता है और भ्रामरी प्राणायाम व शवासन दिमाग को शांत बनाए रखते हैं।
प्राणायाम से फायदा : नियमित रूप से और सही तरीके से अगर अनुलोम - विलोम प्राणायाम किया जाए तो उससे फेफड़े मजबूत होते हैं और जिन लोगों को सेक्स करते वक्त सांस फ़ूलने की शिकायत रहती हो ,उनके लिये तो यह प्राणायाम किसी वरदान से कम नहीं है।
विधि:- अनुलोम-विलोम प्राणायाम में सांस अंदर भरके बाहर छोड़ते हैं। इसे तीन चरणों में किया जाता है : पूरक , कुम्भक और रेचक। अंदर सांस भरने को पूरक कहते हैं , सांस अंदर रोकने को कुम्भक और फिर धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ने को रेचक कहते हैं। इनकी अवधि कुछ इस प्रकार होती है : पूरक 5 सेकंड , कुम्भक 20 सेकंड और रेचक 10 सेकंड। यह 1: 4: 2 का अनुपात हुआ , यानी 5 सेकंड ( सांस अंदर खींचने में लगाना ), 20 सेकंड ( सांस अंदर रोके रखने में लगाना ) और 10 सेकंड ( धीरे-धीरे सांस बाहर छोड़ने में लगाना ) । पहले दाएं नासिका छिद्र को बंद करके बायें नासिका छिद्र से सांस भरें। उसे रोकें। फिर बाएं को बंद करके दाएं से छोड़ दें। फिर उसी वक्त दाएं से भरें , रोकें और बाएं से छोड़ दें। यह एक चक्र हुआ। इसी प्रकार दोबारा करने पर यह दो चक्र हो जाएंगे। सुबह - शाम खुली हवा में बैठकर अगर ऐसे १०- से १५ चक्र किए जाएं तो भी सांस फूलने की समस्या कम हो जाती है। जो लोग सांस भरकर 5 सेकंड तक भी अंदर नहीं रोक सकते वे 2-3 सेकंड तक भी रोक सकते हैं। पर , फिर उसी अनुपात में सांस भरने और छोड़ने की अवधि भी कम करनी पड़ेगी।
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8011197146
ReplyDeletesir mene bhut jyada hstmethun kr liya h jisse mere sex karne pahle se hi mera viry nikal jata h mujhe kya krna chahiye
ReplyDeleteCall me
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