चार्जिंग स्टेशन फॉर इलेक्ट्रिक कार लाखो कमाये ये स्कीम | electric vehicle charging station


Electric vehicle charging station kaise khole सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों electric vehicle बिक्री बढ़ाने के लिए पूरे देश में पहले चरण में चार्जिंग नेटवर्क बनाने जा रही हैजैसे पेट्रोल पम्प होते ठीक बैसे ही चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए सरकार अब आर्थिक तौर पर मदद भी करेगी

चार्जिंग स्टेशन फॉर इलेक्ट्रिक कार कैसे लगवाए 


सबसे अधिक चार्जिंग स्टेशन 40 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में लगाए जाएंगे। लेकिन 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले किसी भी शहर में चार्जिंग स्टेशन लगाए जा सकते हैं। यह स्टेशन किसी निजी जमीन या सार्वजनिक जगहों पर लगा सकते हैं। पब्लिक के लिए चार्जिंग स्टेशन लगाने वालों को ही सरकार से सब्सिडी मिलेगी।

चार्जिंग स्टेशन लगाने वालों को ऑनलाइन सेवा भी देनी होगी। ग्राहक ऑनलाइन बुकिंग के जरिए अपने वाहन के चार्जिंग के समय को बुक कर सकेंगे। चार्जिंग स्टेशन लगाने वाला व्यक्ति या कंपनी ओपन एक्सेस के तहत किसी भी बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) से बिजली ले सकता है। बिजली कंपनियां चार्जिंग स्टेशन के लिए अपनी सप्लाई की लागत के मुकाबले 15 फीसदी अतिरिक्त चार्ज कर सकेंगी।

यानी कि अगर बिजली आपूर्ति की लागत 5 रुपए प्रति यूनिट है तो चार्जिंग स्टेशन को अधिकतम 6.5 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति होगी। चार्जिंग स्टेशन चालू करने के लिए ग्रीन सिगनल देने का काम डिस्कॉम करेगी।

इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन रजिस्टेशन 

चार्जिंग स्टेशन लगाने में दिलचस्पी रखने वाले कारोबारी या कंपनी भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं। पहले चरण में 1000 चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। हर चार्जिंग स्टेशन पर 6 चार्जर होंगे। मतलब 1000 स्टेशन पर 6000 गाड़ियों को एक बार में चार्ज किया जा सकेगा।

इस प्रकार एक चार्जर से 24 घंटे में कम से कम 15 गाड़ियां चार्ज हो सकेंगी क्योंकि इन स्टेशन पर कई फास्ट चार्जर होंगे। इच्छुक आवेदक 20 अगस्त तक सब्सिडी वाले चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। मंत्रालय के मुताबिक आवेदन की तारीख समाप्त होने के एक माह के भीतर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। चयनित आवेदकों को चार्जिंग स्टेशन लगाने का काम पूरा करने के लिए 9 माह का समय दिया जाएगा।

इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन कॉस्ट

रेट होंगे फिक्स रिपोर्ट के मुताबिक, बेशक चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए लाइसेंस नहीं लेना होगा, लेकिन चार्जिंग स्टेशन किसी तरह की मनमानी नहीं कर पाएंगे। उन पर सरकार की पूरी नजर होगी। राज्य सरकारों की ओर से समय-समय पर रेट तय किए जाएंगे। चार्जिंग स्टेशन मालिक उससे अधिक रेट वाहन मालिकों से नहीं ले पाएंगे। यह रेट एवरेज कॉस्ट से 15 फीसदी से अधिक नहीं होंगे। मंत्रालय की शर्तों के मुताबिक एक चार्जिंग स्टेशन पर 6 चार्जर होंगे और इनमें से कम से कम 3 फास्ट चार्जर होंगे। मतलब ये आधे घंटे में आपके वाहन को चार्ज करने में सक्षम होंगे। बाकी के तीन थोड़े स्लो चार्जर होंगे। चार्जिंग स्टेशन के तीन प्रकार होंगे।

 पहली श्रेणी में सार्वजनिक स्थान पर कमर्शियल इस्तेमाल के लिए लगने वाले चार्जिंग स्टेशन होंगे। दूसरी श्रेणी में मंत्रालय, सचिवालय, सरकारी अस्पताल व अन्य सरकारी भवनों में लगने वाले स्टेशन होंगे जो सिर्फ उस परिसर में आने जाने वाले वाहनों को चार्ज करने के लिए होंगे। तीसरी श्रेणी में गैर सार्वजनिक जगहों पर लगाए जाने वाले चार्जिंग स्टेशन होंगे जो पब्लिक के लिए कमर्शियल तरीके से उपलब्ध होंगे। सरकार की तरफ से मिलने वाली सब्सिडी इस बात पर निर्भर करेगी कि किस श्रेणी में चार्जिंग स्टेशन लगाया जा रहा है।

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