जिंदगी को बताती एक कविता..Poem For Life
जिंदगी बड़ी हसीन हे बस इसे जीने का हुनर होना चाहिए. आज की इस पोस्ट में, में आपको एक कविता बता रहा हु जिंदगी के बारे में, की आखिर कैसी हे यह जिंदगी.
Poem For Life
क्या है जिंदगी कैसी है जिंदगी.
शायर कहे, जिंदादिली का नाम है जिंदगी.
किसान कहे मेहनत में है जिंदगी.
व्यापारी कहे शुभ-लाभ है जिंदगी.
जवान के लिए हंसी-दिल्लगी है जिंदगी.
कॉलेज गर्ल कहे बड़ी मस्त है जिंदगी.
कवि के लिए कविता है जिंदगी.
खिलाडी के लिए तो मैदान है जिंदगी.
क्या है जिंदगी कैसी है जिंदगी.
शायर कहे, जिंदादिली का नाम है जिंदगी.
किसान कहे मेहनत में है जिंदगी.
व्यापारी कहे शुभ-लाभ है जिंदगी.
जवान के लिए हंसी-दिल्लगी है जिंदगी.
कॉलेज गर्ल कहे बड़ी मस्त है जिंदगी.
कवि के लिए कविता है जिंदगी.
खिलाडी के लिए तो मैदान है जिंदगी.
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नेता बोले, पहले वोट फिर कुर्सी है जिंदगी.
अफसर बोले, कमीशन और रिशवत ही है जिंदगी.
अमीरों के लिए ऐशो-आराम है जिंदगी.
गरीबो के लिए कसाई है जिंदगी.
बीमार के लिए बस दवाई है जिंदगी.
पंडित कहे श्रीराम, काजी कहे मौला है जिंदगी.
दोस्त कहे दोस्ती, औरत कहे गुस्ती है जिंदगी.
बच्चो के लिए तो खिलौना ही है जिंदगी.
बूढ़े कहे, कल तक अपनों का प्यार थी जिंदगी.
बुढ़ापा बना बैरी, अब तो बेमान है जिंदगी.
कल तक थी बड़ी ही खुशहाल जिंदगी.
नेता बोले, पहले वोट फिर कुर्सी है जिंदगी.
अफसर बोले, कमीशन और रिशवत ही है जिंदगी.
अमीरों के लिए ऐशो-आराम है जिंदगी.
गरीबो के लिए कसाई है जिंदगी.
बीमार के लिए बस दवाई है जिंदगी.
पंडित कहे श्रीराम, काजी कहे मौला है जिंदगी.
दोस्त कहे दोस्ती, औरत कहे गुस्ती है जिंदगी.
बच्चो के लिए तो खिलौना ही है जिंदगी.
बूढ़े कहे, कल तक अपनों का प्यार थी जिंदगी.
बुढ़ापा बना बैरी, अब तो बेमान है जिंदगी.
कल तक थी बड़ी ही खुशहाल जिंदगी.
अब बन चुकी है बड़ी बेईमान जिंदगी.
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