वीर्य से जुड़े कुछ मिथक और सम्भोग के बारे में veerya importance shakti
8 October 2016
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virya preserving veerya veerya paat - यह सर्वदा गलत है कि वीर्य की एक बूँद खून की 40 बूँदों के बराबर होती है. यदि ऐसा होता है तो सारे विवाहित पुरुष अनीमिया के शिकार होते.
कैसे बनता है वीर्य shukranu test hindi
वीर्य की उत्पत्ति शुक्राशय में होती है. पौरुष ग्रन्थि(Prostate Gland) काउपर्स ग्रन्थि(Cowpen's Glands) जिसे बल्बो, यूरेथल ग्रन्थि भी कहते हैं. और शुक्राशय ग्रन्थि से निकलने वाले तीनो प्रकार के स्रावों के मिश्रण में वीर्य (Semen) बनता है. अतः वीर्य की उत्पत्ति खून से नही होती है.
संभोग करना स्वास्थ्यवर्धक है veerya vardhak veerya in hindi
पुरुष जननांगों में वीर्य का निर्माण निरन्तर होता रहता है इसलिए इसे संभोग क्रिया द्वारा अवश्य निकाला जाये न की हमेशा ब्रह्मचर्य का पालन कर संग्रह करके रखा जाये. जिस प्रकार पानी की टँकी भर जाती है तो उसका पानी नल खोलकर बहाया जाता है नही तो वो ओवरफ्लो होकर व्यर्थ बाहर बहने लगता है. ठीक वैसे ही शुक्राशय रूपी टँकी के अतिरिक्त जमा वीर्य स्वप्न दोष के जरिए समय-समय पर अपने आप निकल जाता है. अतः संभोग से आनन्द प्राप्त कर वीर्यपात कर लेना नुकसानदेय नही बल्कि स्वास्थ्यप्रद होता है. वैज्ञानिकों के मतानुसार संभोग करते रहने वाले को हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है.
संभोग स्त्री सौंदर्य बढ़ाता है
उत्तेजना की चरम अवस्था समाप्त होते ही शीशन से वीर्य निकल कर योनि में चला जाता है इसका कुछ अंश स्त्री के गुप्तांगो के ऊतकों द्वारा सोख लिया जाता है जो स्त्री के लिए एक टॉनिक का कार्य करता है. यही कारण है कि विवाह के बाद नवयुवती का स्वास्थ्य और सौंदर्य निखर आता है. आगे क्लिक से पढे - वीर्य या शुक्र कैसे बनता हे how to madeup shukranu in human
कैसे बनता है वीर्य shukranu test hindi
वीर्य की उत्पत्ति शुक्राशय में होती है. पौरुष ग्रन्थि(Prostate Gland) काउपर्स ग्रन्थि(Cowpen's Glands) जिसे बल्बो, यूरेथल ग्रन्थि भी कहते हैं. और शुक्राशय ग्रन्थि से निकलने वाले तीनो प्रकार के स्रावों के मिश्रण में वीर्य (Semen) बनता है. अतः वीर्य की उत्पत्ति खून से नही होती है.
संभोग करना स्वास्थ्यवर्धक है veerya vardhak veerya in hindi
पुरुष जननांगों में वीर्य का निर्माण निरन्तर होता रहता है इसलिए इसे संभोग क्रिया द्वारा अवश्य निकाला जाये न की हमेशा ब्रह्मचर्य का पालन कर संग्रह करके रखा जाये. जिस प्रकार पानी की टँकी भर जाती है तो उसका पानी नल खोलकर बहाया जाता है नही तो वो ओवरफ्लो होकर व्यर्थ बाहर बहने लगता है. ठीक वैसे ही शुक्राशय रूपी टँकी के अतिरिक्त जमा वीर्य स्वप्न दोष के जरिए समय-समय पर अपने आप निकल जाता है. अतः संभोग से आनन्द प्राप्त कर वीर्यपात कर लेना नुकसानदेय नही बल्कि स्वास्थ्यप्रद होता है. वैज्ञानिकों के मतानुसार संभोग करते रहने वाले को हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है.
संभोग स्त्री सौंदर्य बढ़ाता है
उत्तेजना की चरम अवस्था समाप्त होते ही शीशन से वीर्य निकल कर योनि में चला जाता है इसका कुछ अंश स्त्री के गुप्तांगो के ऊतकों द्वारा सोख लिया जाता है जो स्त्री के लिए एक टॉनिक का कार्य करता है. यही कारण है कि विवाह के बाद नवयुवती का स्वास्थ्य और सौंदर्य निखर आता है. आगे क्लिक से पढे - वीर्य या शुक्र कैसे बनता हे how to madeup shukranu in human
हमारे धार्मिक ग्रन्थों, आयुर्वेद शास्त्रों,पुराणों और विद्धानों ने पुरुष के वीर्य को इतना महत्व प्रदान किया है कि वीर्य का क्षय से ही मृत्यु और इसको धारण से ही जीवन है लेकिन आज के वैज्ञानिक ने रिसर्च कर यह सिद्ध किया है कि वीर्य बनने की प्रक्रिया जननांगों में निरन्तर चालू रहती है अतः अपने मन में पाले भय को निकाल फेके.veerya in english
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