सांप घूम रहे है उड़ने वाले साबधान flying snake india
23 March 2016
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तमिलनाडु के कोयंबटूर में रेस्क्यू टीम ने उड़ने वाले सांप को पकड़ा है। कोयंबटूर के बाहरी इलाके से इस सांप को पकड़ा गया उड़ने वाले सांप की प्रजाति का तीन फुट लम्बा सांप पाया गया है | वन- विशेषज्ञ की माने तो ये प्रजाति श्रीलंका में पायी जाती है | हालांकि इस सांप को पकड़ वन अधिकारी को सौंप दिया गया है | रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने बताया कि जब सांप के बारे में जानकारी मिली। जब मौके पर गए तो देखा कि सांप एक जगह से दूसरी जगह पर उछल कर जा रहा था। ऐसा पहली बार देखा। बाद में सांप को पकड़ा गया और वन विभाग को सौंप दिया गया।
उड़ने वाले सांपों के बारे में आपने किस्से-कहानियों में ही सुना होगा, लेकिन ये बात सच है। उड़ने वाले सांपों के बारे में बताने वाली कहानियों की बात तब सच हो गई है जब हाल ही में एक उड़ने वाले सांप को देखा गया। यह सांप अब तक देखे गए सभी प्रजाति के सांपों से बिल्कुल अलग और अनोखा है। इसकी सबसे खास बात तो उड़ना है, जबकि अब तक पाए गए सभी सांप सिर्फ रेंग कर या फिर उछल-उछल कर दूसरे स्थान पर पहुंचते हैं।
एक स्थान से दूसरे स्थान तक उड़कर पहुंचने वाले साप आंध्र प्रदेश के सेसाचलम के जंगलों में देखे है। कहा जाता है कि उड़ने वाले सांप चंदन के पड़ों पर रहते हैं, ऎसे में यह वही इलाका है जहां चंदन के पेड़ पाए जाते हैं। वन अधिकारियों और अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक यह सांप क्रिसोपेलिया प्रजाति का है जो उड़ने में सक्षम है।
श्रीलंका से आया ये सांप-
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक ये उड़ने वाले सांप श्रीलंका से यह सांप आंध्रप्रदेश उड़कर ही आया है। इसके अलावा जैव विविधता से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिका चेकलिस्ट ने भी इस बात का समर्थन किया है तथा उसके ताजा अंक में इसका खुलासा किया है।
रात के समय भरते हैं उड़ान-
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक इस प्रजाति के सांप रात्रिचर यानि रात के समय ही उड़ते हैं। दिन के समय ये सांप अपना वक्त चंदन के पेड़ों से लिपटकर काटते हैं तथा दूसरे स्थान पर उड़कर जाने के लिए रात्रि का समय चुनते हैं।
परछाई पड़ने पर हो सकता है लकवा-
किस्से-कहानियों में भी बताया जाता है कि यदि किसी इंसान पर उसकी परछाई पड़ जाए तो उसे लकवा मार जाता है। तो कृपया अपने सभी मित्रो को खबर जरूर भेजे और आप भी सजग रहे
तमिलनाडु के कोयंबटूर में रेस्क्यू टीम ने उड़ने वाले सांप को पकड़ा है। कोयंबटूर के बाहरी इलाके से इस सांप को पकड़ा गया उड़ने वाले सांप की प्रजाति का तीन फुट लम्बा सांप पाया गया है | वन- विशेषज्ञ की माने तो ये प्रजाति श्रीलंका में पायी जाती है | हालांकि इस सांप को पकड़ वन अधिकारी को सौंप दिया गया है | रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने बताया कि जब सांप के बारे में जानकारी मिली। जब मौके पर गए तो देखा कि सांप एक जगह से दूसरी जगह पर उछल कर जा रहा था। ऐसा पहली बार देखा। बाद में सांप को पकड़ा गया और वन विभाग को सौंप दिया गया।
उड़ने वाले सांपों के बारे में आपने किस्से-कहानियों में ही सुना होगा, लेकिन ये बात सच है। उड़ने वाले सांपों के बारे में बताने वाली कहानियों की बात तब सच हो गई है जब हाल ही में एक उड़ने वाले सांप को देखा गया। यह सांप अब तक देखे गए सभी प्रजाति के सांपों से बिल्कुल अलग और अनोखा है। इसकी सबसे खास बात तो उड़ना है, जबकि अब तक पाए गए सभी सांप सिर्फ रेंग कर या फिर उछल-उछल कर दूसरे स्थान पर पहुंचते हैं।
एक स्थान से दूसरे स्थान तक उड़कर पहुंचने वाले साप आंध्र प्रदेश के सेसाचलम के जंगलों में देखे है। कहा जाता है कि उड़ने वाले सांप चंदन के पड़ों पर रहते हैं, ऎसे में यह वही इलाका है जहां चंदन के पेड़ पाए जाते हैं। वन अधिकारियों और अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक यह सांप क्रिसोपेलिया प्रजाति का है जो उड़ने में सक्षम है।
श्रीलंका से आया ये सांप-
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक ये उड़ने वाले सांप श्रीलंका से यह सांप आंध्रप्रदेश उड़कर ही आया है। इसके अलावा जैव विविधता से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिका चेकलिस्ट ने भी इस बात का समर्थन किया है तथा उसके ताजा अंक में इसका खुलासा किया है।
रात के समय भरते हैं उड़ान-
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक इस प्रजाति के सांप रात्रिचर यानि रात के समय ही उड़ते हैं। दिन के समय ये सांप अपना वक्त चंदन के पेड़ों से लिपटकर काटते हैं तथा दूसरे स्थान पर उड़कर जाने के लिए रात्रि का समय चुनते हैं।
परछाई पड़ने पर हो सकता है लकवा-
किस्से-कहानियों में भी बताया जाता है कि यदि किसी इंसान पर उसकी परछाई पड़ जाए तो उसे लकवा मार जाता है। तो कृपया अपने सभी मित्रो को खबर जरूर भेजे और आप भी सजग रहे
super
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