गांव और शहर में अन्तर village life and city life difference


गांव और शहर में अन्तर इतना ही है
गांव में कुत्ता आवारा घूमता है और गाय पाली जाती है ।
और
शहर मैं कुत्ता पाला जाता है और गाय आवारा घुंमत्ती हैं

पड़ोसी, पड़ोसी से बेखबर होने लगा है...!
.
.
.
बधाई!
,
ये गाँव भी अब शहर होने लगा है...



"चंद सिक्को की मजबूरी ही है,
जो खुद का बच्चा रोता छोड़ के
एक माँ अपने मालकिन के बच्चों को रोज खिलाने जाती है।।।"


दरवाजें बड़े करवाने है मुझे, अपने आशियाने के क्योकि
कुछ दोस्तो का कद बड़ा हो गया है चार पैसे कमाने से

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