बवासीर पाईल्स का इलाज Piles treatment at home in hindi


बवासीर / अर्श (piles treatment)- को आधुनिक सभ्यता का विकार कहें तो कॊई अतिश्योक्ति न होगी पाईल्स ऐसा रोग है जो किसी भी व्यक्ति का रात दिन का चैन सुकून छीन लेता है खाने पीने मे अनिमियता , जंक फ़ूड का बढता हुआ चलन और व्यायाम का घटता महत्व, वात, पित, कफ़ ये तीनो दोष त्वचा, मांस, मेदा को दूषित करके गुदा के अंदर और बाहरी स्थानों मैं मांस के अंकुर (मस्से/फफोले) तैयार करते हैं. इन्ही मांस के अंकुरों को बवासीर या अर्श कहते हैं ! ये मांस के अंकुर गुदामार्ग का अवरोध करते हैं और मलत्याग के समय शत्रु की भांति पीड़ा करते हैं ! इसलिए इनको अर्श भी कहा जाता है. ( चरक) बवासीर का सबसे उत्तम उपचार आयुर्वेद के द्वारा ही किया जा सकता है ! आयुर्वेदिक उपचार एक बहुत ही सुलझा और बिना साइड इफ़ेक्ट का उपचार है ! पाइल्स को पूरी तरह से आयुर्वेदिक तरीके से ही ठीक किया जा सकता है| लेकिन और भी कई कारण हैं बवासीर के रोगियों के बढने में । तो सबसे पहले जाने बवासीर और उसके मूल कारण :

आंतों के अंतिम हिस्से या मलाशय की धमनी शिराओंके फ़ैलने को बवासीर कहा जाता है ।
बवासीर तीन प्रकर की हो सकती है -
  1. बाह्य पाइल्स: फ़ैली हुई धमनी शिराओं का मल द्वार से बाहर आना
  2. आन्तरिक पाइल्स : फ़ैली हुई धमनी शिराओं का मल द्वार के अन्दर रहना
  3. मिक्सड पाइल्स: भीतरी और बाहरी मस्से
कारण bawasir symptoms
  • बहुत दिनों तक कब्ज की शिकायत रहना
  • सिरोसिस आफ़ लिवर
  • ह्र्दय की कुछ बीमारियाँ
  • मध, मांस, अण्डा, प्याज , लहसुन, मिर्चा, गरम मसाले से बनी सब्जियाँ, रात्रि जागरण , वंशागत रोग ।
  • मल त्याग के समय या मूत्र नली की बीमारी मे पेशाब करते समय काँखना
  • गर्भावस्था मे भ्रूण का दबाब पडना
  • डिस्पेपसिया और किसी जुलाब की गोली क अधिक दिनॊ तक सेवन करना
लक्षण bawasir ke lakshan in hindi 
1- मलद्वार के आसपास खुजली होना
2- मल त्याग के समय कष्ट का आभास होना
3- मलद्वार के आसपास पीडायुक्त सूजन
4- मलत्याग के बाद रक्त का स्त्राव होना
5- मल्त्याग के बाद पूर्ण रुप से संतुष्टि न महसूस करना

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कब्ज के निवारण पर अधिक ध्यान दें । इसके लिये :(यहाँ क्लिक कर जाने 15 तरीके से कब्ज का रामबाण इलाज Constipation remedy)
  • अधिक मात्रा मे पानी पियें
  • रेशेदार खाध पदार्थ जैसे फ़ल , सब्जियाँ और अनाज लें | आटे मे से चोकर न हटायें ।
  • मलत्याग के समय जोर न लगायें
  • व्यायाम करें और शारिरिक गतिशीलता को बनाये रखें ।
अगर बवासीर के मस्सों मे अधिक सूजन और दर्द हो तो :- 
गुनगुने पानी की सिकाई करें या ’सिट्स बाथ’ लें । एक टब मे गुनगुना पानी इतनी मात्रा मे लें कि उसमे नितंब डूब जायें । इसमे २०-३० मि. बैठें । bawasir ke lakshan, tablet bawasir medicine piles ilaj, gharelu upchar Treatment in Hindi

2 Responses check and comments

  1. Thanks for sharing home remedies. You need not to suffer from piles any longer because herbal remedies cures both causes and symptoms of piles. It provides long term result.

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  2. Thanks for sharing very useful post. Piles can be treated naturally and safely with the use of herbal supplement because of its effectiveness.

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