भारत की लुप्तप्राय प्रजातियाँ केवल तस्वीरों में ही देखिये Most Endangered Wild Animal Species
17 November 2015
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भारत के प्राचीन ग्रथों में पशुपक्षियों का विस्तृत वर्णन मिलता है। वनों की कटाई और अन्य मानवीय गतिविधि जंगली जानवरों के लिए उनके निवास स्थान ना होने की बजाय से विलुप्त होने की कगार पर हे। क्या आपको पता है भारत में कितनी संख्या में शेर मोर चीते बचे है ?… कारण पर्यावरण प्रदूषण, वनों की कटाई, निवास स्थान के नुकसान, मानव हस्तक्षेप, अवैध शिकार अगर जल्द ही रोक नहींगया तो केवल इंसान होगा मशीनरी पे निर्भर - शहरीकरण भी रोको ?
भारत के लुप्तप्राय जानवरों ग्रेट इंडियन गिद्ध, भारतीय गिलहरी, विशालकाय भारतीय चमगादड़, और किंग कोबरा हैं। भारत के विलुप्त जानवरों के कुछ एशियाई चीता भी शामिल है, गुलाबी बतख और भारतीय औरोक्स
चीता (केवल तस्वीरों में ही देखिये) अपनी अदभुत फूर्ती और रफ्तार के लिए पहचाना जाता है।
कस्तूरीमृग, अजगर, गिद्ध, उष्ट्र, कछुआ, कपोतक (पंडुक), गिलहरी, गेंडा, गौरैया, घड़ियाल, चकोर, चक्रवाक, चमगादड़, चित्रगर्दभ, चातक, चील, चींटी, चीता, जलकाक, तेंदुआ, तोता, दिमक, धेनश, नागराज, नाग, नीलगाय, बाघ, बिच्छू, बिल्ली, बुलबुल, भालू, भेड़, भैंसा, महाश्येन, मैना, मोर, बानर, शशक, श्येन, सिंह, सूअर और हाथी।
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भारतीय मोर
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पहचाना आपने,जी हाँ फूल से रस चूसती मधुमक्खी, जो फूलों से मकरंद चूस कर,शहद में परिवर्तित करती हैं, इन मधुमक्खियों के छत्ते पेड़ो पर लटकते दिखाई दे जाते थे, और जिन छत्तों पर यह मधुमक्खियाँ पर दिखाईं देतीं थी, अब कहाँ यह शेहद के छत्ते और यह मधुमखियाँ कहाँ दृष्टिगोचर होतीं हैं ?,अब तो यह नजारा देखना दुर्लभ सा हो गया है, धरती पर तेजी से बनते घरों के कारण,इनका आशियाना बाग़,बगीचें छिनते जा रहें हैं,और यह शेहद की मक्खियाँ लुप्तप्राय: होतीं जा रहीं हैं |
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इस नन्ही सी चिड़िया से कौन परिचित नहीं होगा, हमारे,आपके घरों में लटकी हुई फोटों के पीछे यह अपना घोंसला बनाती थी, लेकिन अब तो गगनचुम्बी इमारतों का निर्माण होने लगा हैं, यह चिड़ियाँ तो धारा पर बसे हुए घरों में अधिक स्थान होने के कारण,यह उन घरों में अपना घोसला बनातीं थीं ,परन्तु गगनचुम्बी इमारतों में इनकों घोस्लां बनाना कठिन हैं, इनका भी आशियाना छिनता जा रहा है, यह चिड़िया बारिश के जमीन पर पड़े हुए पानी में नहाते हुयें दिखाई दे जातीं थी,पर अब कहाँ वोह नजारा देखने को मिलता है ?
आज कल प्रक्रति का सफाई कर्मचारी यानि कि गिद्ध जो मरे हुए जीव,जंतुओं को कहा,कहा करके सफाई को अंजाम देते हैं,वोह भी तो लुप्त होते जा रहें हैं, केवल शेरो की संख्यां तो कम हो गयीं हैं,परन्तु यह जीव जंतु भी तो लुप्त होने के कगार की ओर अग्रसर हो रहें हैं |
केवल शेर क्यों इन जीव,जंतुओं का सरंक्षण दो...
भारत के लुप्तप्राय जानवरों ग्रेट इंडियन गिद्ध, भारतीय गिलहरी, विशालकाय भारतीय चमगादड़, और किंग कोबरा हैं। भारत के विलुप्त जानवरों के कुछ एशियाई चीता भी शामिल है, गुलाबी बतख और भारतीय औरोक्स
चीता (केवल तस्वीरों में ही देखिये) अपनी अदभुत फूर्ती और रफ्तार के लिए पहचाना जाता है।
भारत में हमारे साथ कम से कम स्तनपायी (Mammals) जीवों की 397 प्रजातियाँ, पक्षियों की 1232, सरीसृपों (Reptiles) की 460, मछलियों की 2546 और कीट-पतंगों की 59, 353 प्रजातियाँ भी निवास करती हैं। भारत 18,664 तरह के पेड़-पौधों का घर भी है। भारत का कुल क्षेत्रफ़ल विश्व का 2.4 प्रतिशत ही है लेकिन जैव विविधता में भारत का योगदान 8 प्रतिशत है।
निम्नलिखित पशुपक्षियों का वर्णन का वर्णन मिलता है
चमगादड़
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भारतीय मोर
पहचाना आपने,जी हाँ फूल से रस चूसती मधुमक्खी, जो फूलों से मकरंद चूस कर,शहद में परिवर्तित करती हैं, इन मधुमक्खियों के छत्ते पेड़ो पर लटकते दिखाई दे जाते थे, और जिन छत्तों पर यह मधुमक्खियाँ पर दिखाईं देतीं थी, अब कहाँ यह शेहद के छत्ते और यह मधुमखियाँ कहाँ दृष्टिगोचर होतीं हैं ?,अब तो यह नजारा देखना दुर्लभ सा हो गया है, धरती पर तेजी से बनते घरों के कारण,इनका आशियाना बाग़,बगीचें छिनते जा रहें हैं,और यह शेहद की मक्खियाँ लुप्तप्राय: होतीं जा रहीं हैं |
इस नन्ही सी चिड़िया से कौन परिचित नहीं होगा, हमारे,आपके घरों में लटकी हुई फोटों के पीछे यह अपना घोंसला बनाती थी, लेकिन अब तो गगनचुम्बी इमारतों का निर्माण होने लगा हैं, यह चिड़ियाँ तो धारा पर बसे हुए घरों में अधिक स्थान होने के कारण,यह उन घरों में अपना घोसला बनातीं थीं ,परन्तु गगनचुम्बी इमारतों में इनकों घोस्लां बनाना कठिन हैं, इनका भी आशियाना छिनता जा रहा है, यह चिड़िया बारिश के जमीन पर पड़े हुए पानी में नहाते हुयें दिखाई दे जातीं थी,पर अब कहाँ वोह नजारा देखने को मिलता है ?
आज कल प्रक्रति का सफाई कर्मचारी यानि कि गिद्ध जो मरे हुए जीव,जंतुओं को कहा,कहा करके सफाई को अंजाम देते हैं,वोह भी तो लुप्त होते जा रहें हैं, केवल शेरो की संख्यां तो कम हो गयीं हैं,परन्तु यह जीव जंतु भी तो लुप्त होने के कगार की ओर अग्रसर हो रहें हैं |
केवल शेर क्यों इन जीव,जंतुओं का सरंक्षण दो...
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