भूकंप (भूकम्प ) क्या कैसे बचे पहचाने आने से पहले hindi earthquake
3 May 2015
पृथ्वी पर होने वाला कंपन है जो धीमा या तेज़ हो सकता हे
हमारी धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें ‘टैकटोनिक प्लेट्स’ कहा जाता है। वैसे तो ये ‘टैकटोनिक प्लेट्स’ अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है।कुछ ऐसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापता है। रिक्टर स्केल पैमाने को सन 1935 में कैलिफॉर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने बेनो गुटेनबर्ग के सहयोग से खोजा था। इस स्केल के अंतर्गत प्रति स्केल भूकंप की तीव्रता 10 गुणा बढ़ जाती है और भूकंप के दौरान जो ऊर्जा निकलती है वह प्रति स्केल 32 गुणा बढ़ जाती है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि 3 रिक्टर स्केल पर भूकंप की जो तीव्रता थी वह 4 स्केल पर 3 रिक्टर स्केल का 10 गुणा बढ़ जाएगी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 8 रिक्टर पैमाने पर आया भूकंप 60 लाख टन विस्फोटक से निकलने वाली ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
ऐसे लगाया जाता है तीव्रता का अनुमान
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र ( एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैंकड़ो किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है। अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है। लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता। समुद्र में भूकंप आने पर सुनामी उठती है। पिछले दिनों जापान के नजदीक समुद्र में आए भूकंप से उठी सुनामी ने भयानक तबाही मचाई थी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
हमारी धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें ‘टैकटोनिक प्लेट्स’ कहा जाता है। वैसे तो ये ‘टैकटोनिक प्लेट्स’ अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है।कुछ ऐसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापता है। रिक्टर स्केल पैमाने को सन 1935 में कैलिफॉर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने बेनो गुटेनबर्ग के सहयोग से खोजा था। इस स्केल के अंतर्गत प्रति स्केल भूकंप की तीव्रता 10 गुणा बढ़ जाती है और भूकंप के दौरान जो ऊर्जा निकलती है वह प्रति स्केल 32 गुणा बढ़ जाती है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि 3 रिक्टर स्केल पर भूकंप की जो तीव्रता थी वह 4 स्केल पर 3 रिक्टर स्केल का 10 गुणा बढ़ जाएगी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 8 रिक्टर पैमाने पर आया भूकंप 60 लाख टन विस्फोटक से निकलने वाली ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
ऐसे लगाया जाता है तीव्रता का अनुमान
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र ( एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैंकड़ो किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है। अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है। लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता। समुद्र में भूकंप आने पर सुनामी उठती है। पिछले दिनों जापान के नजदीक समुद्र में आए भूकंप से उठी सुनामी ने भयानक तबाही मचाई थी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
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* भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है
भूकम्प आने के पहले
भूकम्प आने से पहले तैयारी कर लेने से आपके घर और कारोबार को होने वाली क्षति कम करने और आपको जीवित बचने में मदद मिलती है।
- एक घरेलू आपातकालीन योजना तैयार करें। अपने घर में अपने आपातकालीन बचाव वस्तुएं व्यवस्थित करें और इनका सही रखरखाव बनाए रखें, साथ ही एक साथ ले जाने योग्य गेटअवे किट (बचाव किट) भी तैयार करें।
- गिरने, ढंकने और थामने का अभ्यास करें।
- अपने घर में, स्कूल या कार्यस्थल में सुरक्षित स्थलों को पहचानें। सुरक्षित स्थलों के बारे में अधिक जानकारी के लिए दायीं ओर दिए गए पैनल को देखें।
- सुरक्षा और धनराशि के संदर्भ में अपनी घरेलू बीमा पॉलिसी की जांच करें।
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका घर अपनी नीवों पर सुरक्षित है, किसी योग्य विशेषज्ञ से सलाह लें और यह सुनिश्चित करें कि आपके घर या बिल्डिंग मे कोई भी नई मरम्मत या नवीनीकरण न्यूजीलैण्ड भवन सहिंता का अनुपालन करती है।
- भारी फर्नीचर वस्तुओं को फर्श या दीवार से मज़बूती से जोड कर रखें।
अपने घर को भूकम्प से सुरक्षित बनाने के बारे में अधिक जानने के लिए www.eqc.govt.nz देखें।
भूकम्प आने के दौरान
- यदि आप किसी भवन के अंदर हैं, तो कुछ कदम से अधिक न चलें, खुद को गिराएं, ढंकें और थामे रखें। कम्पन थम जाने तक अंदर ही रहें और बाहर तभी निकलें जब आप यह निश्चित कर लें कि अब ऐसा करना सुरक्षित है। न्यूजीलैण्ड में अधिकांश भवनों में आप अधिक सुरक्षित रहेंगे यदि आप कम्पन थमने तक वहीं ठहरते हैं।
- यदि आप किसी एलिवेटर पर हैं, तो खुद को गिराएं, ढंकें और थामे रखें। कम्पन थमने पर नजदीकी फर्श पर जाने की कोशिश करें यदि आप सुरक्षित रूप से ऐसा कर सकें।
- यदि आप बाहर हैं, तो इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीटलाइटों और बिजली की लाईनों से कुछ कदम से अधिक दूर न जाएं, फिर खुद को गिराएं, ढंकें और थामे रखें।
- यदि आप किसी बीच पर तट के निकट हैं, तो खुद को गिराएं, ढंकें और थामे रखें और फिर तत्काल ऊंची जमीन की ओर जाएं यदि भूकम्प के बाद सुनामी आ रही हो।
- यदि आप वाहन चला रहे हैं, तो किसी खुली जगह तक जाएं, रूकें और वहीं ठहरें और अपनी सीटबेल्ट को तब तक कसे रखें जब तक कि कम्पन न थम जाएं। एक बार कम्पन थम जाने पर, सावधानीपूर्वक आगे बढ़ें और उन पुलों या ढलानों पर न जाएं जो क्षतिग्रस्त हो चुके हो सकते हैं।
- यदि आप किसी पर्वतीय क्षेत्र में या अस्थिर ढलानों या खड़ी चट्टानों पर हैं, तो मलबा गिरने या भूस्खलन होने के प्रति सचेत रहें।
भूकम्प आने के बाद
- अपने स्थानीय रेडियो केन्द्रों का प्रसारण सुनें जहां आपातस्थिति प्रबंधन कर्मचारी, आपके समुदाय और परिस्थिति के लिए सबसे उपयुक्त सलाह देंगे।
- भूकम्प के बाद के झटके महसूस करने के लिए तैयार रहें।
- यदि चोट लगी हो तो अपनी जांच करें और आवश्यक होने पर प्राथमिक चिकित्सा प्राप्त करें। दूसरों की मदद करें यदि आप ऐसा कर सकें।
- सतर्क रहें कि बिजली आपूर्ति भंग हो सकती है और फायर अलार्म तथा स्प्रिंकलर सिस्टम भूकम्प के दौरान भवन में काम करना बंद कर सकते हैं चाहे आग न लगी हो। इसकी जांच करें और छोटी-मोटी आग हो तो बुझा दें।
- यदि आप किसी क्षतिग्रस्त भवन में हैं, तो बाहर आने की कोशिश करें और एक सुरक्षित, खुला स्थान खोजें। एलिवेटरों के बजाय सीढि़यों का इस्तेमाल करें।
- बिजली की गिरी हुई लाईनों या टूटी गैस लाईनों का ध्यान रखें और क्षतिग्रस्त इलाके से बाहर निकल जाएं।
- आपातकालीन कॉलों के लिए लाईनें खुली रखने के लिए फोन का उपयोग केवल छोटी, जरूरी कॉलों के लिए ही करें।
- यदि आपको गैस की गंध आती है या आप कोई धमाके या सरसराहट की आवाज सुनते हैं, तो एक खिड़की खोलें, हर एक को जल्दी से बाहर निकालें और गैस बंद कर दें यदि आप ऐसा कर सकें। यदि आप चिंगारियां निकलती देखें, टूटे हुए तार या बिजली के सिस्टम क्षतिग्रस्त हो चुके देखें, तो मुख्य फ्यूज बॉक्स से बिजली आपूर्ति बंद कर दें यदि ऐसा करना सुरक्षित हो।
- अपने जानवरों को अपने सीधे नियंत्रण में रखें वरना वे बेचैन होकर इधर-उधर भाग सकते हैं। अपने जानवरों को खतरों से बचाने और अन्य लोगों को आपके जानवरों से बचाने के उपाय करें।
- यदि आपकी संपत्ति नष्ट हो गई हो, तो बीमा उद्देश्यों के लिए इसका विवरण लिखें और फोटो खींच लें। यदि आपकी सम्पत्ति किराए की है, तो अपने मकान-मालिक से सम्पर्क करें और अपनी संबंधित बीमा कंपनी से सम्पर्क करें जितनी जल्दी संभव हो सके।